Haryana News : हरियाणा के नूंह में एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना है। गुरुवार की रात, यहां कुछ महिलाएं कुएं पूजन के लिए जा रही थीं, जब अचानक उन पर पत्थरों का हमला हुआ। इस घटना में कई महिलाएं घायल हो गईं हैं। इस दुर्घटना के पश्चात, दोनों समुदायों के लोगों में टकराव उत्पन्न हो गया, जिससे तनावपूर्ण माहौल बना
नूंह के सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस ने क्या बताया है : पुलिस ने बताया कि इस घटना में कम से कम तीन महिलाएं घायल हो गई हैं, जिन्हें व्यापक चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने यह बताया कि अभी तक किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं की गई है और उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। पुलिस के मुताबिक, घटना रात करीब 8:20 बजे एक मस्जिद के पास हुई थी, जब एक समूह महिलाएं ‘कुआं पूजन’ के लिए वहां जा रहा था
#WATCH | After reports of stone-pelting in Haryana’s Nuh, SP Nuh, Narendra Singh Bijarniya says, “Some females were going for ‘Kuan Poojan’ and there has been a complaint that stones were pelted by some children from the madrasa. People from both communities gathered here in this… pic.twitter.com/oM2XtQLq1y
— ANI (@ANI) November 16, 2023
पीड़ित परिवार और शहर के कुछ लोगों ने इस घटना के खिलाफ सख्त प्रतिवाद जताया। कुछ लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों को जाम कर दिया। इसी बीच, बड़े मदरसे के मुफ्ती जाहिद ने भी मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारनिया ने घटनास्थल पर अपनी पहुंचगीरी की और पुलिस ने वहां एकजुट भीड़ को नियंत्रित किया। पुलिस कप्तान ने स्पष्टता से कहा कि इस मामले में दोषी को किसी भी कीमत पर क्षमा नहीं किया जाएगा। जबकि खबर लिखे जाने तक, पुलिस ने किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया था, लेकिन कार्रवाई जारी थी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वार्ड नंबर 10 के निवासी दयाराम के बेटे दीपू ने पुत्र सुख प्राप्त किया। हिंदू रीति और रिवाज के अनुसार, कुछ घर और आसपास की महिलाएं कैलाश मंदिर में कुआं पूजन के लिए जा रही थीं। जाते समय, उन पर किसी ने कुछ पत्थर फेंक दिए, लेकिन महिलाएं ने इसे नजरअंदाज करके कुआं पूजन के लिए आगे बढ़ा लिया। आरोप है कि आने वाले समय में शहर के एक बड़े मदरसे के तत्वों ने फिर से कुछ शरारती तत्वों द्वारा पत्थर फेंके गए। इससे कई महिलाएं घायल हो गईं। मामला दो समुदायों के बीच एक गंभीर संघर्ष का रूप धारण कर गया है, जिससे अब तक इसका प्रसार हो गया है। थोड़ी देर बाद, बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए हैं। कुछ लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे बुलंद करते हुए रास्ते को बंद कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारनिया ने तत्काल मोर्चा संभाल लिया और वहां इकट्ठी हुई भीड़ को नियंत्रित किया। उन्होंने आम जनता को कार्रवाई की निश्चितता दी और वाद-विवाद को शांति के माध्यम से हल करने का प्रयास किया। पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारनिया ने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि यहां की शांति को भंग न मिले
यात्रा के दौरान फैली थी हिंसा : इस घटना के पश्चात्, इस इलाके में तनाव बढ़ गया है। कुछ महीने पहले ही, यहां एक भयानक हिंसा हुई थी, जिसमें एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। 31 जुलाई को, विश्व हिंदू परिषद की ब्रजमंडल यात्रा के दौरान भीड़ ने हमला किया था, जिससे इस इलाके में सांप्रदायिक हिंसा फिर से उत्तेजित हो गई थी। इस हिंसा में दो होमगार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की जान चली गई थी।