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Today Pune Case : जीका वायरस ने एक बार फिर अपना प्रसार शुरू कर दिया है। पुणे में जीका वायरस के 6 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से दो मामले गर्भवती महिलाओं के हैं, जो विशेष रूप से चिंताजनक है।

Zika Virus News Update :  मानसून के आगमन के साथ ही भारत के कई राज्यों में मच्छरों द्वारा फैलाए जाने वाले रोगों के प्रकोप में वृद्धि देखी जा रही है। हाल के 15-20 दिनों में, महाराष्ट्र और इसके निकटवर्ती शहरों में डेंगू के मामले बढ़ने की सूचना मिली है। साथ ही, पुणे शहर में जीका वायरस के खतरे में भी इजाफा हुआ है। हालिया मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुणे में जीका वायरस के सात नए मामले सामने आए हैं,

दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल : nएक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि पुणे में 28 वर्षीय एक गर्भवती महिला में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है, जिसकी पुष्टि शुक्रवार को हुई। एक अन्य 12 सप्ताह की गर्भवती महिला को सोमवार को यही संक्रमण दिया गया। मंगलवार को 55 वर्षीय एक महिला का भी जीका से संक्रमित होना पाया गया। जीका वायरस का संक्रमण कुछ मामलों में गंभीर और घातक हो सकता है, इसलिए सभी को लगातार सतर्क रहने की आवश्यकता है। गर्भवती महिलाओं में यह संक्रमण भ्रूण में माइक्रोसेफेली का कारण भी बन सकता है, जिसमें बच्चे का सिर सामान्य से छोटा होता है।

 

आइए समझते हैं कि डेंगू और जीका वायरस में क्या अंतर है और इनसे बचने के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं।

महाराष्ट्र में डेंगू का बढ़ता जोखिम : 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में मानसून से पहले ही डेंगू के मामले बढ़ने लगे हैं। इस वर्ष मानसून के आगमन से पहले, मई तक महाराष्ट्र में लगभग 1800 लोग डेंगू से संक्रमित पाए गए। अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि बारिश के मौसम में डेंगू के मामले और भी बढ़ सकते हैं, इसलिए लोगों को अभी से ही सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।

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डेंगू और जीका वायरस के बीच कैसे पहचान करें?

डेंगू और जीका, दोनों ही बीमारियाँ मच्छरों के काटने से फैलती हैं और इनके लक्षण भी समान हो सकते हैं। जीका वायरस, डेंगू और चिकनगुनिया की अपेक्षा अधिक तीव्रता से फैल सकता है। जीका वायरस के प्रभाव अधिकतर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में अधिक देखे गए हैं। इन दोनों बीमारियों में अंतर करना मुश्किल है क्योंकि लक्षण अक्सर ओवरलैप करते हैं। हालांकि, जीका वायरस संभावित रूप से एक व्यक्ति से दूसरे को फैल सकता है जबकि डेंगू का प्रसार आमतौर पर ऐसा नहीं होता। सही समय पर पहचान और उपचार महत्वपूर्ण हैं।

जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। यदि एक गर्भवती महिला इससे संक्रमित हो जाती है, तो उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण को भी संक्रमण का खतरा होता है। जीका वायरस शरीर के तरल पदार्थों में, जैसे कि वीर्य में, संक्रमण के कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों तक बना रह सकता है, यहां तक कि यदि संक्रमित व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं भी हो। इस कारण यौन संपर्क के द्वारा भी जीका वायरस का प्रसार हो सकता है। जीका से संक्रमित पांच में से केवल एक व्यक्ति में लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि बुखार, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, कंजंक्टिवाइटिस, त्वचा पर लाली या खुजली आदि

डॉक्टर भी जीका वायरस की चपेट में ?
समाचार सेवा PTI के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि जीका वायरस का पहला प्रकरण एरंडवाने इलाके में दर्ज किया गया, जहां एक 46 वर्षीय डॉक्टर संक्रमित पाया गया। उसके पश्चात् उनकी 15 वर्षीय बेटी भी इसी वायरस से संक्रमित हो गई। मुंधवा क्षेत्र से भी दो अन्य मामले सामने आए, जिसमें एक 47 वर्षीय महिला और एक 22 वर्षीय युवक जीका वायरस से प्रभावित थे।

जीका वायरस के लक्षण सामान्यतः मिलते-जुलते हैं। इसमें त्वचा पर लाल धब्बे उभरना, बुखार आना, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, और सिरदर्द होना शामिल है। अधिकतर मामलों में जीका वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में ये लक्षण प्रकट नहीं होते।

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