Uttar Pardesh : मौसम विभाग के अनुसार, 20 से 22 नवंबर तक वायुमंडल में गंदगी की अधिक मात्रा होने की संभावना है। इसके बाद, आने वाले छह दिनों तक, वायुमंडल की गंदगी का स्तर अत्यंत उच्च रहने की संभावना है। 23 नवंबर से फिर से प्रदूषण कम हो सकता है। इस अवधि के दौरान, हवाओं की गति कम होगी। 20 नवंबर को, उत्तर-पश्चिम दिशा से हवा की गति 4 से 8 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। सुबह और शाम के समय में, यह गति काफी धीमी हो सकती है नवंबर के अंत में, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम होने लगा है जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। हवा अब गंभीर से कम होकर बहुत खराब और खराब श्रेणी में नहीं आ रही है। हालांकि, ग्रैप-3 की सख्त पाबंदियां अब भी प्रभावी रहेंगी। 15 दिसंबर के बाद, जहरीली हवा में फिर से वृद्धि हो सकती है
बीते दो दिनों के दौरान, दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है। पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाएं ने इसमें सुधार किया है। हालांकि, प्रदूषण अभी भी निर्धारित मानकों से अधिक है। ग्रेड-3 की प्रतिबंधिताओं को हटाने की विचारात्मकता के बीच, बदल रही स्थिति हो सकती है। 2 नवंबर से ही राजधानी में भू-निर्माण को आंशिक रूप से रोक लग गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CAQM) के अनुसार, रविवार को औसत AQI 301 था। प्रदूषण की कमी के बाद, लोग सोच रहे हैं कि क्या ग्रेड-4 के बाद ग्रेड-3 को भी हटा दिया जाएगा। हालांकि, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया है कि अभी भी ग्रेड-3 को सख्ती से लागू किया जाएगा
आज के प्रदूषण की स्थिति: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, या सीपीसीबी, के आंकड़ों के अनुसार, आज दिल्ली के आनंद विहार में AQI 362, ITO में 316, लोधी रोड और वजीरपुर में 392 AQI पर पहुंचा है। एनसीआर में नोएडा सेक्टर 116 में 349, गाजियाबाद में 307, गुरुग्राम में 334, और फरीदाबाद में 336 AQI दर्ज किया गया है। हालांकि, दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में हवा आज भी बहुत खराब से खराब की स्थिति में है
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, 1 से 15 नवंबर का समय वर्ष में सबसे प्रदूषित रहता है। प्रदूषण 15 से 31 दिसंबर तक फिर से बढ़ सकता है जिससे लोगों को काफी अधिक तंग का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी (DPCC) ने 2018 से 2022 तक प्रति वर्ष हर पंद्रह दिनों का विश्लेषण किया है। इसका कारण है कि इस समय हवाएं सबसे ज्यादा कमजोर होती हैं। साथ ही, इस समय दिवाली और प्रदूषण भी बढ़ता है। अब साल के दूसरे सबसे प्रदूषित दिन 15 से 31 दिसंबर के बीच रह सकता है। इस दौरान ठंड भी तेजी से बढ़ सकती है और हवाएं काफी कमजोर हो सकती हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, रविवार को राजधानी में औसत एक्यूआई 301 रहा। सुबह 9 बजे इसका स्तर केवल 290 था। इसके बाद, दिन के साथ यह थोड़ा बढ़ता रहा और औसत एक्यूआई 301 पर बना रहा। राजधानी के 23 स्थानों पर प्रदूषण बहुत उच्च स्तर पर है। अन्य स्थानों पर भी यह स्तर अधिक है। सबसे प्रदूषित स्थानों में अलीपुर का एक्यूआई 369, पंजाबी बाग का 351, जहांगीरपुरी का 362, नरेला का 360, वजीरपुर का 372, बवाना का 390, मुंडका का 365 रहा। इन स्थानों में रहने वालों को अभी भी बाहर ज्यादा समय तक रहने से बचना चाहिए।