Uttarakhand : उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों की बचाव कवच में फंसाई जाने के बाद आज 17वा दिन है, लेकिन अब तक उम्मीद की कोई किरण नहीं दिख रही है। अधिकारियों के अनुसार, उन्हें जल्दी ही सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा, लेकिन यहां तक कि अब तक का हकीकत यह है कि रेस्क्यू प्रयासों के बावजूद, एक के बाद एक नए परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं। पहले, ड्रिलिंग के लिए लाई गई अमेरिकी मशीन ने टूट जाने से मुश्किलें बढ़ाई हैं, और अब खराब मौसम ने नई मुसीबतों की ओर इशारा किया है
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की बचाव कवच को मजबूत करने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन के खराब होने के बाद, अब मैनुअल ड्रिलिंग का अभ्यास किया जा रहा है। इसमें 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग होगी, और अब तक 36 मीटर तक की खुदाई पूर्ण हो चुकी है सुरंग के मुहाने (सिलक्यारा) की ओर से निकलने वाली सुरंग का ड्रिलिंग के दौरान फंसे ऑगर मशीन के हिस्सों को 70 घंटे की कठिनाई के बाद भी काटकर निकाला गया है। इसके बाद, निकास सुरंग के शेष हिस्सों (नौ से 12 मीटर) को मैन्युअल रैट माइनर्स टीम ने रैट पर लगा दिया है ताकि इसे तैयार किया जा सके। रात 11 बजे तक, रैट माइनर्स ने लगभग डेढ़ मीटर सुरंग खोद लिया है। इस दिशा में, अब तक 49.5 मीटर सुरंग तैयार हो चुका है, जिसमें से 48 मीटर ऑगर मशीन से तैयार किया गया था। श्रमिकों को पहुंचने के लिए 57 से 60 मीटर की ड्रिलिंग की जानी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नजर डाली है:
सोमवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा और गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने बचाव अभियान के कई क्षेत्रों पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। इस मुद्दे पर उन्होंने बचाव दलों को प्रेरित किया और सुरंग में फंसे श्रमिकों के साथ बातचीत की, उन्हें शीघ्र सुरक्षित निकालने का आश्वासन दिया। इसी दिन, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने कैंप कार्यालय से बचाव अभियान की प्रगति का समीक्षा करने के लिए मातली में पहुंचे
तीन वाहन मशीनें फंस गई हैं: सिलक्यारा में चल रहे बचाव अभियान में मौसम ने भी सहायता की है। सोमवार को बादलों ने अधिकांश समय के लिए छाया छोड़ दिया। मौसम विभाग ने ऊचे क्षेत्रों में वर्षा के आसार को दिखाया था। इससे बचाव दलों की चिंता बढ़ी थी। हालांकि, मौसम का सामंजस्यपूर्ण रहने से बचाव दलों ने आराम की सांस ली है