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हथियारों से लैस और बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पुलिस बल अचानक मुख्तार के आवास पर पहुंच गया। इस अचानक हुई कार्रवाई का कारण जानिए।

New Delhi :  10 अप्रैल 2024: गुरुवार सुबह, गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में मुख्तार अंसारी के घर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिसकर्मियों के हाथों में बंदूकें और बुलेट प्रूफ जैकेट थे। यह घटना मुख्तार अंसारी के निधन के बाद हुई, जो 5 अप्रैल 2024 को पंजाब की रोपड़ जेल में हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी।

पुलिस बल तैनात करने के कारण:

  • भीड़ नियंत्रण: मुख्तार अंसारी एक विवादास्पद व्यक्ति थे, जिनके समर्थकों और विरोधियों दोनों की संख्या बड़ी थी। पुलिस को आशंका थी कि उनके निधन के बाद उनके घर पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो सकते हैं, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।
  • सुरक्षा: मुख्तार अंसारी के परिवार को भी खतरा हो सकता था, इसलिए पुलिस ने उनकी सुरक्षा के लिए भी बल तैनात किया था।
  • अनुसंधान: मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस उनके घर पर छापेमारी करके सबूत इकट्ठा करने की कोशिश कर रही थी।

पुलिस बल के प्रभाव:

  • शांति व्यवस्था: पुलिस बल तैनात करने से मोहम्मदाबाद में शांति व्यवस्था बनी रही।
  • अशांति: कुछ समर्थकों ने पुलिस बल तैनात करने का विरोध किया और नारेबाजी भी की।
  • तनाव: इस घटना ने मोहम्मदाबाद में तनाव का माहौल पैदा कर दिया।

अगले चरण:

  • पुलिस मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच जारी रखेगी।
  • मुख्तार अंसारी के परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
  • मोहम्मदाबाद में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात

  मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी को बुधवार को कासगंज से गाजीपुर कड़ी सुरक्षा में लाया गया। वह शाम के समय कालीबाग कब्रिस्तान पहुंचे। प्रिजन वाहन से उतरते समय अब्बास ने अपने पिता की शैली में सलामी दी और फिर अंदर चले गए। इस समय पुलिस बल की भारी तैनाती थी। मुख्तार अंसारी के निवास से कब्रिस्तान तक हर जगह पुलिस तैनात थी। कब्रिस्तान में अब्बास के साथ उनके छोटे भाई उमर और परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

मंगलवार की रात को कासगंज जेल से निकले अब्बास अंसारी बुधवार की सुबह गाजीपुर जेल में पहुँचे। उसी दिन, वह शाम के समय अपने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने मुहम्मदाबाद गए। अपने पिता की कब्र की यात्रा से पहले, अब्बास अपने घर भी गए थे। इस पूरे समय के दौरान, उनकी सुरक्षा में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रही।

 

Supreme Court :  सुप्रीम कोर्ट ने उनके पिता मुख्तार अंसारी के स्मरण में 10 अप्रैल को आयोजित ‘फातिहा’ समारोह में शामिल होने की इजाजत दी थी। अदालत के आदेशानुसार, अब्बास को गाजीपुर में अपने घर ले जाने और 13 अप्रैल तक कासगंज जेल में वापस लाने के लिए कड़ी सुरक्षा में पुलिस हिरासत में रखा जाएगा। मुख्तार अंसारी, जिन्होंने गैंगस्टर से राजनीतिज्ञ बनने का सफर तय किया, का 28 मार्च को उत्तर प्रदेश के बांदा मेडिकल कॉलेज में ह्रदयाघात से निधन हो गया था। अब्बास मंगलवार की रात को कासगंज जेल से रवाना होकर बुधवार सुबह गाजीपुर जेल पहुंचे थे, और शाम को अपने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने मुहम्मदाबाद गए थे। उनके घर जाने और कब्रिस्तान में समय बिताने के दौरान व्यापक पुलिस बल तैनात रहा।


मंगलवार की देर शाम कासगंज जेल से निकले अब्बास अंसारी अगली सुबह गाजीपुर जेल पहुँचे। गाजीपुर जेल से वे बुधवार देर शाम अपने पिता के मजार पर फातिहा पढ़ने के लिए मुहम्मदाबाद गए। मजार जाने से पहले अब्बास ने अपने घर का भी दौरा किया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, उनकी सुरक्षा में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

शीर्ष न्यायालय ने अब्बास अंसारी को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के साथ मिलने की अनुमति प्रदान की। अदालत ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि सारी क्रियाएँ शांतिपूर्वक और व्यवस्थित रूप से सम्पन्न हों। वर्तमान में, अब्बास अंसारी हथियार लाइसेंस से जुड़े एक मामले में जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

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