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Today News Imran Masood and Mayawati : I.N.D.I.A. गठबंधन के सामने कुछ शर्तें भी रखी हैं क्या है पूरा मामला देखिए

Mayawati News:  यूपी के दिग्गज नेता इमरान मसूद को पार्टी से बाहर निकालने के बाद अब बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने फिर उनपर निशाना साधा है. इमरान मसूद के बहाने मायावती ने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लिया है. मायावती ने इसी दौरान एक बार फिर यह भी साफ किया है कि उनकी पार्टी विपक्ष के INDIA गठबंधन का साथ नहीं देने जा रही है. पिछले कुछ दिनों से मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा था कि मायावती मुंबई में होने वाली विपक्ष के INDIA अलायंस की बैठक से पहले गठबंधन को लेकर संपर्क में हैं. अब मायावती ने इन सभी तरह की चर्चाओं पर एक बार फिर विराम देने का काम किया है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती:

क्या कहा था मायावती ने:  मायावती ने पिछले दिनों फायर ब्रैंड नेता इमराम मसूद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. बीएसपी ने इमरान मसूद पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था. यूपी Tak ने इमराम मसूद का एक इंटरव्यू किया था, जिसमें उनकी तरफ से कही गईं बातें शायद मायावती को नागवार गुजरीं. यह इसलिए भी क्योंकि इमरान मसूद ने इस इंटरव्यू में जहां बीएसपी पर टिकट बेचने के आरोपों को लेकर गोल-मोल जवाब दिया था, वहीं राहुल-प्रियंका की जबर्दस्त तारीफ कर दी थी.

कीर्ति दुबे :  देश में जब ज़्यादातर पार्टियों ने आने वाले लोकसभा चुनाव में अपना साइड चुन लिया है, ऐसे समय में मायावती उन चंद अहम नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने कहा है कि वो लोकसभा चुनाव किसी गठबंधन में नहीं लड़ेंगी. चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने मंगलवार को एक प्रेस रिलीज़ के ज़रिए ये कह दिया है कि वो चुनाव में अकेले मैदान में उतरेंगी. लेकिन इंडिया गठबंधन की मुंबई में होने वाली तीसरी मुलाक़ात से पहले ये अटकलें तेज़ हो गई हैं कि वो इस गठबंधन का हिस्सा हो सकती हैं. भले ही अभी मायावती ने ये कह दिया है कि वो आगामी आम चुनाव अकेले लड़ेंगी लेकिन बसपा पर नज़र रखने वाले राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि वो अपने पत्ते तब खोलेंगी जब चुनाव और क़रीब होगा

गठबंधन के लिए सभी आतुर:  मायावती ने कहा कि वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई. यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी.

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