Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा के ‘नेमप्लेट’ पर पाबंदी लगाई, यूपी, एमपी और उत्तराखंड को नोटिस जारी CM योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए क्या कहा

Kanwar Yatra : सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कांवड़ यात्रा के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाने वाले ‘नेमप्लेट’ (या प्रचार-प्रसार के लिए बनाए गए बोर्ड) पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इस आदेश के तहत, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को नोटिस जारी किया गया है।
Delhi Supreem Court
पूरा मामला:

  1. सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाने वाले नेमप्लेट या विज्ञापन बोर्ड पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इस आदेश के पीछे की वजह यह है कि इन नेमप्लेट्स की वजह से धार्मिक आयोजनों के दौरान सामाजिक व्यवस्था और सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।Supreme Court of India Image
  2. नोटिस जारी: इस आदेश के तहत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को इस मामले पर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इन राज्यों को कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश का पालन करते हुए सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए नेमप्लेट्स को हटाने के लिए कहा गया है।
  3. आदेश की पृष्ठभूमि: यह आदेश उन शिकायतों के बाद आया है, जिनमें कहा गया था कि कांवड़ यात्रा के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर बड़े-बड़े नेमप्लेट्स और विज्ञापन बोर्ड लगाकर धार्मिक आयोजन के माहौल को प्रभावित किया जा रहा है। इसके साथ ही, ऐसे बोर्डों के जरिए धार्मिक भावनाओं को भड़काने और सार्वजनिक शांति को खतरे में डालने की आशंका व्यक्त की गई थी।
  4. सरकारी प्रतिक्रिया: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को अब इस आदेश के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इन राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कांवड़ यात्रा के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार के नेमप्लेट्स या विज्ञापन बोर्ड नहीं लगाए जाएं।
  5. सामाजिक और कानूनी प्रभाव: इस आदेश का उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आयोजनों के दौरान शांति और व्यवस्था बनाए रखना है। इसके साथ ही, धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने से रोकने की कोशिश की गई है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद, कांवड़ यात्रा के आयोजकों और स्थानीय प्रशासन को नए दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करना होगा ताकि धार्मिक आयोजनों के दौरान शांति और व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए :
कहा कि राज्य सरकार अदालत के आदेश का सम्मान करती है और इसे लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार धार्मिक आयोजनों को लेकर हमेशा से संवैधानिक और कानूनी दायरे में रहते हुए कार्य करती रही है और आगे भी ऐसा ही करेगी।

योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी और किसी भी असुविधा से बचने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा के आयोजन से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई के दौरान एक दिलचस्प बातचीत की
अदालत ने कांवड़ियों से यह सवाल किया कि क्या उन्हें खाद्य सामग्री किसी विशेष दुकानदार से ही प्राप्त करनी चाहिए। इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने जवाब दिया कि कांवड़िए पहली बार यात्रा नहीं कर रहे हैं; यह एक नियमित परंपरा है जिसे वे लंबे समय से निभा रहे हैं।

इसके बाद, अदालत ने यह भी पूछा कि क्या इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार का कोई प्रतिनिधि पेश हुआ है। सिंघवी की दलीलों को सुनने के बाद, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भट्टी ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने केरल में एक शाकाहारी होटल का अनुभव किया था, जो हिंदू और मुस्लिम द्वारा संचालित था। उन्होंने उल्लेख किया कि मुस्लिम संचालित होटल में साफ-सफाई, सुरक्षा, मानक और हाइजीन के अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक थे, जो कि उनकी पसंद का मामला था।

इस प्रकार, जस्टिस भट्टी ने यह स्पष्ट किया कि धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान भोजन और अन्य सेवाओं की गुणवत्ता और मानक व्यक्तिगत पसंद के आधार पर निर्धारित होते हैं, और यह सुनिश्चित करना कि ये मानक अंतरराष्ट्रीय स्तर के हों, महत्वपूर्ण है।

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