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Today’s Update Chandrayaan-3 Mission 2023: गुरुवार (17 अगस्त) चंद्रयान-3 चंद्रमा पर भारत का इतिहास लिखने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है।

चंद्रयान-3 की बुधवार को चौथी बार कक्षा बदली गई और वह चंद्रमा की कक्षा में पांचवें और अंतिम चरण में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज एक दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचेंगी। इस दौरान वह रक्षा पीएसयू गार्डनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लि. (जीआरएसइ) द्वारा भारतीय नौसेना के लिए निर्मित स्वदेशी युद्धपोत विंध्यगिरि का जलावतरण करेंगी। इसके अलावा, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैजलाबाद में बुधवार को पांच चर्च तोड़ दिए गए, जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई की और हिंसा में शामिल 100 लोगों को गिरफ्तार कर लिया

लैंडिंग प्रक्रिया में 1.68 किमी प्रति सेकंड होगी रफ्तार: चंद्रयान-3 चंद्रमा पर भारत का इतिहास लिखने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है। यान ने गुरुवार (17 अगस्त) को प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया। इसका मतलब ये है कि अब चंद्रयान का रोवर अकेले ही चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में आज यानी शुक्रवार का भी दिन इसके लिए काफी अहम माना जा रहा है।
के विक्रम लैंडर को चांद के सतह पर उतरने की आखिरी 100 किलोमीटर की यात्रा खुद करनी है. उसे अपने इंजनों यानी थ्रस्टर्स का इस्तेमाल करके अपनी गति धीमी करनी है. साथ ही ऊंचाई भी कम करनी है. 17 अगस्त 2023 की दोपहर विक्रम लैंडर अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से  अलग हो गया.  अब 18 और 20 अगस्त को होने वाले डीऑर्बिटिंग के जरिए विक्रम लैंडर को 30 किलोमीटर वाले पेरील्यून और 100 किलोमीटर वाले एपोल्यून  ऑर्बिट में डाला जाएगा
अपना यात्रा के आखिरी चरण में पहुंचा चंद्रयान-3  : शुक्रवार शाम तकरीबन 4 बजे चंद्रयान-3 में डीहूस्टिंग की प्रक्रिया होगा, जिसमें लैंडर अपनी रफ्तार कम करते हुए चंद्रमा की सतह पर थोड़ा पास जाएगा। इसरो ने कहा है कि चंद्रयान 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चांद की सतह पर लैंड करेगा। अब पूरे देश की निगाहें 23 अगस्त पर टिकी हुई हैं, जब लोग चंद्रयान के चांद पर उतरने के साक्षी होंगे।

मात्र 30 किलोमीटर रह जाएगी दूरी:  इसरो के अधिकारी के मुताबिक, शुक्रवार को लैंडर को चांद की कक्षा में लाने के लिए डीबूस्ट किया जाएगा। इस प्रक्रिया में चद्रमा की ऑर्बिट में लाने के लिए यान की रफ्तार कम होगी, जिसके बाद लैंडर की चांद की सतह से दूरी मात्र 30 किलोमीटर रह जाएगी

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