Stock Share Market Crash 2024
बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई, जिसके कारण निवेशकों को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। यह गिरावट वैश्विक बाजारों के अस्थिरता और आर्थिक चिंताओं के कारण आई थी। बाजार में आए इस उतार-चढ़ाव ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी थी, जिससे वे अपने निवेश को लेकर सतर्क हो गए।
शुक्रवार को Share market की गिरावट का मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा बड़े पैमाने पर बिकवाली था। इस बिकवाली के चलते निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में गिरावट देखी गई। निफ्टी 100 अंक से अधिक गिरकर 18,200 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि सेंसेक्स में भी 500 अंक की गिरावट आई। इस स्थिति ने निवेशकों में भय पैदा कर दिया और वे अपनी पूंजी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गए।
सोमवार को हालात और बिगड़ गए। बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में, निवेशकों को और भी बड़ा झटका लगा, जब बाजार में एक साथ 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इस गिरावट का कारण कई तत्व थे, जिनमें वैश्विक स्तर पर बढ़ती महंगाई, उच्च ब्याज दरों की चिंताएं और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव शामिल थे। इन कारणों के चलते निवेशक तेजी से बिकवाली करने लगे, जिससे बाजार में और गिरावट आई।
विश्लेषकों के अनुसार, इस प्रकार की गिरावट केवल एक दिन में नहीं होती, बल्कि इसके पीछे कई कारक होते हैं। बाजार की अस्थिरता का मुख्य कारण आर्थिक डेटा, वैश्विक घटनाक्रम और राजनीतिक हालात हैं। इस स्थिति ने छोटे और बड़े सभी निवेशकों को प्रभावित किया है। कई निवेशकों ने अपनी बचत को शेयर बाजार में निवेश किया था, और अब वे अपने निवेश की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
market के विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरावट का असर लंबे समय तक रहेगा। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे घबराए नहीं और अपने निवेश के प्रति सजग रहें। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समय दीर्घकालिक निवेश की दृष्टि से बेहतर है, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है। हालांकि, उन्हें अपनी वित्तीय योजना को समझदारी से बनाना चाहिए
Share market में ‘ब्लैक मंडे’ कमजोर वैश्विक संकेतों से भारी गिरावट
सोमवार, 5 अगस्त को शेयर बाजार ने ‘ब्लैक मंडे’ का सामना किया, जब Market कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बुरी तरह टूटा। बीएसई सेंसेक्स 1,310.47 अंक या 1.62 फीसदी की गिरावट के साथ 79,671.48 के स्तर पर खुला, जबकि निफ्टी 404.40 अंक या 1.64 फीसदी बिखरकर 24,313.30 पर ओपन हुआ। इस स्थिति ने निवेशकों के बीच चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया।
बाजार खुलने के तुरंत बाद, 2,368 शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई, जबकि केवल 442 शेयरों में तेजी देखने को मिली। शुरुआती गिरावट ने दोनों इंडेक्स को गंभीरता से प्रभावित किया। सुबह 9:20 बजे, सेंसेक्स 1,585.81 अंक या 1.96% की गिरावट के साथ 79,396.14 के स्तर पर आ गया, जबकि निफ्टी 499.40 अंक या 2.02% फिसलकर 24,218.30 के स्तर पर पहुंच गया।
बीएसई के Market कैप पर नजर डालें तो, पिछले शुक्रवार को जब बाजार बंद हुआ था, तब यह 457.16 लाख करोड़ रुपये था। लेकिन सेंसेक्स के 1,500 अंक से अधिक टूटने पर बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन एक झटके में घटकर 446.92 लाख करोड़ रुपये रह गया। यह गिरावट बाजार के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है और निवेशकों को अपने निवेश को लेकर चिंतित करती है।
विशेष रूप से, टेक महिंद्रा का शेयर 3.17% गिरकर 1,462 रुपये पर पहुंच गया। वहीं, टाटा स्टील का शेयर भी ओपन होते ही बुरी तरह टूटा और 3.89% फिसलकर 150 रुपये पर आ गया। मिडकैप कंपनियों में, मदर सोन का शेयर 7.53% गिरकर 178 रुपये पर, LIC हाउसिंग फाइनेंस का शेयर 6.26% की गिरावट के साथ 701.60 रुपये पर और भारत फोर्ज का शेयर 5.44% फिसलकर 1,565.30 रुपये पर पहुंच गया।
स्मालकैप कंपनियों में भी स्थिति खराब रही। न्यूक्लियस का शेयर 13.28% गिरकर 1,304.90 रुपये पर, एसीआई का शेयर 7.16% गिरकर 712 रुपये पर कारोबार कर रहा था। इसके अलावा, किर्लोस्कर ब्रदर्स का शेयर 6.96% फिसलकर 2,087 रुपये पर पहुंच गया, जबकि फीनिक्स लिमिटेड का शेयर 6.98% की गिरावट के साथ 3,223 रुपये पर आ गया था।
इस प्रकार, सोमवार का दिन शेयर बाजार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे इस समय में धैर्य बनाए रखें और अपनी निवेश योजनाओं पर ध्यान दें। बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं उन्हें सतर्क रहने के लिए प्रेरित करती हैं।
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