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रविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग ED ने कोर्ट में दे दिए शराब घोटाले में अपने अगले कदमों के संकेत जाने क्या है ED का अगला कदम

Delhi NCR : दिल्ली की गद्दी संभालने वाले अरविंद केजरीवाल इन दिनों तिहाड़ के काल कोठरी में अपना अधिकांश समय आत्म-चिंतन, साहित्य के अध्ययन और योगाभ्यास में व्यतीत कर रहे हैं। बंदीगृह के मुखबिरों ने यह सूचना गुरुवार को सार्वजनिक की। विशाल एशियाई कारागार में वर्तमान में बंदी बने प्रथम राजनेता केजरीवाल को तिहाड़ की दीवारों में बंद जेल संख्या 2 के सामान्य कक्ष संख्या तीन में एक 14 गज लंबाई और आठ गज चौड़ाई के कमरे में ठहराया गया है।

कारागार के गुप्त सूत्रों की मानें तो केजरीवाल अपने दिन का बहुतांश भाग साहित्य पठन और योगाभ्यास में लगाते हैं, और प्रतिदिन दो बार आत्म-चिंतन में लीन होते हैं। एक अधिकृत मुखबिर के अनुसार, ‘वह प्रतिदिन प्रात: और संध्या समय में लगभग डेढ़ घंटे तक योग साधना और आत्म-चिंतन में रत रहते हैं।’ उन्हें अक्सर अपने हिरासत कक्ष में आसन पर विराजमान होकर साहित्य का अध्ययन करते और कुछ लेखन कार्य में संलग्न देखा जा सकता है।

कारागार के एक अधिकारिक व्यक्ति ने उल्लेख किया कि केजरीवाल के लिए बंदीगृह की पुस्तकालय में रखी गई पुस्तकें भी सुलभ हैं। उन्होंने जोड़ा, “किंतु अब तक उन्होंने अन्य कोई पुस्तक नहीं चाही है।” अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राज्य के प्रमुख को उनके निवास स्थल पर 20 चैनलों के साथ एक दूरदर्शन यंत्र भी प्रदान किया गया है, परंतु वे इसका प्रयोग करने के प्रति विशेष रुचि नहीं रखते।

केजरीवाल ने अपने आपको हिरासत में लेने और न्यायिक हिरासत को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने अपना पक्ष पेश किया। इसके उत्तर में, बुधवार को केजरीवाल के प्रतिनिधि अभिषेक मनु सिंघवी सहित तीन अधिवक्ताओं ने अपनी बात रखी। उन्होंने कदम दर कदम केजरीवाल का बचाव किया और प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाही पर प्रश्न उठाए। अदालती कक्ष में लगभग चार घंटे तक गहन वाद-विवाद चला। दोनों ही पक्षों ने अपने अपने तर्क प्रस्तुत किए। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन की राह को सिद्ध करने का दावा किया और ‘आप’ के नेताओं की संपत्तियों के खिलाफ कदम उठाने का इशारा भी किया। वहीं, केजरीवाल के अधिवक्ता ने कहा कि जांच एजेंसी अब तक यह साबित नहीं कर पाई है कि वे धन शोधन में लिप्त हैं। अधिवक्ता ने केजरीवाल की हिरासत के समय पर भी संदेह व्यक्त किया और यह सुझाव दिया कि उन्हें चुनाव प्रचार से दूर रखने के लिए हिरासत में लिया गया था।

सत्येंद्र जैन को एक बार फिर कारावास में भेजा गया है :  सत्येंद्र जैन धन शोधन के एक और मामले में फंस गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मई 2022 में उन्हें हिरासत में लिया था। न्यायालय ने स्वास्थ्य आधार पर उन्हें लगभग नौ महीने पहले अस्थायी जमानत दी थी। पिछले माह, उच्चतम न्यायालय ने जैन की सभी अर्जियाँ निरस्त कर दी थीं और उनसे तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा था। जैन को फिर से तिहाड़ कारागार में स्थानांतरित किया गया है। 26 मई 2023 को उच्चतम न्यायालय ने सत्येंद्र जैन को चिकित्सा के लिए छह सप्ताह की न्यायिक हिरासत से मुक्त किया था, जिसकी अवधि समय के साथ बढ़कर नौ महीने से भी अधिक हो गई थी। सत्येंद्र जैन के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने 2017 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में उन पर धन शोधन का आरोप लगा। एफआईआर के अनुसार, धन शोधन चार कंपनियों के माध्यम से किया गया था, जो सीधे सत्येंद्र जैन से संबंधित थीं। वर्तमान में, लोकसभा चुनावों तक उनके जमानत की संभावना नहीं दिखाई दे रही है।

तिहाड़ जेल में निरुद्ध हैं अरविंद केजरीवाल : अरविंद केजरीवाल ने 23 मार्च को अपने बंदीकरण के विरोध में उच्च न्यायालय में एक अर्जी दायर की थी। उच्च न्यायालय ने 27 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय को एक सूचना जारी की और 2 अप्रैल तक का जवाब मांगा था। इस प्रकरण पर आगामी 3 अप्रैल को सुनवाई नियत है। केजरीवाल ने न केवल अपने गिरफ्तारी के खिलाफ, बल्कि राउज एवेन्यू न्यायालय के हिरासती आदेश को भी चुनौती दी है। उन्हें 21 मार्च को हिरासत में लिया गया था और राउज एवेन्यू न्यायालय ने उसके अगले दिन, उन्हें 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया था, जिसे बाद में 1 अप्रैल तक विस्तारित किया गया। 1 अप्रैल को, न्यायालय ने उन्हें 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया
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