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पति की मौत के बाद पत्नी ने बच्चों को छोड़ा प्रमी संग बसाई नई दुनिया बच्चों ने जिलाधिकारी से की शिकायत

Agra News : उत्तर प्रदेश के आगरा के थाना सदर क्षेत्र” को “आगरा के एक पुलिस थाने के इलाके में” और “मृतक आश्रित कोटे में” को “मृतक के आश्रितों के लिए आरक्षित नौकरी में” के रूप में बदला जा सकता है


आगरा के एक पुलिस थाने के इलाके में एक असामान्य मामला प्रकाश में आया है। एक महिला ने अपने पति की मौत के पश्चात् मृतक के आश्रितों के लिए आरक्षित नौकरी में अपनी नियुक्ति सुनिश्चित कर ली। इसके बाद उसने अपने दो बच्चों को छोड़ दूसरा विवाह भी कर लिया। जब उसके बेटों ने उसके साथ रहने की इच्छा व्यक्त की, तो उसने इसे स्वीकार नहीं किया। नाबालिग बेटों ने अपनी मां के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया और अपने पिता की पेंशन प्राप्त करने की अपील की

यह घटना आगरा के सदर थाना क्षेत्र में घटित हुई, जहां एक महिला का विवाह नगर निगम में कार्यरत एक पुरुष से हुआ। पति के पास सरकारी नौकरी थी। विवाह के उपरांत, दंपति को दो पुत्र हुए और परिवार में खुशियाँ थीं। परंतु, अचानक महिला के पति का निधन हो गया। महिला ने मृतक के आश्रित के रूप में नौकरी प्राप्त कर ली और पति की पेंशन भी शुरू कर दी। कुछ समय पश्चात्, महिला ने एक अन्य पुरुष के साथ जीवन बिताने का निर्णय लिया। उसने अपने दोनों नाबालिग पुत्रों को छोड़ दिया और दूसरे पुरुष के साथ विवाह कर लिया। जब पुत्रों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, तो महिला ने उन्हें साथ में रखने से इनकार कर दिया और उनके साथ मारपीट भी की।

 मधु नामक महिला के दो नाबालिग पुत्र हैं। मधु के ज्येष्ठ पुत्र ने सदर थाने में अपनी मां के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई है। बेटे ने थाने में प्रस्तुत किए गए अपने आवेदन में उल्लेख किया कि उनके पिता राकेश नगर निगम में कार्यरत थे। अचानक एक दिन उनका निधन हो गया। इसके पश्चात्, उनकी दादी विद्या देवी ने मधु को पिता के स्थान पर नौकरी दिलाने में मदद की।
इसके बाद मधु ने सोनू नामक व्यक्ति से पुनर्विवाह कर लिया और उसी के साथ निवास करने लगी। बच्चों का आरोप है कि मधु ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है और उनकी आर्थिक आवश्यकताओं के लिए कोई धन नहीं दे रही है, जिस कारण वे विपन्न स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं। इस स्थिति के कारण बच्चे और उनकी दादी आर्थिक कठिनाईयों से जूझ रहे हैं, और बच्चे पढ़ाई एवं भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

बच्चों ने जिलाधिकारी से सहायता मांगी :  आकाश ने व्यक्त किया कि धन की कमी के कारण वे दोनों भाई आर्थिक सहायता के लिए तरस गए हैं। इसी के चलते उन्होंने 23 फरवरी को जिलाधिकारी के समक्ष अपनी पीड़ा रखी।

जिलाधिकारी के निर्देश पर उप नगर आयुक्त को यह जांच सौंपी गई। इस प्रक्रिया से नाराज होकर, मां ने नित्य हिंसा का सहारा लिया। उसके नए साथी और उनके मित्रों ने बच्चों को रास्ते में रोककर मारपीट की और शिकायत वापस लेने की मांग की। बच्चों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच आरंभ की है।

मां के नवीन पति पर हिंसा का आरोप बड़े पुत्र ने खुलासा किया कि उसने पूर्व में भी नगर आयुक्त के समक्ष अपनी मां की शिकायत की थी। इस शिकायत से उसकी मां का नया पति सोनू उत्तेजित हो गया और 6 मार्च 2024 को उसे रास्ते में रोक कर मारपीट की। सोनू ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी और शिकायत वापस लेने का दबाव डाला। इस घटना के बाद पुत्र ने किसी प्रकार अपनी जान बचाकर घर वापसी की

 

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