चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को भेजा नोटिस: दरअसल, अजित पवार गुट ने पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को समर्थन दिया था. इसके बाद भारत चुनाव आयोग ने एनसीपी के दोनों गुटों को नोटिस भेजा. आयोग ने संबंधित नोटिस का जवाब 17 अगस्त तक देने को कहा था. लेकिन शरद पवार गुट (Sharad Pawar Faction) ने संबंधित नोटिस का जवाब देने के लिए चुनाव आयोग से चार सप्ताह का समय मांगा था.
Election Commission का बड़ा फैसला
आज देना होगा जवाब:एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों से जानकारी मिली है कि एनसीपी का शरद पवार गुट आज चुनाव आयोग को अपना जवाब नहीं सौंपेगा. शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से 4 हफ्ते की मोहलत मांगी है. इस बीच शरद पवार के गुट ने एक मेल भेजकर कहा था कि अजित पवार के गुट ने कौन-कौन से दस्तावेज दिए हैं, उनकी सूची दें ताकि हम उनका जवाब दे सकें. लेकिन चुनाव आयोग से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. अब शरद पवार गुट ने फिर 4 हफ्ते की मोहलत मांगी है, लेकिन चुनाव आयोग ने भी कोई जवाब नहीं दिया है. चुनाव आयोग ने दोनों समूहों को अपना जवाब देने के लिए आज गुरुवार तक का समय दिया है
2 जुलाई को अजित ने की थी बगावत: अजित का दावा है कि उनके समर्थन में 40 विधायक हैं लेकिन सब मीटिंग में नहीं आ पाए थे. इस संख्या बल को लेकर दोनों गुटों की ओर से अलग अलग दावे किए जा रहे हैं, हालांकि इसे लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है. नंबर गेम में चाचा से आगे निकलकर अजित पवार संदेश देने में सफल रहे कि एनसीपी उनकी मुट्ठी में है. यानी जैसे 2019 में हुआ था, वैसा 2023 में नहीं होगा. बता दें कि 2019 में डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बावजूद कुछ ही घंटों में अजित को इस्तीफा देकर देवेंद्र फडणवीस से गठबंधन तोड़ना पड़ा था