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Today News Update Chandrayaan-3: आज शनिवार को शाम सात बजे यान को चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा

चंद्रयान-3 का चंद्र पर उतरने में सिर्फ 20 दिन बचे हैं. एक अगस्त को, चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के मार्ग पर प्रवेश किया था, उस समय इसकी गति 38,520 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. हालांकि, इसकी गति अब 37,200 किलोमीटर प्रतिघंटा पर आ गई है. आज यह चंद्रमा की कक्षा को पकड़ने का प्रयास करेगा. इसका 100% परिणाम आने की उम्मीद है, क्योंकि इसरो के वैज्ञानिकों ने पहले भी इस सफलता को हासिल किया है. अगर आपको चंद्रयान-3 की स्थिति जानने में रुचि है तो अब आप स्वयं चंद्रयान-3 की लाइव ट्रैकिंग कर सकते हैं और देख सकते हैं कि यह अंतरिक्ष में कहां है, कितने दिन बाकी हैं.
द्रमा की कक्षा को पकड़ने के लिए, चंद्रयान-3 की गति को 7200 से 3600 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच कम किया जाएगा. 5 से 23 अगस्त तक, इसकी गति लगातार कम होगी ताकि यह चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव को पार कर सके. चंद्रयान-3 को धीरे-धीरे चंद्रमा की कक्षा को पकड़ने में सफलता मिल सके और उसको चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड कराने में मदद हो सकेचंद्रमा की तरफ तेजी से बढ़ता चंद्रयान-3 उसकी सरहद में पहुंचने को तैयार है। चंद्रयान-3 धरती से चांद के बीच दो-तिहाई से अधिक दूरी तय कर चुका है और शनिवार को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने की कोशिश करेगा। चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था।

37,200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार:  चंद्रयान अभी करीब 37,200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की ओर बढ़ रहा है। चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद यह उसकी सतह से लगभग 40 हजार किलोमीटर दूर रह जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी पूर्व में बता चुकी है कि भारत के तीसरे चंद्र मिशन की स्थिति पूरी तरह सामान्य है और 23 अगस्त को चांद की सतह पर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा।

चंद्रयान अभी करीब 37,200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की ओर बढ़ रहा है। चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद यह उसकी सतह से लगभग 40 हजार किलोमीटर दूर रह जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी पूर्व में बता चुकी है कि भारत के तीसरे चंद्र मिशन की स्थिति पूरी तरह सामान्य है और 23 अगस्त को चांद की सतह पर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा।

 

 

 

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आज से 23 अगस्त तक, इसकी गति में कमी होगी:चंद्रमा की कक्षा को पकड़ने के लिए, चंद्रयान-3 की गति को 7200 से 3600 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच कम किया जाएगा. 5 से 23 अगस्त तक, इसकी गति लगातार कम होगी ताकि यह चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव को पार कर सके. चंद्रयान-3 को धीरे-धीरे चंद्रमा की कक्षा को पकड़ने में सफलता मिल सके और उसको चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड कराने में मदद हो सके.

चंद्रयान-3 की सफलता की संभावना है: इसलिए इसरो ने विशेष तरीके से चुनी हुई रणनीति और प्रक्रिया का पालन किया है, जिससे उन्हें सफलता की उम्मीद है. चंद्रयान-3 के लिए यह संभावना है कि अगर वह चंद्रमा से आगे भी निकल जाता है तो वह वापस पृथ्वी की कक्षा में लौटकर आएगा और दोबारा अपने मिशन को पूरा करेगा

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