India vs Canada 2023 : भारत और कनाडा के बीच तनाव गहराता जा रहा है. इसी बीच खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने कनाडा के प्रमुख शहरों में भारतीय राजनयिक दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है जानकारों का भी मानना है कि भारत का रिएक्शन स्वाभाविक है, क्योंकि पहली बार किसी पश्चिमी देश ने भारत पर इस तरह का आरोप लगाया है कनाडा के 2022 के जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक दूसरे देशों से कनाडा जाकर बसने वालों की कुल संख्या में से 19 फीसदी भारतीय होते हैं. इसके अलावा कनाडा में पढ़ रहे विदेशी छात्रों में 40 परसेंट भारतीय हैं. कनाडा में सिखों की बड़ी आबादी है, जो कुल आबादी का 2.1 फीसदी है. वहीं कुल आबादी में 2.3 हिस्सेदारी हिंदुओं की है, जो सिखों से ज्यादा हैं. ऐसे में कनाडा के लिए भारत से लिया गया ये विवाद काफी महंगा पड़ सकता है.
भारतीयों का बड़ा योगदान : इसके अलावा भी वहां रहने वाले भारतीयों का भी कनाडा की इकॉनमी में अच्छी खासी हिस्सेदारी है. एक अनुमान के मुताबिक कनाडा में करीब 20 लाख भारतीय रहते हैं. इनका वहां की इकोनॉमी में सालाना 3 लाख करोड़ का योगदान है. ‘रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा’ यानी IRCC ने 2022 में 2 लाख 26 हजार 450 वीजा मंजूर किए थे. इनमें से करीब 1.36 लाख वीजा पंजाबी छात्रों के मंजूर हुए थे. ये स्टूडेंट वहां अलग-अलग कोर्सेस में 2 से 3 साल के लिए दाखिला लेते हैं. अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद इन छात्रों के माता-पिता सबसे ज्यादा चिंतित हैं. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंड के संभावित रूप से शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके एक सप्ताह बाद खालिस्तानी समूह ने अपने सदस्यों से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है