Delhi Bhalswa Dairy illegal construction: दिल्ली भलस्वा डेयरी में अवैध निर्माणों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई

दिल्ली  Bhalswa Dairy बुलडोजर ऐक्शन

New Delhi: दिल्ली के Bhalswa Dairy में हाल के दिनों में स्थानीय निवासियों के लिए एक कठिन परिस्थिति उत्पन्न हो गई है। यहाँ के लोग बेघर होने के खतरे में हैं, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने अवैध निर्माणों को ढहाने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई 9 अगस्त को निर्धारित की गई है, जिससे क्षेत्र के निवासियों में चिंता और अनिश्चितता का माहौल व्याप्त है।

Bhalswa Dairy जो कि दिल्ली के एक प्रमुख क्षेत्र में स्थित है, में पिछले कुछ वर्षों में अवैध निर्माणों की समस्या बढ़ती गई है। यह निर्माण स्थानीय निवासियों और प्रशासन के बीच तनाव का कारण बने हुए थे। कई निवासियों ने शिकायत की थी कि इन अवैध निर्माणों के कारण उनकी संपत्तियों और जीवनयापन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।

Delhi Highcourt ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पाया कि Bhalswa Dairy में कई ऐसे निर्माण हैं जो कानून के अनुसार अवैध हैं। इसके परिणामस्वरूप, अदालत ने स्थानीय प्रशासन को आदेश दिया कि वह इन निर्माणों को तुरंत ढहा दें। 9 अगस्त को होने वाली इस कार्रवाई के कारण स्थानीय लोग बेहद चिंतित हैं, क्योंकि इससे उनके घरों को खतरा हो सकता है।


इस निर्णय का असर Bhalswa Dairy के कई परिवारों पर पड़ेगा, जो वर्षों से यहाँ रह रहे हैं। लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए इस क्षेत्र पर निर्भर हैं, और यदि उनका घर ढहा दिया जाता है, तो उनकी जीवनशैली में व्यापक परिवर्तन आएगा। कई लोग अपने घरों को बचाने के लिए अदालत में अपील करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन अब समय तेजी से बीत रहा है।

स्थानीय समुदाय के सदस्य अब एकजुट होकर इस संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि उन्हें वैकल्पिक आवास प्रदान किया जाए, ताकि वे सुरक्षित और स्थायी रूप से रह सकें। कुछ निवासी यह भी मांग कर रहे हैं कि उन्हें अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

इस स्थिति ने Bhalswa Dairy में सामाजिक तनाव को बढ़ा दिया है। लोगों की भावनाएँ इस संकट के कारण उभरकर सामने आ रही हैं, और उनकी आशाएँ धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मुद्दे को कैसे संभालता है और स्थानीय निवासियों की चिंताओं का समाधान कैसे किया जाता है।

कुल मिलाकर, Bhalswa Dairy के लोग इस समय एक कठिनाई का सामना कर रहे हैं, जो न केवल उनके घरों को बल्कि उनके जीवन को भी प्रभावित कर रहा है। इस संकट के बीच, स्थानीय समुदाय की एकता और प्रशासन की प्रतिक्रिया ही उन्हें इस चुनौती का सामना करने में मदद कर सकती है।

दिल्ली के Bhalswa Dairy में 6 अगस्त को नगर निगम द्वारा जारी किए गए नोटिस के बाद स्थानीय निवासियों में आक्रोश उत्पन्न हो गया है। लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पंचायतें भी आयोजित की जा रही हैं। गुरुवार को दुर्गा मंदिर में Bhalswa Dairy , झड़ौदा डेयरी और अन्य डेयरियों से सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए और बैठक की। इस बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP) के स्थानीय विधायक अजेश यादव भी मौजूद थे। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि वे 15 अगस्त तक डिमोलिशन को रोकने की कोशिश करेंगे।

अजेश यादव ने कहा कि वह इस मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय से बात करेंगे। उनका उद्देश्य दिल्ली की सभी डेयरियों के लिए एक नीति बनाना है, जिसमें डेयरी संचालकों को रिहायशी इलाकों में रहने, दुकानों और गोदामों जैसी सुविधाएं प्राप्त होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि कोर्ट में डिमोलिशन की कार्रवाई को रोकने के लिए याचिका लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है।

हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस नीति के लिए विधायक पहले ही गोपाल राय से मिल चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि अजेश यादव इस नीति को लागू करने में सफल होते हैं, तो यह डेयरी व्यापारियों के लिए राहत की बात होगी।

इस बीच, जनप्रतिनिधियों द्वारा आश्वासन दिया गया है कि डिमोलिशन की कार्रवाई 15 अगस्त तक रोक दी जाएगी, जबकि नगर निगम ने 9 अगस्त को अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है।
Jahangirpuri Bhalswa Dairy
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