India-Canada Relations: क्यों बढ़ा तनाव?
हाल के महीनों में India-Canada Relations में काफी तनाव देखा गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों और भारत की ओर से इन आरोपों को सिरे से नकारने के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में खटास आ गई है। यह तनाव ब्राजील में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान और भी स्पष्ट हो गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिन ट्रूडो से बातचीत या मुलाकात नहीं की।
G-20 सम्मेलन और अनदेखी का मामला
ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में हुए G-20 शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के नेता शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन से हटकर कई नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता की। इनमें इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल शामिल थे।
हालांकि, इस दौरान जस्टिन ट्रूडो से कोई मुलाकात नहीं हुई। पीएम मोदी ने अन्य नेताओं के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं, लेकिन ट्रूडो के साथ ऐसी कोई तस्वीर सामने नहीं आई। यह स्थिति India-Canada Relations में बढ़ते तनाव की ओर इशारा करती है।
वायरल वीडियो ने बढ़ाई चर्चा
G-20 सम्मेलन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि जब सभी नेता ग्रुप फोटो के लिए खड़े थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जस्टिन ट्रूडो एक ही फ्रेम में थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन उन दोनों के बीच खड़े थे। वीडियो में दिखा कि जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी के कंधे पर हाथ रखा और ट्रूडो से कुछ कहा। इस पर मोदी मुस्कुराए, लेकिन उन्होंने ट्रूडो से बातचीत नहीं की और दूसरी ओर देखने लगे।
कनाडा के आरोप और भारत का रुख
India-Canada Relations में खटास का प्रमुख कारण ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए गए आरोप हैं।
- आरोप: ट्रूडो ने भारत पर कई बार कनाडा में दखल देने और सिख समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
- भारत का जवाब: भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है और कहा है कि यह दोनों देशों के रिश्तों को खराब करने की कोशिश है।
क्या जानबूझकर हो रही है अनदेखी?
G-20 सम्मेलन में पीएम मोदी और ट्रूडो के बीच कोई संवाद नहीं होने से यह सवाल उठ रहा है कि क्या दोनों नेता जानबूझकर एक-दूसरे से बच रहे हैं।
- कूटनीतिक संकेत: सम्मेलन के दौरान अन्य नेताओं से मुलाकात और ट्रूडो को नजरअंदाज करना भारत की ओर से एक कूटनीतिक संदेश हो सकता है।
- आधिकारिक बयान: अब तक दोनों देशों ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
India-Canada Relations का इतिहास
India-Canada Relations पहले भी कई बार तनाव का शिकार हो चुके हैं।
- सिख मुद्दा: कनाडा में सिख समुदाय की मजबूत उपस्थिति India-Canada Relations में अक्सर विवाद का कारण रही है।
- व्यापार: दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत हैं, लेकिन हालिया विवादों ने इस पर भी असर डाला है।
क्या है आगे की राह?
- संवाद की जरूरत: दोनों देशों को अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक संवाद करना होगा।
- वैश्विक साझेदारी: भारत और कनाडा दोनों ही G-20 जैसे मंच पर वैश्विक मुद्दों पर साथ काम कर सकते हैं।
- आरोप-प्रत्यारोप से बचाव: आरोप-प्रत्यारोप से बचकर आपसी सहयोग को प्राथमिकता देनी होगी।
निष्कर्ष
India-Canada Relations में बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। ब्राजील में G-20 सम्मेलन के दौरान जस्टिन ट्रूडो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संवाद न होना इस तनाव को और उजागर करता है। हालांकि, दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंध मजबूत हैं, लेकिन राजनीतिक मतभेदों को सुलझाने के लिए प्रभावी कूटनीति की जरूरत है।
द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के लिए संवाद और सहयोग ही एकमात्र रास्ता है।
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