Gaza : इजराइल की सेना ने एक बड़े सैन्य ऑपरेशन की शुरुआत करते हुए गाजा सिटी के निवासियों से अपने घर खाली करने को कहा है, जिससे इलाके में भारी हाहाकार मच गया है। इस निर्देश के पीछे इजराइली सेना का मकसद गाजा में सक्रिय आतंकवादी गुटों के खिलाफ व्यापक सैन्य कार्रवाई करना बताया जा रहा है।
इस सैन्य कार्रवाई को इजराइल की सेना द्वारा एक रणनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में अंजाम दिया गया है, जिसका मुख्य लक्ष्य आतंकवादी ढांचों को नष्ट करना और उन ठिकानों पर हमला करना है जहां से इजराइल के खिलाफ हमले की योजना बनाई जाती है। गाजा सिटी के खाली कराए जाने की यह प्रक्रिया स्थानीय नागरिकों के लिए बेहद कष्टकारी साबित हो रही है, क्योंकि उन्हें अपने घर छोड़कर अस्थायी शिविरों या अन्य सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है।
इजराइली सेना के इस कदम को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भी व्यापक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ देशों और संगठनों ने इसे नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है, जबकि कुछ अन्य ने इसे मानवाधिकारों का हनन और नागरिकों पर अत्यधिक प्रभाव डालने वाला बताया है।
गाजा के लोगों के सामने अब बड़ी चुनौतियाँ हैं, जिसमें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचना, खाने-पीने की बुनियादी सुविधाएँ और दैनिक जीवन की अन्य आवश्यकताएं शामिल हैं। इस बीच, इजराइल और गाजा के बीच की स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और दोनों ओर से शांति की स्थापना के प्रयास जारी हैं।
इजराइल की गाजा के स्कूल पर एयरस्ट्राइक, 29 की मौत:
इजराइल द्वारा गाजा के एक स्कूल पर किए गए एयरस्ट्राइक में 29 लोगों की मौत हो गई है। यह घटना पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार हुई है जब इजराइल ने गाजा में ऐसा हमला किया है। इस हमले से गाजा के नागरिक स्थिति में और अधिक तनाव और भय का माहौल बन गया है।
हमला उस स्कूल पर हुआ था जो फिलहाल शरणार्थियों के लिए आश्रय स्थल के रूप में काम कर रहा था। यह स्थान गाजा के खान यूनिस क्षेत्र में स्थित है, जहां इजराइली सेना ने शरणार्थियों को यह क्षेत्र खाली करने के लिए अल्टीमेटम भी जारी किया है।
इजराइल की सेना का कहना है कि यह हमला गाजा में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लक्षित अभियान का हिस्सा है, जो इजराइल के खिलाफ हमले कर रहे हैं। हालांकि, इस हमले में निर्दोष नागरिकों की मौत ने इंटरनेशनल कम्युनिटी में गहरी चिंता जताई है और इस बात की आलोचना हो रही है कि संघर्ष के दौरान नागरिक स्थलों को नुकसान पहुंचाना इंटरनेशनल लॉ का उल्लंघन है।
इस घटना के बाद, बहुत से लोगों ने इस्राएल और गाजा के बीच तनाव कम करने और स्थायी शांति की स्थापना के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की है। इस संघर्ष के कारण गाजा के नागरिकों को भारी मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें भोजन, पानी, चिकित्सा सहायता, और आश्रय की गंभीर कमी शामिल है।|
पीएम मोदी ने कहा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है। उनका यह बयान वैश्विक संघर्षों के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने विश्व के नेताओं से शांति और समझौते की ओर अग्रसर होने की अपील की। पीएम मोदी का यह बयान उनकी विश्वशांति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि विवादों का समाधान युद्ध के माध्यम से नहीं बल्कि वार्ता और सहयोग से होना चाहिए।
इस बयान के प्रत्युत्तर में, ऑस्ट्रिया ने एक बड़ा कदम उठाया है। ऑस्ट्रिया की सरकार ने भारत को एक बड़ी पेशकश की है जो संभवतः आर्थिक या तकनीकी सहयोग से संबंधित हो सकती है। यह पेशकश भारत के साथ अपने संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए की गई है, और यह शांति, प्रगति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है।
ऑस्ट्रिया की इस पेशकश को भारत द्वारा कैसे स्वीकार किया जाता है, यह आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा। इस पेशकश के जरिए दोनों देशों के बीच की साझेदारी नई ऊँचाइयों को छू सकती है और यह वैश्विक मंच पर शांति और सहयोग की एक नई मिसाल पेश कर सकती है।