बहादुर बच्चे ने मालगाड़ी के पहियों के बीच बैठकर तय किया 100 किलोमीटर का सफर, RPF ने दिखाई बहादुरी, बचाई जान

New Delhi :   हरदोई के नजदीकी रेलवे ट्रैक के किनारे बसे एक बच्चे की कहानी बेहद दिलचस्प है। यह छोटा बालक खेलते-खेलते एक मालगाड़ी पर चढ़ गया और बिना किसी को पता चले मालगाड़ी चल पड़ी। गाड़ी के हरदोई पहुँचने पर, रेलवे सुरक्षा बल ने उसे सुरक्षित उतारा और उसकी पहचान पता लगाकर उसे चाइल्ड केयर सेंटर के हवाले कर दिया। इस बच्चे ने अनजाने में ही सही, मालगाड़ी में दो पहियों के बीच बैठकर करीब 100 किलोमीटर का सफर तय किया।

RPF की त्वरित कार्रवाई ने बचाई जान

खुशकिस्मती से, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवानों ने बच्चे को सकुशल बचा लिया। जानकारी के अनुसार, बच्चे की पहचान 6 साल के गौरव के रूप में हुई है। वह लखनऊ के रेलवे स्टेशन के पास रहता है।

परिवार की लापरवाही बनी हादसे की वजह

यह घटना रेलवे सुरक्षा के प्रति लापरवाही का भी एक ज्वलंत उदाहरण है। बताया जा रहा है कि गौरव अपने परिवार के साथ रेलवे स्टेशन पर आया था। इस दौरान वह खेलते-खेलते खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया और ट्रेन के चलने के बाद वह नीचे उतर नहीं पाया।

बच्चे को सकुशल बचाया गया

जैसे ही RPF को बच्चे के मालगाड़ी के पहियों के बीच फंसे होने की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। रेलवे कर्मचारियों की मदद से ट्रेन को धीमा कर बच्चे को सकुशल बचा लिया गया।

बच्चे को चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपुर्द किया गया

बच्चे को डर और थकान की हालत में चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपुर्द कर दिया गया है। इस घटना के बाद RPF ने बच्चे के परिवार को समझाया कि बच्चों को रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर अकेला न छोड़ा जाए।

यह घटना हमें रेलवे सुरक्षा के प्रति सचेत करती है और बच्चों की देखभाल में लापरवाही न बरतने की सीख देती है।

इस घटना से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • बच्चे का नाम गौरव है और उसकी उम्र 6 साल है।
  • वह लखनऊ के रेलवे स्टेशन के पास रहता है।
  • वह खेलते-खेलते खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया और ट्रेन के चलने के बाद वह नीचे उतर नहीं पाया।
  • RPF ने बच्चे को सकुशल बचा लिया।
  • बच्चे को चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपुर्द कर दिया गया है।
हरदोई में एक बच्चे की कहानी ने सभी को चौंका दिया जब वह खेलते-खेलते रेलवे ट्रैक पर खड़ी एक मालगाड़ी में चढ़ गया और गाड़ी चल पड़ी। बच्चा काफी डरा हुआ और गंदगी से सना हुआ था जब रेलवे सुरक्षा बल ने उसे हरदोई में सुरक्षित उतारा। उसे नहलाया गया, भोजन कराया गया और उसकी जानकारी प्राप्त की गई। इस घटना के बाद रेलवे सुरक्षा की कार्यप्रणाली की खूब प्रशंसा हुई। यह घटना उन चुनौतियों को उजागर करती है जिनका सामना रेलवे ट्रैक के निकट बसे लोगों को अक्सर करना पड़ता है, विशेषकर बच्चे जो अनजाने में ऐसी स्थितियों में फंस जाते हैं।बच्चे ने बताया कि उसकी मां उसे छोड़कर चली गई और वह अपने पिता के साथ जीवन यापन के लिए भीख मांगता है। एक दिन अकेले खेलते हुए वह नजदीकी मालगाड़ी के नीचे बैठ गया और अचानक गाड़ी चल पड़ी। रेलवे सुरक्षा बल ने उसे हरदोई में मालगाड़ी से उतारा, उसे नहलाया और भोजन कराया। उसे चाइल्ड केयर हरदोई के हवाले किया गया और उसकी जानकारी चाइल्ड हेल्पलाइन को दी गई। बच्चे ने बताया कि वह मालगाड़ी के पहियों के बीच बैठकर लगभग 100 किलोमीटर दूर तक यात्रा कर गया था।

लखनऊ से रौजा जाते हुए एक मालगाड़ी में एक छोटा बच्चा पहियों के बीच की जगह में बैठ गया और अनजाने में लखनऊ से हरदोई तक पहुँच गया। जब रेलवे कर्मचारियों ने उसे देखा तो मालगाड़ी को रोका गया और बच्चे को सुरक्षित उतारा गया। बच्चे ने अपना नाम अजय और पिता का नाम पूरन बताया, जो राजाजीपुरम, आलमनगर, लखनऊ के निवासी हैं।

रेलवे सुरक्षा बल ने एक बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां उसे बाल सुधार गृह में रखने का निर्देश दिया गया। चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रोजेक्ट समन्वयक अनूप तिवारी ने सूचित किया कि बच्चे को जल्द ही बाल गृह में पहुँचाया जाएगा और उसकी सुरक्षा व संरक्षण के लिए बाल कल्याण समिति आवश्यक कदम उठाएगी। इस कार्रवाई की स्थानीय समुदाय में बहुत सराहना की जा रही है।

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