Jasprit Bumrah ने बेटे को गिफ्ट की अपनी खास फाइफर बॉल

Jasprit Bumrah

Jasprit Bumrah: पहले टेस्ट मैच में शानदार पांच विकेट, बेटे को गिफ्ट की मैच की बॉल

Jasprit Bumrah ने इंग्लैंड के खिलाफ हैडिंग्ले टेस्ट में पहले पारी के दौरान अपनी 14वीं फाइफर (5 विकेट) लेने के बाद, उस विशेष गेंद को अपने बेटे अंगद को गिफ्ट किया, जिससे उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की। यह वाकया क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को छू गया, जब टीवी प्रस्तुतकर्ता संजना गणेशन, जो जसप्रीत बुमराह की पत्नी हैं, ने इंस्टाग्राम पर इस बारे में जानकारी दी। बुमराह ने 22 जून, रविवार को अपनी गेंद को बेटे को उपहार में दिया, और तस्वीर में जूनियर बुमराह उस गेंद को थामे हुए थे, जिस पर उनके पिता के पहले पारी के आंकड़े अंकित थे।

बुमराह की वापसी और शानदार प्रदर्शन:

Jasprit Bumrah का यह 14वां फाइफर था, और यह उनका 46वें टेस्ट मैच में हासिल किया गया। लंबे समय तक पीठ की चोट के कारण टेस्ट क्रिकेट से बाहर रहने के बाद, बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ जबरदस्त वापसी की। उन्होंने भारत को मैच में बनाए रखा, जबकि उनके साथी गेंदबाजों को इंग्लैंड के बल्लेबाजों के खिलाफ लगातार मौके मिलते रहे।

जब मोहम्मद सिराज (2/122) और प्रसिद्ध कृष्णा (3/128) को इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने अपने स्थान से हटा दिया, तो बुमराह ने स्थिति को संभाला और भारत को 471 रन पर आउट करने के बाद छह रन की मामूली बढ़त दिलाई। उनकी शानदार गेंदबाजी ने भारत को जीत की दिशा में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया।

दूसरे स्पेल में बुमराह की गेंदबाजी:

हालांकि, पिछले कुछ महीनों से बुमराह केवल टी20 क्रिकेट में सक्रिय थे और टेस्ट मैचों की कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे थे, लेकिन उन्होंने शीघ्र ही अपनी गेंदबाजी में लय पकड़ ली। उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया और पहले जैक क्रॉली और फिर बेन डकेट, जो रूट, क्रिस वोक्स, और जोश टंग को अपना शिकार बना लिया।

आखिरी आंकड़े और बुमराह की उपलब्धियां:

बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 210 विकेट लिए हैं, जो कि एक शानदार औसत 19.33 पर हैं। उनका 14वां फाइफर सिर्फ 46 टेस्ट मैचों में आया है। यह आंकड़ा किसी भी तेज गेंदबाज के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। बुमराह ने कपिल देव का रिकॉर्ड भी बराबर किया है, जिन्होंने विदेशी धरती पर 12 बार फाइफर लिया था, जबकि बुमराह ने केवल 34 विदेशी टेस्ट मैचों में यह उपलब्धि हासिल की है, जबकि कपिल देव को इसके लिए 66 टेस्ट मैच खेलने पड़े थे।

इसके अलावा, Jasprit Bumrah ने SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में 10 बार पांच विकेट लिए हैं, और वह इस सूची में एशिया के गेंदबाजों में सबसे ज्यादा फाइफर लेने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उनकी यह उपलब्धि वसीम अकरम से एक कदम पीछे है। बुमराह के पास ऑस्ट्रेलिया में 4, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में 3-3, और वेस्ट इंडीज और भारत में 2-2 फाइफर हैं।

बुमराह का रिकॉर्ड:

Jasprit Bumrah की गेंदबाजी में स्वाभाविक क्षमता और मानसिक मजबूती उनकी सबसे बड़ी पहचान है। वह केवल एक तेज गेंदबाज ही नहीं, बल्कि एक बल्लेबाज के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं। उनकी गेंदबाजी में लचीलापन और सटीकता है, जिससे वह किसी भी स्थिति में विपक्षी टीम को दबाव में डाल सकते हैं। बुमराह की गेंदबाजी ने कई बार भारत को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाला है, और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी कड़ी मेहनत से एक स्थायी स्थान प्राप्त किया है।

बुमराह का विशेष योगदान:

Jasprit Bumrah का भारत क्रिकेट में योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उनकी शानदार गेंदबाजी ने भारत को कई अहम मैचों में जीत दिलाई है, और वह भारत के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं। उनके द्वारा की गई शानदार गेंदबाजी की पंक्तियाँ अब तक क्रिकेट जगत में याद की जाएंगी। खासकर, उनकी वापसी के बाद इंग्लैंड में किया गया यह प्रदर्शन बुमराह की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बुमराह की आने वाली योजनाएं:

Jasprit Bumrah ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी सशक्त वापसी कर दी है, और अब वह आने वाले टेस्ट मैचों में अपनी और अपनी टीम की उम्मीदों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। बुमराह का उद्देश्य केवल पांच विकेट लेना नहीं है, बल्कि वह टीम के लिए एक स्थिर और प्रभावी तेज गेंदबाज बने रहने के लिए अपने प्रदर्शन को लगातार बेहतर बनाए रखना चाहते हैं।

इसलिए, जब Jasprit Bumrah ने अपनी 14वीं फाइफर के साथ अपने बेटे को विशेष गेंद गिफ्ट की, तो यह न केवल एक पिता का प्यार था, बल्कि यह दर्शाता है कि बुमराह अब अपनी क्रिकेट यात्रा को परिवार के साथ साझा करने का भी आनंद ले रहे हैं। उनके इस प्रयास ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को छुआ और यह घटना एक प्रेरणा का स्रोत बन गई।

निष्कर्ष:

Jasprit Bumrah का 14वां फाइफर उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनके खेल और अनुशासन ने उन्हें विश्व क्रिकेट में एक अद्वितीय स्थान दिलाया है। यह फाइफर उनके अद्वितीय क्रिकेट कौशल को और भी मजबूत करता है। बुमराह ने अपनी वापसी से यह साबित कर दिया कि वह भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण के सबसे बड़े स्तंभों में से एक हैं, और उनके भविष्य के प्रदर्शन का इंतजार सभी को है।

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