कुड़मी समाज के आंदोलन को लेकर संशय बरकरार : दक्षिण पूर्व रेल प्रशासन ने कुड़मी समाज के पूर्व घोषित रेल चक्का जाम के आंदोलन को देखते हुए 20 सितंबर को खड़गपुर, रांची, आद्रा और चक्रधरपुर रेल मंडल से गुजरने वाली 172 ट्रेनों का परिचालन को रद करने का आदेश को वापस ले लिया है
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा : हैकोर्ट के इस फैसले के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे ने मंगलवार शाम 6 बजे सभी रेल मंडलों को अधिसूचना जारी किया है की कुड़मी आंदोलन के कारण रद की गयी सभी ट्रेन का परिचालन का फिर से बहाल कर दिया गया है। इनमें मार्ग परिवर्तित किये गए ट्रेन का भी परिचालन फिर से बहाल कर दिया गया है कुड़मी आंदोलन के कारण अब कोई भी ट्रेन रेलवे के द्वारा रद नहीं है। मालूम रहे की कुड़मी आंदोलन के कारण रेलवे ने मंगलवार को 33 ट्रेन रद किये थे। जबकि बुधवार को भी इसके कारण 160 ट्रेन रद करने की लिस्ट जारी किया था। कोलकाता हाई कोर्ट से आये फैसले ने रेल यात्रियों को राहत दी है। रद ट्रेनों के कारण हजारों लाखों रेल यात्री परेशान थे। इधर कुड़मी समाज अपने आंदोलन को जारी रखेंगे या नहीं इसपर संशय बना हुआ है। समाज के अगुवा नेताओं के द्वारा अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। जबकि चक्रधरपुर रेल मंडल के घाघरा हाल्ट में कुड़मी समाज का जुटान जारी है
20 सितंबर ये ट्रेनें कैंसिल
ट्रेन संख्या 15027 हटिया – गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन
ट्रेन संख्या 13403 रांची – भागलपुर एक्सप्रेस ट्रेन
ट्रेन संख्या 15661 रांची – कामाख्या एक्सप्रेस ट्रेन
कुरमी समाज द्वारा दिनांक 20/09/2023 को मूरी – सिल्ली रेलखंड तथा गोमो स्टेशन पर आहूत जन आंदोलन की वजह से रांची रेल मंडल से परिचालित निम्नांकित ट्रेने प्रभावित रहेंगी | ट्रेन परिवर्तित मार्ग से चलेंगी 1ट्रेन संख्या 13351 अल्लापुझा – धनबाद एक्सप्रेस ट्रेन यात्रा प्रारम्भ दिनांक 20/09/2023 को अपने निर्धारित मार्ग के स्थान पर परिवर्तित मार्ग बरकाकाना – हेहल – सांकी – रांची होकर चलेगी कई जिलों में इसका असर दिखने लगा है। सरायकेला-खरसावां के नीमडीह स्टेशन के पास भारी संख्या में कुड़मी समाज के लोग जुटे। पश्चिमी सिंहभूम के सोनुआ थाना के पास पुलिस से कुछ लोगों के झड़प की भी खबर है। सोनुआ से भी सैकड़ों महिला-पुरुष छोटे बड़े वाहनों में सवार होकर घाघरा की तरफ बढ़ रहे हैं। लोगों के प्रदर्शन को लेकर प्रशासन चौकस है
क्यों हो रहा यह आंदोलन: तीन राज्यों में कुड़मी समाज के लोगों का यह तीसरी बार हो रहा है। केंद्र से उनकी मांग है कि उन्हें आदिवासी का दर्जा दिया जाए। फिलहाल ये लोग ओबीसी वर्ग के दायरे में आते हैं। संगठनों की मानें तो यह समुदाय झारखंड का है, लेकिन यहीं के लोग इन्हें स्वीकार नहीं करते। बंगाल और ओडिशा में भी कुड़मी वर्ग की बड़ी आबादी है। ऐसे में उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। एक अनुमान के मुताबिक, झारखंड में कुड़मी समाज के लोगों की आबादी 22 प्रतिशत है झारखंड के रांची में भी कृषि बिल के विरोध में लोगों ने रेल रोकने की कोशिश की. इस दौरान प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. जिसके बाद पुलिस की तरफ से उन्हें ट्रैक से हटाने का काम किया गया. इस दौरान रांची रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह की अवांछित घटना को रोकने के लिए भारी सुरक्षा बल की भी तैनाती देखी गई