भट्टी से निकाले गए अवशेष की सामने आ रहीं तस्वीरें विचलित करने वाली हैं:लापता लड़की के पिता ने कहा, “मेरी बेटी बुधवार सुबह दस बजे बकरियां चराने गई थी. फिर लौट कर नहीं आई. ख़ूब तलाश किया तो रात में कोयला भट्टी के पास बेटी की चप्पल मिली.”थाना प्रभारी खींवराज गुर्जर ने कहा “जब लकड़ी से आग को कुरेदा तो उसमें से लड़की का कड़ा मिला. जिसकी सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों समेत पुलिस वहां पहुंची.”लड़की के पिता ने कहा, “भट्टी से बेटी की हड्डियां, अंगूठी और कड़ा मिला है. मेरी बेटी को कालबेलियों ने मार डाला. इनको फांसी होनी चाहिए.लापता लड़की के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी का पहले गैंगरेप किया गया फिर उसे कोयला भट्टी में जलाकर मार डाला गया.
लड़की के पिता ने रोते हुए कहते हैं, “मेरी सबसे छोटी बेटी को मार डाला, इनको फांसी होनी चाहिए.”भीलवाड़ा कलेक्टर आशीष मोदी ने घटना के संबंध में बीबीसी से कहा, “परिजनों की एक ही मांग थी कि घटना के ज़िम्मेदार लोगों को पकड़ा जाए.शव को एक स्थानीय नाबालिग़ लड़की का बताया जा रहा है, जो दो अगस्त को अपने घर से बकरियां चराने गई थी.कोटड़ी थाना प्रभारी खींवराज गुर्जर ने बीबीसी से फ़ोन पर कहा, “शव पूरी तरह जल गया है, कुछ हड्डियां बची हैं जिन्हें डीएनए टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है
किशोरी से गैंगरेप के बाद हत्याकर शव को कोयले की भट्टी में झोंक देने के मामले में भीलवाड़ा पुलिस की लापरवाही सामने आई है। तलाश करने के बाद भी किशोरी नहीं मिलने पर बुधवार रात परिजन रिपोर्ट लेकर कोटड़ी थाना गए थे। लेकिन पुलिस ने परिजन के दर्द को हल्के में लिया और किशोरी की तलाशना तो दूर उन्हें थाने से टरका दिया। नतीजा यह रहा कि आरोपियों को किशोरी का शव जलाने का पूरा मौका मिला। पुलिस की ओर से समय पर तलाश की जाती तो सम्भवतया किशोरी का शव तो बरामद किया ही जा सकता था। आरोपियों ने किशोरी की जान तो दोपहर बाद ही ले ली थी, शव को डेरे में छिपा दिया था और शव को कोयले की भट्टी में जलाने के लिए रात होने का इंतजार किया। परिजन थाने से लौट रहे थे तो उनको जलती भट्टी नजर आई। जबकि थाने जाते समय भट्टी नहीं जल रही थी। बारिश के मौसम में भट्टी जलती देखकर परिजनों की शंका की सुई घूमी
मृतका के तीन बहनें और दो भाई है। उनमें तीसरे नम्बर की किशोरी है। गांव में मातम पसरा हुआ था। जनप्रतिनिधि और अधिकारियों का आना रात तक जारी रहा। सन्नाटे को लग्जरी गाडि़यों की आवाज चीर रही थी। घटना से गांव में शोक की लहर थी। प्रशासन ने जंगल में बनी सभी भटिटयों को दोपहर में जेसीबी की सहायता से ध्वस्त कर दिया। डेरों में रह रहे लोगों के झोपड़ों को भी नेस्तनाबूद किया। भट्टी में मिले अवशेषों का डीएनए सैंपल लिया गया है। इन सैंपल को परिजनों के डीएनए से मिलान करते हुए जांच के लिए भेजा गया है।