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Today News Lalu Prasad Yadav 2023 : लैंड फॉर जॉब केस में लालू ने कहा कि सुनवाई तो होता रहता है, हम किसी से डरने वाले नहीं हैं।

 Lalu Yadav : लैंड फॉर जॉब केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है  दरअसल, लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में सीबीआई ने 3 जुलाई को नई चार्जशीट दायर की थी, जिसमें तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया था. इससे पहले तेजस्वी का नाम इस केस में नहीं था. हालांकि, लालू यादव, राबड़ी देवी, इनकी बेटी मीसा भारती समेत अन्य का नाम पूर्व की चार्जशीट में ही आ गया था. लेकिन, इन लोगों ने फिलहाल जमानत ले रखी है. ऐसे में अब अगर आज अदालत तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर एक्शन लेता है तो उन्हें तुरंत जमानत लेनी होगी, नहीं तो फिर उनके जेल जाने की नौबत भी आ सकती है.कोर्ट में पेशी के लिए बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, राजद सुप्रीमो लालू यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मंगलवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गए हैं. दरअसल, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले महीने उन्हें समन कर 4 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा था, ऐसे में आज लालू परिवार अदालत में हाजिर होगा. बता दें पुराने केस में पहले ही राजद सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व CM राबड़ी देवी, बेटी और सांसद मीसा भारती जमानत पर हैं
Bihar Breaking: Land for job केस में Lalu Prasad Yadav की पेशी, आज राउस एवेंयू कोर्ट में होगी पेशी

सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं. सीबीआई ने ये भी पाया कि जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. लेकिन, जिन परिवारों ने यादव परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दी गई. ED के मुताबिक, कुछ उम्मीदवारों के आवेदनों को अप्रूव करने में जल्दबाजी दिखाई गई इनमें से पांच जमीनों की बिक्री हुई थी, जबकि दो गिफ्ट के तौर पर दी गई थी सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं

क्या ये मामला :  मामला रेलवे भर्ती घोटाले से अलग है। IRCTC घोटाले का आरोप भी 2004 में लालू के रेल मंत्री रहते होने की बात है। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह IRCTC को सौंप दिया था। इस दौरान रांची और पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमिताएं किए जाने की बातें आई थीं 2006 में एक प्राइवेट होटल सुजाता होटल को मिला था। आरोप है कि सुजाता होटल्स के मालिकों इसके बदले लालू यादव परिवार को पटना में तीन एकड़ जमीन दी, जो बेनामी संपत्ति थी। इस मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कई लोग आरोपी हैं।

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