चंद्रयान -2 के असफल होने के बाद आज भारत के साथ पूरी दुनिया की नजर चंद्रयान-3 मिशन की और है। :
चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की नजर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) कामयाबी से सिर्फ कुछ ही दूरी पर है। 21 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर भारत का चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला है। इसको लेकर दुनियाभर की नजर चंद्रयान-3 पर टिकी हुई है। रूस भी 47 वर्षों के बाद कोई मून मिशन को अंजाम दे रहा था, लेकिन रूस का लूना-25 चांद की सतह से टकराकर क्रैश कर गया है। ऐसे में लूना-25 ने रूस के साथ-साथ पूरी दुनिया की उम्मीद पर पानी फेर दिया है। लूना-25 के क्रैश होने के बाद दुनियाभर की नजर अब भारत के चंद्रयान-3 पर आ टिकी है। इस बुधवार चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। ऐसे में पूरा भारत चंद्रमा मिशन को लेकर काफी उत्साहित है। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने चंद्रयान-3 के लिए उत्साह व्यक्त किया है। महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष ने कहा कि वह चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग के दौरान उसे देखेंगे और प्रार्थना भी करेंगे। इसी के साथ वह भारत की जय-जयकार करेंगे। इसको लेकर आनंद महिंद्रा ने एक्स हैंडल (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया।
चांद के बेहद करीब पहुंचा चंद्रायन-3 | Chandrayaan 3
चंद्रयान-3 की सफलता लैंडिंग पर पूरी दुनिया की नजर है: ISRO का चंद्रयान-3 मून मिशन अब बेहद रोमांचक दौर में पहुंच गया है. उसके विक्रम लैंडर (Vikram Lander) को तीन दिन बाद चांद के दक्षिणी ISRO का चंद्रयान-3 मून मिशन अब बेहद रोमांचक दौर में पहुंच गया है. उसके विक्रम लैंडर (Vikram Lander) को तीन दिन बाद चांद के दक्षिणी से अलग हुआ था. 17 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के दो हिस्से अलग हुए इसके बाद चंद्रयान-3 चांद के हाइवे पर गया. यानी ट्रांस-लूनर ट्रैजेक्टरी में पहुंचा. फिर चंद्रमा के चारों तरफ छह बार प्रोपल्शन मॉड्यूल का इंजन ऑन किया गया. कुल मिलाकर 1546 किलोग्राम फ्यूल खत्म हुआ. कैसे- बताते हैं आपको. पृथ्वी के चारों तरफ पांच बार प्रोपल्शन मॉड्यूल के थ्रस्टर्स को ऑन किया गया. तब 793 किलोग्राम फ्यूल लगा
23 अगस्त को चंद्रयान-3 रचेगा इतिहास: आपको बता दें कि चंद्रयान-3 14 जुलाई 2023 को श्री हरिकोटा से लॉन्च हुआ था। 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा के कक्ष में प्रवेश किया था। वह 23 अगस्त को चंद्रमा के सतह पर लैंड करेगा। इस मिशन में चंद्रमा पर खनिजों का जांच करने के लिए लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन है। अगर यह मिशन पूरा होता है तो भारत पहला देश होगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।