Bharti Airtel Share Price: EMA के नीचे गिरावट, कमजोरी का बड़ा संकेत

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भारत के दो प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां, bharti airtel share price और रिलायंस जियो ने एलन मस्क की स्टारलिंक सेवाओं को भारत में लॉन्च करने के लिए साझेदारी की घोषणा की है, ताकि अपने ग्राहकों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके। पिछले साल तक भारतीय टेलीकॉम दिग्गजों ने अमेरिकी कंपनी के भारत में प्रवेश का विरोध किया था।

भारत के सबसे बड़े टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं में से एक, bharti airtel share price ने 11 मार्च 2025 को एलन मस्क के स्टारलिंक से एक समझौता किया, जिसके तहत भारत में एयरटेल अपने ग्राहकों को उच्च गति की इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा। यह सेवा स्टारलिंक के ब्रॉडबैंड इंटरनेट नेटवर्क के जरिए उपलब्ध होगी। एक दिन बाद, रिलायंस जियो ने भी उसी तरह का एक समझौता किया और स्टारलिंक के ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं को अपने ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराने की घोषणा की।

bharti airtel share price: एयरटेल और जियो ने क्यों किया यू-टर्न?

bharti airtel share price और जियो द्वारा स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा इस बात का संकेत है कि दोनों कंपनियों ने अपने रुख में बदलाव किया है। पहले, इन दोनों कंपनियों ने स्टारलिंक के भारत में प्रवेश का विरोध किया था। एयरटेल के अध्यक्ष सुनील मित्तल ने स्टारलिंक से संबंधित लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा, जब सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला लिया था, तो एयरटेल और जियो ने इसे लेकर आपत्ति जताई थी।

bharti airtel share price भारत मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2024 में, सुनील मित्तल ने जियो के रुख का समर्थन करते हुए कहा था कि उपग्रह आधारित कंपनियों को भी वही लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम खरीदना चाहिए जो पारंपरिक टेलीकॉम कंपनियों को करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि स्टारलिंक भारत में अपनी सेवाएं देना चाहता है, तो उसे वही प्रक्रियाएं अपनानी चाहिए जिनका पालन बाकी टेलीकॉम कंपनियां करती हैं।

एलन मस्क की प्रतिक्रिया

एलन मस्क ने जियो के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि जियो द्वारा उपग्रह ब्रॉडबैंड के लिए TRAI के परामर्श पत्र को नजरअंदाज करने की मांग “अपूर्व” थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सुनील मित्तल के बयान के बाद मस्क ने पूछा था कि क्या यह “बहुत परेशानी वाली बात” है कि स्टारलिंक को भारत में अपनी सेवाएं देने की अनुमति प्राप्त हो।

वर्तमान स्थिति

अब, bharti airtel share price और जियो, जो पहले स्टारलिंक के खिलाफ थे, ने अचानक इस अमेरिकी कंपनी के साथ साझेदारी की घोषणा की है। जियो और स्पेसएक्स के बीच समझौते के तहत, दोनों कंपनियां यह पता लगाएंगी कि स्टारलिंक जियो की सेवाओं को कैसे बढ़ा सकता है और जियो स्पेसएक्स की डॉयरेक्ट ऑफ़रिंग्स को कैसे सपोर्ट कर सकता है।

इस समझौते के तहत, जियो और स्टारलिंक मिलकर भारत के सबसे दूर-दराज के इलाकों में भी ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए अपनी संयुक्त क्षमता का उपयोग करेंगे। जियो के पास दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर होने के कारण, यह समझौता भारत में इंटरनेट सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

एयरटेल और स्पेसएक्स की साझेदारी

bharti airtel share price एयरटेल के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष गोपाल विश्वासल ने कहा कि स्पेसएक्स के साथ स्टारलिंक सेवाएं देने के लिए काम करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह कंपनी की अगली पीढ़ी की सैटेलाइट कनेक्टिविटी में प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

यह समझौता एयरटेल और स्पेसएक्स को यह अवसर देगा कि वे यह जान सकें कि स्टारलिंक एयरटेल की सेवाओं को कैसे बढ़ा सकता है और कैसे एयरटेल का भारतीय बाजार में अनुभव, स्पेसएक्स की सेवाओं के लिए सहायक हो सकता है।

पीएम मोदी और एलन मस्क की मुलाकात

यह दोनों घोषणाएं पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा और उनके बाद की एलन मस्क से मुलाकात के बाद आई हैं। इस मुलाकात में, पीएम मोदी और मस्क ने भारत में स्टारलिंक की सेवाओं के विस्तार पर चर्चा की थी, जो इस टेलीकॉम साझेदारी की संभावना को बल देती है।

निष्कर्ष

bharti airtel share price और जियो की यह साझेदारी स्टारलिंक के साथ भविष्य में भारतीय बाजार में उच्च गुणवत्ता वाली इंटरनेट सेवाओं के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम न केवल भारत में इंटरनेट की पहुंच को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि उपग्रह ब्रॉडबैंड के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ाएगा। इससे भारतीय उपभोक्ताओं को एक नई, उच्च गुणवत्ता वाली इंटरनेट सेवा मिलेगी जो दूर-दराज के क्षेत्रों में भी पहुंच सकेगी।

इसके साथ ही, “Airtel Share Price” और “Jio Share Price” पर भी इस साझेदारी का असर पड़ने की उम्मीद है क्योंकि यह दोनों कंपनियां भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए इन सैटेलाइट सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं।

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