भारत की रक्षात्मक क्षमता में मील का पत्थर: India Agni-5 मिसाइल
भारत की रक्षा ताकत में एक और बड़ी उपलब्धि के रूप में India Agni-5 मिसाइल को देखा जा रहा है। India Agni-5 मिसाइल, जो एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, भारत की रक्षात्मक क्षमता को कई गुना बढ़ाने का माद्दा रखती है। इसकी रेंज इतनी अधिक है कि इसमें पूरे एशिया के साथ-साथ यूरोप के कई हिस्से भी कवर हो सकते हैं। इससे भारत का वैश्विक सुरक्षा में योगदान और महत्वपूर्ण हो गया है।
India Agni-5 स्वदेशी ताकत की मिसाल
अग्नि-5 का विकास भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया गया है। इसकी रेंज 5,500 से 6,000 किलोमीटर तक मानी जाती है, जिससे यह न केवल एशिया बल्कि यूरोप के भी कुछ हिस्सों को अपने लक्ष्य में ले सकता है। यह मिसाइल चीन के खिलाफ भारत की रणनीतिक सुरक्षा के मद्देनजर तैयार की गई है और यह भारत के आत्मनिर्भरता के प्रयासों का बड़ा उदाहरण है।
रेंज और क्षमता: एशिया से यूरोप तक
India Agni-5 की रेंज के कारण यह मिसाइल भारत की सैन्य क्षमता को और भी सशक्त बनाती है। इसके माध्यम से भारत चीन, पाकिस्तान सहित अन्य संभावित खतरों का मुकाबला कर सकता है। चीन के मुकाबले में, अग्नि-5 की रेंज और क्षमता भारत के रणनीतिक और सामरिक सुरक्षा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
अग्नि-5 के प्रमुख पहलू
- रेंज: 5,500 से 6,000 किलोमीटर
- विकास: DRDO द्वारा किया गया
- प्रमुख उद्देश्य: चीन और अन्य संभावित खतरों के खिलाफ रक्षा
क्या है ‘सूर्या’ मिसाइल परियोजना?
हाल ही में पाकिस्तान के इस्लामाबाद की कायद-ए-आजम यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स एंड इंटरनेशनल रिलेशंस के प्रोफेसर जफर नवाज जसपाल ने दावा किया कि भारत एक नई मिसाइल प्रणाली ‘सूर्या’ के आईसीबीएम पर भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों को भी अपने दायरे में ला सकती है। जसपाल ने कहा कि इस तरह की मिसाइल का उद्देश्य पाकिस्तान नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रमुख देशों को कवर करना हो सकता है।
DRDO का स्पष्टीकरण
हालांकि, DRDO ने इस तरह के किसी भी ‘सूर्या ICBM’ प्रोजेक्ट पर काम करने से साफ इनकार किया है। DRDO का कहना है कि भारत का ध्यान अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत करने पर है, और उसका उद्देश्य किसी भी देश को सीधे तौर पर चुनौती देना नहीं है। DRDO के अनुसार, भारत की मौजूदा मिसाइलें उसकी रक्षा जरूरतों के लिए पर्याप्त हैं, और अग्नि-5 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
India Agni-5 का विकास और भारत की रक्षा नीति
भारत ने हमेशा अपनी रक्षा क्षमताओं का विकास राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किया है, न कि किसी देश पर आक्रमण करने के लिए। India Agni-5 मिसाइल को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा कर सके। इस मिसाइल के विकास के पीछे भारत का उद्देश्य एक विश्वसनीय प्रतिरोध क्षमता स्थापित करना है, जिससे संभावित खतरों को रोका जा सके।
दुनिया पर भारत की बढ़ती छवि
First picture: Agni-5 missile being fired using MIRV technology. https://t.co/pLiuzKJ4Tb pic.twitter.com/schM2x6aim
— Sidhant Sibal (@sidhant) March 11, 2024
अग्नि-5 के माध्यम से भारत ने अपनी शक्ति और स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन किया है। इसकी बदौलत भारत दुनिया में एक मजबूत और सशक्त देश के रूप में उभर कर आया है। यह मिसाइल पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित है और इसे विकसित करने में भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत और कड़ी मेहनत शामिल है।
सुरक्षा के क्षेत्र में भारत का भविष्य
India Agni-5 जैसे मिसाइल प्रणाली के साथ भारत ने यह संकेत दिया है कि वह रक्षा क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं है। आने वाले समय में, यह उम्मीद की जा रही है कि भारत और भी नई मिसाइल परियोजनाओं पर काम करेगा और अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को और सुदृढ़ करेगा। DRDO के माध्यम से भारत की रक्षा शक्ति और मजबूत होती जा रही है, जिससे यह एक आत्मनिर्भर और सक्षम राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ रहा है।
अंततः, अग्नि-5 मिसाइल भारत के लिए न केवल एक रक्षा उपकरण है, बल्कि यह उसके आत्मनिर्भर और स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं का प्रतीक भी है।
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