News COVID VACCINE : कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार, जिसका नेतृत्व बीजेपी कर रही है, ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के मामले में WHO के नियमों का पालन नहीं किया। कांग्रेस ने यह भी मांग की कि जिन व्यक्तियों की मृत्यु कोविशील्ड वैक्सीन लेने के पश्चात् हृदयाघात या इसी प्रकार के कारणों से हुई है, उनके परिवारों को मुआवजा प्रदान किया जाए। वहीं, बीजेपी के गुजरात अध्याय से संबद्ध चिकित्सकों ने कहा कि एक स्थानीय अध्ययन से यह सामने आया है कि कोविड-19 वैक्सीन और रक्त के थक्के बनने के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
यह जानकारी मिली है कि ब्रिटेन की प्रमुख दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की एक न्यायालय में माना है कि उनकी कोविड वैक्सीन से रक्त में थक्के बनने के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। भारत में, यह वैक्सीन सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा बनाई गई है और इसे कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है। कांग्रेस की गुजरात शाखा के प्रमुख और राज्यसभा के सदस्य शक्तिसिंह गोहिल ने प्रश्न उठाया कि WHO की सिफारिशों के बावजूद दुष्प्रभाव संबंधी डेटा क्यों नहीं एकत्र किया गया। उनका कहना था कि, ‘चूंकि उस समय दुनिया टीकों के साइड इफेक्ट्स का विश्लेषण करने में व्यस्त थी, इसलिए WHO ने सलाह दी थी कि देशों को साइड इफेक्ट्स के आंकड़े संग्रहीत करने चाहिए।
गोहिल ने कहा कि कई देशों ने WHO की सलाह मानते हुए डेटा संग्रहित किया, परंतु भारत में इस प्रकार का कोई भी डेटा संकलन नहीं हुआ। इस आरोप का समर्थन करते हुए गुजरात बीजेपी के चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. धर्मेंद्र गज्जर ने गोहिल के दावों को खारिज किया। उन्होंने उत्तर दिया, “कांग्रेस अफवाहें उड़ा रही है। ICMR ने नवंबर 2023 में एक अध्ययन प्रकाशित किया जिसमें बताया गया था कि वैक्सीन से रक्त में थक्का जमने का जोखिम नहीं होता। एस्ट्राजेनेका ने भी बताया कि खून में थक्के बनने की संभावना मात्र 0.004 प्रतिशत है, जो नगण्य है। यह सच है कि हर टीके के कुछ दुष्प्रभाव होते हैं, परंतु हमें जोखिम और लाभ का भी आंकलन करना पड़ता है।
आपको यह जानकारी दी जाती है कि हाल ही में, कोविड-19 से लड़ने वाली वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के निर्माता एस्ट्राजेनेका ने यह स्वीकार किया कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल से कुछ दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ब्रिटिश फार्मास्युटिकल कंपनी ने न्यायालयी दस्तावेज़ों में उल्लेख किया कि कोविशील्ड के प्रयोग से, कुछ विरल परिस्थितियों में, रक्त में थक्के जमने की घटनाएँ और प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है। द टेलीग्राफ (यूके) की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने इस स्वीकारोक्ति को दर्ज किया है कि उसकी वैक्सीन दुर्लभ रूप से साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकती है
एस्ट्राजेनेका ने घोषणा की, “हम उन सभी लोगों के प्रति सहानुभूति रखते हैं जिन्होंने इस दौरान अपने प्रियजनों को खो दिया या जो स्वास्थ्य समस्याएं झेल रहे हैं। मरीजों की सुरक्षा हमारा उच्चतम लक्ष्य है। हम सभी दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए नियामक संस्थाओं द्वारा निर्धारित सख्त मानकों का पालन करते हैं
एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के बीच का सहयोग कोविड-19 वैक्सीन के विकास में एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम किया। जनवरी 2021 में, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत सहित निम्न और मध्यम आय वाले अन्य देशों की जरूरतों को संबोधित करने के लिए उनके साथ एक समझौता किया। सीरम इंस्टिट्यूट ने इस समझौते के तहत भारत और विश्वभर में व्यापक मांग के अनुरूप कोविशील्ड वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 तक, भारत में कोविशील्ड की 1.7 अरब से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं।