अडानी समाचार: गौतम अडानी पर घूसखोरी का गंभीर आरोप
Adani News में एक और विवाद जुड़ गया है। अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य लोगों पर 2,029 करोड़ रुपये ($265 मिलियन) की कथित घूस देने का आरोप लगाया है। यह घूस भारत सरकार के अधिकारियों को 2020 से 2024 के बीच सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अनुबंध हासिल करने के लिए दी गई थी।
क्या है मामला?
अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि Adani News समूह ने राज्य की बिजली वितरण कंपनियों के साथ अनुबंध पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को भारी घूस दी।
- समय अवधि: 2020-2024
- लाभ: अडानी समूह ने इन अनुबंधों से लगभग $2 बिलियन का मुनाफा कमाने की योजना बनाई थी।
- छिपाया गया तथ्य: अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से इस घूसखोरी की जानकारी छिपाई गई, जिनसे Adani News समूह ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे।
घूसखोरी का कारण और प्रक्रिया
घूसखोरी की प्रक्रिया इस प्रकार बताई गई है:
- अनुबंध का उद्देश्य:
Adani News समूह और Azure Power नामक कंपनी को भारतीय राज्य बिजली निगम (SECI) से 12 गीगावाट सौर ऊर्जा का अनुबंध मिला। - समस्या:
SECI को भारत में ऐसे खरीदार नहीं मिले जो इतनी बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा खरीद सकें। - घूस का प्लान:
- अडानी समूह और Azure Power ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को घूस देने की योजना बनाई।
- इन अधिकारियों ने राज्य बिजली वितरण कंपनियों को SECI के साथ बिजली खरीद समझौतों (PPA) पर हस्ताक्षर करने के लिए मनाया।
- घूस की रकम:
- कुल $265 मिलियन (लगभग 2,029 करोड़ रुपये) की घूस का वादा किया गया।
- इसका बड़ा हिस्सा आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को दिया गया।
गुप्त नाम और योजनाएं
घूसखोरी के लिए सभी योजनाओं को छुपाने के लिए गुप्त नामों और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग का इस्तेमाल किया गया:
- गौतम Adani News कोड नाम: “Numero Uno” या “The Big Man”
- गुप्त बैठकें:
- घूस के भुगतान को छुपाने के लिए कई बैठकें हुईं।
- फर्जी शुल्क या परियोजना ट्रांसफर जैसे तरीकों का उपयोग करने पर चर्चा हुई।
- परियोजना ट्रांसफर के कारणों में “विधिक समस्याएं” और “आर्थिक गिरावट” का दावा किया गया।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट का प्रभाव
2023 में, अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने Adani News समूह पर स्टॉक हेरफेर और वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।
- प्रभाव:
- अडानी समूह की बाजार वैल्यू $150 बिलियन गिर गई।
- रिपोर्ट के समय और घूसखोरी की कथित समय अवधि में समानता है।
- संदेह:
- अभियोजकों का मानना है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में बताए गए आरोप और घूसखोरी मामले जुड़े हो सकते हैं।
अमेरिकी कानून और Adani News मामला
हालांकि यह मामला भारतीय अधिकारियों से संबंधित है, अमेरिकी कानून इसे अपनी सीमा में ले सकता है, क्योंकि इसमें अमेरिकी निवेशकों और बाजारों की भूमिका है।
Azure Power और Adani News समूह का गठजोड़
- Azure Power के अधिकारी:
- रंजीत गुप्ता (2019-2022 के CEO)
- रुपेश अग्रवाल (2022-2023 के CEO)
- कार्यप्रणाली:
- दोनों कंपनियों ने मिलकर घूस का भुगतान किया।
- SECI के निर्णयों को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों को राजी किया गया।
- घोटाले का खुलासा:
Azure Power के नेतृत्व में बदलाव के बाद यह मामला उजागर हुआ।
घूसखोरी का छिपाव
Adani News समूह ने घूस देने की प्रक्रिया को छुपाने के लिए:
- कथित झूठे कारण:
परियोजनाओं को वापस ट्रांसफर करने के पीछे “कानूनी चुनौतियां” और “आर्थिक समस्याएं” बताई गईं। - US Issuer की बोर्ड जानकारी:
बोर्ड से यह छिपाया गया कि नए अनुबंध हासिल करने के लिए पहले ही घूस देने का वादा किया गया था।
गौतम अडानी की भूमिका
अमेरिकी अभियोजकों का दावा है कि:
- गौतम अडानी सीधे इस घोटाले के संचालन में शामिल थे।
- SECI को परियोजनाओं के ट्रांसफर को मंजूरी देने के लिए प्रभावित किया।
अमेरिकी अभियोजकों का निष्कर्ष
US अभियोजकों ने यह स्पष्ट किया है कि यह मामला अमेरिकी निवेशकों और बाजारों को धोखा देने का भी है। अडानी समूह के लिए यह एक और बड़ा झटका साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
Adani News में यह मामला भारतीय और वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। गौतम अडानी पर लगाए गए आरोपों से न केवल उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, बल्कि यह मामला भारत की व्यापारिक छवि को भी प्रभावित कर सकता है।
<b“घूसखोरी और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे मामलों से पारदर्शिता और विश्वास का नुकसान होता है। अडानी समूह को इन आरोपों पर स्पष्ट और पारदर्शी जवाब देना चाहिए।
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