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Sambhal Violence Live: राहुल गांधी का संभल दौरा स्थगित, सियासी हलचल जारी

Sambhal Violence Live

Sambhal Violence Live: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद विवाद के बाद शांति, लेकिन सियासी उथल-पुथल की शुरुआत

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद विवाद के बाद हुई हिंसा के बाद अब स्थिति सामान्य हो गई है। हालांकि, इस हिंसा ने सियासी हलचल को जन्म दे दिया है और संभल में अब राजनीतिक पर्यटन का दौर शुरू हो चुका है। इस पूरे घटनाक्रम में, राजनीतिक दलों के नेता इस मुद्दे को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।

राहुल गांधी का संभल दौरा

Sambhal Violence Live के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संभावित दौरे को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। यूपी के सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद ने बयान दिया कि राहुल गांधी आज संभल नहीं जाएंगे, हालांकि आने वाले दिनों में उनका दौरा हो सकता है। इस बीच, 10 जनपथ पर इस दौरे की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं और यूपी के सभी सांसदों को राहुल गांधी से मुलाकात के लिए बुलाया गया है।

सपा सांसद का नाम FIR में शामिल

Sambhal Violence Live में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर लिया गया है। इसके अलावा, उनके पिता ममलुकुर्रहमान बर्क का नाम भी FIR में शामिल किया गया है। पुलिस ने पिता-पुत्र दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस हिंसा को प्रशासन की साजिश बताया है और कहा है कि इस मामले में न्याय नहीं मिल रहा है।

संभल में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक

संभल में जारी तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है। 30 नवंबर तक संभल में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। प्रशासन ने यह कदम शांति बनाए रखने और घटनाओं की निंदा को रोकने के लिए उठाया है।

संभल मामले में पुलिस की स्थिति

Sambhal Violence Live के बारे में मुरादाबाद रेंज के डीआईजी ने कहा कि आज का दिन संभल में सामान्य है। दुकाने खुली हैं और लोग अपने-अपने काम में व्यस्त हैं। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाएगा। डीआईजी ने शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि पुलिस किसी भी परिस्थिति में लोगों को परेशान नहीं करेगी।

सपा महासचिव रामगोपाल यादव का बयान

सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने Sambhal Violence Live पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि जो कुछ भी हो रहा है, वह गलत है। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन जानबूझकर इस मुद्दे को बढ़ा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर न्याय नहीं मिलेगा तो लोग कुछ करेंगे, और उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की है। रामगोपाल यादव ने यह भी कहा कि इस मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा।

महंत ऋषि राज गिरी का दावा

Sambhal Violence Live  संभल के कैला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी ने दावा किया कि शाही जामा मस्जिद की जगह पहले भगवान हरिहर का मंदिर था। महंत ऋषि राज गिरी का कहना है कि बाबर ने इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई थी। उन्होंने दावा किया कि उनके पास विक्रम संवत 987 के दस्तावेज और नक्शे हैं, जो यह साबित करते हैं कि यहां पहले मंदिर था। महंत ऋषि राज गिरी ने अदालत में भी इस मुद्दे को उठाया है और कहा कि एक दिन यहां फिर से भगवान हरिहर का मंदिर बनेगा।

800 अज्ञात लोगों की भीड़ का उत्पात

Sambhal Violence Live के मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने बिना प्रशासन की अनुमति के जामा मस्जिद में नमाज अदा करते हुए एक उग्र भीड़ इकट्ठा की थी। इसके बाद, 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 800 अज्ञात लोग घातक हथियारों से लैस होकर पहुंचे थे और सर्वे की प्रक्रिया को बाधित किया था। इस घटना के बाद हिंसा भड़क गई।

सुहैल का भीड़ को उकसाने का आरोप

एफआईआर में दावा किया गया है कि सुहैल इकबाल ने भीड़ को उकसाया था और कहा था कि “जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं, हम लोग तुम्हारे साथ हैं, कुछ नहीं होने देंगे।” इस बयान के बाद, भीड़ और उग्र हो गई थी और हिंसा भड़क उठी थी। पुलिस के अनुसार, हिंसा से दो दिन पहले सांसद बर्क प्रशासन की अनुमति के बिना जामा मस्जिद गए थे और इस दौरान उन्होंने भड़काऊ बयानबाजी की थी।

एफआईआर में प्रमुख आरोपी

Sambhal Violence Live की एफआईआर में मुख्य आरोपी के तौर पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का नाम लिया गया है। इसके अलावा, सुहैल इकबाल को भी आरोपी बनाया गया है। एफआईआर के मुताबिक, इन दोनों आरोपियों ने सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की और राजनीतिक फायदे के लिए हिंसा भड़काई। पुलिस ने एफआईआर में इस पूरे घटनाक्रम की गंभीरता से जांच करने की बात कही है।

निष्कर्ष

Sambhal Violence Live का मामला न केवल धार्मिक विवाद का विषय बन चुका है, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। इस हिंसा के बाद से स्थिति सामान्य होने की ओर अग्रसर है, लेकिन इसका राजनीतिक असर राज्य और केंद्र सरकारों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। आगे बढ़ते हुए, सभी दलों को इस संवेदनशील मुद्दे को शांति से सुलझाने की आवश्यकता है ताकि समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे।

Sambhal Violence Live के इस घटनाक्रम को पूरी दुनिया और देश में ध्यान से देखा जा रहा है। इस मामले में आने वाले दिनों में और कई राजनैतिक घटनाएं देखने को मिल सकती हैं, जिससे राज्य की राजनीति में और गहरी हलचल पैदा हो सकती है।


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