GNG Electronics IPO vs Indiqube Spaces IPO: 23 जुलाई को आ रहे दो बड़े आईपीओ, कौन सा है बेहतर निवेश विकल्प?
2025 में आईपीओ (Initial Public Offering) की लहर तेज हो गई है और अब 23 जुलाई को दो प्रमुख कंपनियों – GNG Electronics और Indiqube Spaces – के आईपीओ खुलने जा रहे हैं। इन दोनों कंपनियों के आईपीओ के आकार काफी बड़े हैं, और दोनों ही कंपनियां अपनी संबंधित इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि दोनों आईपीओ अलग-अलग व्यवसायों से जुड़े हुए हैं, तो ऐसे में निवेशकों के लिए यह सवाल उठता है कि किसे चुनना बेहतर रहेगा। आइए हम इन दोनों आईपीओ का विश्लेषण करते हैं, जैसे कि जीएमपी (Grey Market Premium), इश्यू संरचना, और इन कंपनियों के व्यवसाय मॉडल के बारे में जानें, ताकि आप बेहतर निर्णय ले सकें।
GNG Electronics IPO और Indiqube Spaces IPO का जीएमपी (GMP) विश्लेषण
बिना लिस्टेड बाजार में दोनों आईपीओ निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। Indiqube Spaces IPO का शेयर वर्तमान में 40 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है, जिससे अनुमानित लिस्टिंग कीमत लगभग 277 रुपये होगी, जो इसके ऊपरी मूल्य बैंड 237 रुपये से लगभग 17% अधिक है।
वहीं, GNG Electronics IPO की बात करें तो यह ज्यादा ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस आईपीओ का शेयर 75 रुपये के प्रीमियम पर बिक रहा है, जिसका मतलब है कि इसकी अनुमानित लिस्टिंग कीमत 312 रुपये हो सकती है, जो इसके 237 रुपये के इश्यू मूल्य से लगभग 32% अधिक है।
हालांकि, जीएमपी (Grey Market Premium) एक आधिकारिक मीट्रिक नहीं है और यह बाजार की स्थिति के अनुसार बदल सकता है, फिर भी यह लिस्टिंग से पहले निवेशक की भावना का एक संकेत प्रदान करता है।
GNG Electronics IPO और Indiqube Spaces IPO: इश्यू का आकार और संरचना
Indiqube Spaces IPO का आकार 700 करोड़ रुपये है, जिसमें 650 करोड़ रुपये का ताजातरीन इश्यू और 21,09,704 शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी के विस्तार, ऋण चुकाने और अन्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए किया जाएगा।
वहीं GNG Electronics IPO का आकार 460 करोड़ रुपये है, जिसमें 400 करोड़ रुपये का ताजातरीन इश्यू और 25,50,000 शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। इस इश्यू से प्राप्त धन का इस्तेमाल कंपनी के ऋण चुकाने और इसके यूएई स्थित सहायक कंपनी, Electronics Bazaar FZC, के लिए किया जाएगा।
GNG Electronics IPO और Indiqube Spaces IPO: व्यवसाय का अवलोकन
Indiqube Spaces एक प्रौद्योगिकी सक्षम कार्यालय स्थान प्रदान करने वाली कंपनी है, जो आधुनिक उद्यमों के लिए प्लग-एंड-प्ले ऑफिस स्पेस ऑपरेट करती है। इसके पास 15 शहरों में 115 केंद्र हैं और यह 8.4 मिलियन वर्ग फुट क्षेत्र का प्रबंधन करता है। इसका ग्राहक-केंद्रित वर्कस्पेस मॉडल स्टार्टअप्स से लेकर बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों तक फैला हुआ है।
GNG Electronics का व्यवसाय refurbished ICT (Information and Communication Technology) स्पेस में है। यह कंपनी “Electronics Bazaar” ब्रांड के तहत काम करती है और इसके मुख्य उद्देश्य में से एक है ई-वेस्ट को कम करना। कंपनी का वैश्विक संचालन भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और यूएई तक फैला हुआ है।
GNG Electronics IPO और Indiqube Spaces IPO: इश्यू संरचना और निवेशक श्रेणियाँ
दोनों आईपीओ का मूल्य बैंड 225 से 237 रुपये प्रति शेयर है और दोनों का लॉट आकार 63 शेयर है। हालांकि, विभिन्न निवेशक श्रेणियों के लिए इनकी आवंटन संरचना अलग-अलग है।
Indiqube Spaces ने अपने इश्यू का 75% पात्र संस्थागत खरीदारों (QIBs) के लिए, 15% गैर-संस्थागत निवेशकों (NIIs) के लिए और केवल 10% खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित किया है।
GNG Electronics ने 35% आवंटन खुदरा निवेशकों के लिए, 15% NIIs के लिए और 50% QIBs के लिए आरक्षित किया है।
GNG Electronics IPO और Indiqube Spaces IPO: लिस्टिंग समयरेखा
दोनों आईपीओ एक जैसी समयरेखा का पालन करेंगे। इसमें शामिल हैं:
सब्सक्रिप्शन 23 जुलाई को खुलेगा और 25 जुलाई को बंद होगा।
आवंटन का आधार 28 जुलाई को होने की उम्मीद है, जबकि रिफंड और शेयर क्रेडिट 29 जुलाई को होंगे।
दोनों स्टॉक्स 30 जुलाई को एनएसई और बीएसई पर लिस्ट हो सकते हैं।
निष्कर्ष: कौन सा आईपीओ बेहतर है?
GNG Electronics IPO और Indiqube Spaces IPO दोनों ही निवेशकों के लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं, लेकिन निवेश के निर्णय में इनकी इश्यू संरचना, जीएमपी और व्यवसाय मॉडल की गहरी समझ जरूरी है। GNG Electronics IPO का प्रीमियम ज्यादा आकर्षक दिख रहा है, लेकिन Indiqube Spaces IPO का बाजार में विस्तार और स्थिरता दिखाता है। दोनों आईपीओ के बीच निवेशकों को अपनी जोखिम सहनशीलता और भविष्य के संभावित लाभ को ध्यान में रखते हुए एक बुद्धिमानी से निर्णय लेना चाहिए।
GNG Electronics IPO और Indiqube Spaces IPO दोनों में निवेश करने से पहले इनके तकनीकी पहलुओं, प्रवृत्तियों और जोखिमों का पूरी तरह से मूल्यांकन करना चाहिए।
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