Today News Hit And Run Update 2024: सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ वाहन चालकों ने जाम लगाया वाहनों समेत करीब 6000 वाहनों की सेवाएं बंद नए कानून पर विरोध

 Uttar Pradesh News : केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रक, डंपर, और बस चालकों ने सड़क पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इससे सब्जियां, पेट्रोल, डीजल और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं की आपूर्ति करने वाली परिवहन सेवाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। देश के कई शहरों में इस कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ, नोएडा से बरेली तक निजी बस ऑपरेटरों ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की, जिसका ग्रेटर नोएडा में खासा असर दिखाई दिया। हड़ताल के कारण दूर-दराज के यात्रियों को खासी परेशानी हुई, उन्हें ठंड में घंटों बस का इंतजार करना पड़ा। बाराबंकी जिले में भी ट्रक और अन्य वाहन चालकों ने सोमवार को सड़क पर प्रदर्शन किया, जिससे बाराबंकी-बहराइच हाईवे आधे घंटे तक बाधित रहा। पुलिस ने कुछ चालकों पर पाबंदी लगाई है। बरेली-शाहजहांपुर हाईवे पर भी वाहन चालकों ने जाम लगाया, जिससे ईंधन और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति प्रभावित हुई। मंगलवार और बुधवार को भी चालकों के हड़ताल पर रहने की संभावना है।”

पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर लोगों को बस स्टॉप्स पर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें बसें और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। इसके अलावा, पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति में बाधा के कारण, कई पेट्रोल पंपों में ईंधन की कमी की खबरें आ रही हैं। इससे पेट्रोल पंप और गैस स्टेशनों पर ईंधन भरवाने के लिए वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं।

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में हिट एंड रन के मामलों के लिए नए कानून बनाए गए हैं। इन नए नियमों के अनुसार, अगर कोई ट्रक या डंपर चालक दुर्घटना कर भाग जाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और साथ में 7 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। पहले के कानून में, आरोपी ड्राइवर को जल्दी ही जमानत मिल जाती थी और वे थाने से रिहा हो जाते थे, हालांकि, तब भी दो साल की सजा का प्रावधान था। नए कानून के तहत अब दोषियों को दस साल तक जेल में बिताना पड़ सकता है। इसी नए कानून का विरोध ट्रक और डंपर चालकों द्वारा किया जा रहा है।

मुजफ्फरनगर में हड़ताल के कारण ट्रक, रोडवेज बसें और प्राइवेट वाहनों समेत करीब 6000 वाहनों की सेवाएं बंद हो गईं। इस हड़ताल से ट्रांसपोर्ट सेक्टर, परिवहन निगम और प्राइवेट बस ऑपरेटरों को लगभग 1.5 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है। प्राइवेट वाहन चालकों ने टेंपो और ई-रिक्शा को रोककर उनमें सवार यात्रियों को उतार दिया। गाजीपुर में भी निजी बस चालकों और कंडक्टरों ने सोमवार को हड़ताल की, जिससे 235 प्राइवेट बसों का परिचालन रुक गया। लंका बस स्टैंड पर प्राइवेट बस चालकों और कंडक्टरों ने प्रदर्शन किया।

MH : महाराष्ट्र के कुछ स्थानों पर आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है। प्रदर्शनकारियों ने राह चलते वाहनों पर पत्थरबाजी की और पुलिस से भिड़ंत की। नवी मुंबई के नेरुल में ट्रक चालकों के एक समूह ने पुलिसकर्मी पर हमला किया, जिससे वह घायल हो गया। मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया। ठाणे जिले के मीरा भयंदर इलाके में, ट्रक चालकों ने मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर यातायात जाम करने का प्रयास किया और पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया और एक पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुआ। सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर, और गोंदिया जिलों में भी नाकाबंदी के विरोध प्रदर्शन हुए। नासिक जिले में, टैंकर चालकों ने सोमवार को काम बंद कर दिया और पैनेवाडी गांव में ईंधन डिपो के पास एक हजार से अधिक वाहन खड़े कर दिए।

शामली औद्योगिक संघ के चेयरमैन आशीष जैन के अनुसार, हड़ताल के चलते शामली से हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, शामली, सहारनपुर जिलों में लगभग 750 ट्रक हड़ताल में फंस गए हैं। इसके कारण इन क्षेत्रों में व्यापार पर भी असर पड़ रहा है।
MP : मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में, बस और ट्रक चालकों ने नेशनल हाईवे-39 पर चक्काजाम किया है। इस हड़ताल के चलते यात्रियों को भी खासी असुविधा हुई है। सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। इस आंदोलन के दौरान, चालकों ने ‘काला कानून वापस लो’ के नारे लगाते हुए अपनी आवाज बुलंद की

 

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