Haryana Nuh : दरअसल, नूह में 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद लगातार कांग्रेस विधायक मामन खान का नाम सामने आ रहा था. लगातार दावा किया जा रहा था कि नूंह हिंसा के पीछे कांग्रेस विधायक मामन खान का हाथ है. हरियाणा सरकार ने गुरुवार (14 सितंबर) को ही हाईकोर्ट को बताया कि नूंह हिंसा के बाद दर्ज प्राथमिकी में कांग्रेस विधायक मामन खान को भी आरोपी बनाया गया है. सरकार ने दावा किया कि इस कदम का समर्थन करने के लिए पुलिस के पास फोन कॉल रिकॉर्ड और अन्य सबूत हैं. नूंह पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था. लेकिन वह बीमारी की बात कर कह पूछताछ के लिए नहीं आ रहे थे. अब मामन खान को गिऱफ्तार कर लिया गया है. शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा इससे पहले मामन खान ने मंगलवार को अदालत का रुख कर गिरफ्तारी से राहत का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है जबकि वे हिंसा के दिन नूंह में थे ही नहीं. विधायक की ओर से पेश वकील ने मीडिया में कहा कि खान को अभी पता चला है कि प्राथमिकी में उनका नाम है
जिले में धारा 144 लागू: सूत्रों के मुताबिक पुलिस को जानकारी मिली है कि कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक हंगामा या बवाल कर सकते हैं। जिसके चलते पुलिस ने जिले में धारा 144 लागू कर 16 सितंबर रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। इसके अलावा पुलिस ने तावडू में दुकानों को भी बंद करा दिया है वहीं, प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर राजस्थान से जुड़ी सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी है और वाहनों की जांच करने के बाद ही लोगों को जिला में प्रवेश करने दिया जा रहा है। साथ ही प्रशासन ने लोगों से जुमे की नमाज अपने घर पर ही अदा करने की अपील की है। मामन फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से विधायक है
Maman Khan को गिरफ्तार किया गया है.: दरअसल, नूह में 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद लगातार कांग्रेस विधायक मामन खान का नाम सामने आ रहा था. लगातार दावा किया जा रहा था कि नूंह हिंसा के पीछे कांग्रेस विधायक मामन खान का हाथ है. हरियाणा सरकार ने गुरुवार (14 सितंबर) को ही हाईकोर्ट को बताया कि नूंह हिंसा के बाद दर्ज प्राथमिकी में कांग्रेस विधायक मामन खान को भी आरोपी बनाया गया है. सरकार ने दावा किया कि इस कदम का समर्थन करने के लिए पुलिस के पास फोन कॉल रिकॉर्ड और अन्य सबूत हैं.
सरकार का क्या है : सरकार की तरफ से हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल ने सुनवाई के बाद कहा कि सबूत खान के दावे के खिलाफ हैं. सभरवाल ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड, एक फोन टावर के माध्यम से ट्रैक की गई उनकी लोकेशन, विधायक के निजी सुरक्षा अधिकारी का एक बयान और अन्य सबूत, खान के दावे को ‘‘झूठा’’ साबित करते हैं उन्होंने कहा, ‘‘अदालत को बताया गया कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है. प्राथमिकी के 52 आरोपियों में से 42 को गिरफ्तार किया जा चुका है और एक आरोपी नियमित जमानत पर है. अदालत को जांच एजेंसी द्वारा उसके खिलाफ जुटाए गए सभी सबूतों से अवगत कराया गया.’’ राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि सह-आरोपी तौफीक ने भी खान का नाम लिया है. तौफीक को नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था.