इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद एएसआई की टीम ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क साधा है। इसके बाद एक अहम बैठक में पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी ने आला अधिकारियों संग विचार विमर्श किया और कल होने वाले सर्वे को लेकर सुरक्षा का खाका खींचा। सुरक्षा घेरा त्रिस्तरीय होगा। निर्बाध तरीके से कराया जा सके इसी सिलसिले में पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया।
21 जुलाई: बनारस की अदालत ने दिया एएसआई सर्वे का आदेश : पिछले महीने 21 जुलाई को बनारस के ज़िला जज ने हिन्दू पक्ष की याचिका पर आदेश दिया कि भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) प्लॉट नंबर -9130 की वैज्ञानिक जांच या खुदाई वाला सर्वे करवाए.पुलिस आयुक्त ने करीब तीन घंटे तक सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने की रणनीति बनाई। वहीं जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से ASI के विशेषज्ञ वाराणसी पहुंच चुके हैं। ईसाई कल से सर्वे शुरू करना चाह रहा है। इसे लेकर आवश्यक बैठक कर सभी को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं
#WATCH | Security deployed outside Jama Masjid, Sadar Bazar in Haryana’s Gurugram ahead of Friday prayers pic.twitter.com/V3sSwwAlma
— ANI (@ANI) August 4, 2023
ज्ञानवापी परिसर का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के विशेषज्ञों द्वारा सर्वे कराए जाने की अनुमति हाईकोर्ट ने आज दे दी है। ऐसे में कल से इसका एक बार फिर से ASI द्वारा सर्वे शुरू हो जाएगा। ऐसे में जिला प्रशासन और पुलिस ने सर्वे के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचा है।
हिन्दू पक्ष का कहना है कि प्लॉट नंबर 9130 पर आदि विश्वेश्वर मंदिर है जो राजा टोडरमल ने बनवाया था. अपनी दलीलों में वो कहते हैं कि मंदिर का हिस्सा वहाँ अब भी मौजूद है, जो परिसर में जाने पर नज़र आता है. उनका दावा है कि मई 2022 में हुए अधिवक्ता कमिश्नर के सर्वे से कई हिन्दू प्रतीक चिह्न मिले हैं जैसे – “कमल का फूल, त्रिशूल”, इत्यादि.
हिन्दू पक्ष का कहना है कि मंदिर पर मस्जिद बनाने से वो मस्जिद नहीं कहलाएगी. वो मानते हैं कि मंदिर दिख तो रहा है और न्यायालय में इस मंदिर-मस्जिद विवाद को तय करने के लिए एएसआई सर्वे आवश्यक है और सर्वे में कई सारी चीज़ें निकल कर आएंगी.