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बदायूं में 2 मासूम की हत्या मां बोली आरोपी ने पांच हजार उधार लिए फिर छत पर बेटों का गला रेत दिया आरोपी का एनकाउंटर बच्चों के लहूलुहान शव देख भड़के लोग, पुलिस चौकी फूंकने को डाला पेट्रोल

Badaun Murder Case : बदायूं में दो युवकों की क्रूर हत्या के पश्चात् समस्त मोहल्ले में क्रोध की लहर दौड़ गई। प्रत्येक व्यक्ति, जिसके हाथ में कुछ भी आया, घटनास्थल की दिशा में दौड़ चला। युवाओं ने आरोपी के खोखे को सर्वप्रथम ध्वस्त कर डाला। तत्पश्चात्, पुलिस चौकी के निकटवर्ती खोखों को भी अग्नि समर्पित कर दिया गया।

पुलिस इस स्थिति को संभाल पाने का प्रयास कर रही थी कि अचानक भीड़ ने पुलिस को पीछे हटने के लिए विवश कर दिया। भीड़ ने शुरू में मंडी चौकी को घेर लिया। जल्द ही, पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। एसएसपी आलोक प्रियदर्शी सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर आ गए। पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में लगी हुई थी।

इस बीच, परिजन कठोर न्याय की मांग कर रहे थे, जिसमें फांसी की सजा भी शामिल थी। भीड़ ने आस-पास के चार और खोखे आग के हवाले कर दिए। पुलिस और प्रशासन एक तरफ आग बुझाने में लगे थे, तो दूसरी तरफ भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास भी कर रहे थे

यदि इतनी पुलिसकर्मियों की उपस्थिति न होती, तो संभवत:
समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठानों को आग के हवाले कर दिया जाता। जनसमूह में इस कदर आक्रोश व्याप्त था कि, बड़ी संख्या में पुलिस बल न होने पर कई दुकानें जलकर खाक हो जातीं। पुलिस प्रशासन के साथ-साथ पैरामिलेट्री बलों को भी तत्काल मौके पर बुलाया गया था। जिले के विभिन्न थानों से भी पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर पहुंचाया गया। समय रहते पुलिस की उपस्थिति न होती, तो सड़क किनारे स्थित सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को युवाओं द्वारा आग लगा दी जाती।साजिद, जिसने दो बच्चों का जीवन ले लिया, के छुपे होने की आशंका में भीड़ दुकान जलाने को उतारू थी। कहा जा रहा है कि घटना के समय, साजिद के दो भाई घर के सामने एक सैलून चला रहे थे। घटना के बाद उत्पन्न हुए भ्रम और अराजकता में किसी को भी नहीं पता था कि कौन कहां गया। फिर भी, मोहल्ले के निवासियों ने पुलिस को सूचित किया कि सामने की एक दुकान में आरोपी छिपा हुआ है।

निर्माणकर्ता विनोद ठाकुर ने प्रमुख आरोपी साजिद और उसके सहोदर जावेद के विरुद्ध न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया है। एसएसपी आलोक प्रियादर्शी के अनुसार, आवेदन में हत्या के मूल कारण का उल्लेख नहीं है, किन्तु विनोद का आरोप है कि मंगलवार की शाम को दोनों संदिग्ध उनके आवास पर आए थे। जावेद घर के बाहर इंतजार कर रहा था, जबकि साजिद ने उनके दो बच्चों को छत पर ले जाकर उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने विनोद के आवेदन के आधार पर हत्या के अपराध में मामला दर्ज किया है।

घटना के बाद, क्रोधित जनता ने पुलिस की चौकी को घेर लिया था और उसे जलाने की कोशिश में पेट्रोल तक डाल दिया था। लोगों को संदेह था कि आरोपी चौकी में छिपे हुए हैं। जनाक्रोश को देखते हुए पुलिस ने मझिया रोड पर यातायात रोक दिया, जिससे चौकी के निकट यातायात जाम हो गया।

पुलिस ने मुश्किल से जनता को चौकी से हटाया। इसके पश्चात्, भीड़ घटनास्थल पर पहुंच गई और उत्पात मचाने लगी। पुलिस ने अनेक प्रयासों के बाद जनता पर नियंत्रण पाया। इस दौरान पुलिस और लोगों के बीच तीखी बहस भी हुई और पुलिस को डंडे का इस्तेमाल करना पड़ा। यह घटनाक्रम बदायूं के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले बाबा कॉलोनी में घटित हुआ, जहाँ एक व्यक्ति नामक साजिद मंगलवार की संध्या को विनोद सिंह के आवास के समक्ष उपस्थित हुआ। इस क्रम में, उसने विनोद सिंह की पत्नी से 5000 रुपये की मांग की। रुपये प्राप्त करने के पश्चात्, उसने अपनी अस्वस्थता की बात कही और छत पर चला गया। छत पर आयुष (12 वर्ष) और आहान (6 वर्ष) नामक दो बालक मौजूद थे, जिन पर उसने आक्रमण कर दिया, जिसके फलस्वरूप उनकी मृत्यु हो गई।

विनोद सिंह ने अपने बच्चों के खोने के बाद बदायूं के सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में न केवल साजिद को आरोपित किया गया बल्कि उसके भाई जावेद का नाम भी शामिल किया गया। साजिद का अंत पुलिस मुठभेड़ में हो गया, वहीं अब पुलिस जावेद की खोज में लगी है। पुलिस उसके संभावित छिपने के स्थानों पर दबिश दे रही है। बच्चों की हत्या में प्रयुक्त हथियार को भी पुलिस ने साजिद के कब्जे से बरामद किया है। हालांकि, इसके पूर्व बरेली जोन के आईजी ने यह बताया था कि इस घटना में मुख्य आरोपी केवल साजिद था।

मंगलवार की शाम करीब 7:30 बजे जब विनोद सिंह के घर के भीतर साजिद प्रवेश किया, दोनों बच्चे छत पर खेल में लीन थे। वहां उसने उन पर हमला कर दिया और उनकी जान ले ली। जाने के समय, जब भीड़ ने उसे पकड़ने का प्रयास किया, वह भीड़ के बीच से निकल कर भाग निकला। पुलिस को जानकारी मिलते ही, मौके पर पहुंचकर उन्होंने स्थिति को संभाला और घेराबंदी कर साजिद को पकड़ने की कोशिश की। जब उसने पुलिस पर गोली चलाई, तो जवाबी कार्रवाई में उसकी मौत हो गई

 

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