Weather News : दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को मौसम का मिजाज काफी बदला-बदला रहा। सुबह के समय ठंडी हवाएं बहीं, दोपहर में गर्मी और उमस बढ़ गई, और फिर दोपहर बाद घने काले बादल छा गए। तीन बजे के आसपास दिल्ली-एनसीआर में काले बादलों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, और पांच बजे तक ऐसा अंधेरा छा गया जैसे शाम सात बजे हो। इसके बाद तेज आंधी शुरू हो गई, जिसमें हवाओं की गति पालम में 47 किलोमीटर प्रति घंटा और सफदरजंग में 28 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई
26 अप्रैल को NCR में मतदान होने जा रहा है, जहाँ गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, मेरठ जैसे विभिन्न शहर शामिल हैं। स्काईमेट वेदर के अनुसार, इन शहरों में अब तक का उच्चतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को नहीं छू पाया है। हालांकि, 26 अप्रैल को इन सभी स्थानों पर तापमान 40 से 41 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। इसी दिन एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, लेकिन इसका असर दिल्ली और इसके आसपास नहीं पड़ेगा। अगर यह विक्षोभ एनसीआर के कुछ हिस्सों में प्रभाव डालता है तो भी यह मतदान समाप्त होने के बाद होगा। अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में तेज गर्मी की संभावना है, और मई के पहले सप्ताह में कई स्थानों पर लू चलने की आशंका भी है।
आंधी और उड़ती मिट्टी ने लोगों की दिक्कतें बढ़ा दीं। यह आंधी तब आई जब लोग ऑफिस से निकलने की तैयारी कर रहे थे, इस कारण उन्हें कुछ समय के लिए दफ्तर में ही ठहरना पड़ा। बुधवार को आईपीएल मैच भी है। मंगलवार को दर्ज किया गया अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से एक डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य है। हवा में नमी का स्तर 28 से 66 प्रतिशत के बीच था। शाम साढ़े पांच बजे तक दिल्ली (सफदरजंग) में छिटपुट बारिश हुई, पालम में 9.5 मिलीमीटर, रिज और आया नगर में भी छिटपुट बारिश हुई, जाफरपुर में 0.5 मिलीमीटर और मंगेशपुर में 1.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
मंगलवार को त्रिपुरा आपदा प्रबंधन विभाग ने गर्मी और उमस भरे मौसम के दीर्घकालीन प्रभावों को कम करने के उद्देश्य से एक जन सूचना जारी की। विभाग ने उल्लेख किया कि राज्य पिछले सप्ताह से उच्च तापमान और आर्द्रता का सामना कर रहा है। भारतीय मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार के मौसमी हालात आगे भी जारी रह सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जनता को यह सलाह दी है कि वे सीधे धूप और अत्यधिक गर्मी से बचें, जिससे लू लगने की गंभीर स्थिति से बचा जा सके।