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Ratan Tata Death: 86 की उम्र में निधन | अंतिम दर्शन शाम तक

Ratan Tata Death

Ratan Tata Death: “आप भ्रष्टाचार से कैसे बचते हैं?” एक उद्योगपति के सवाल पर रतन टाटा का जवाब

रतन टाटा, भारतीय उद्योग जगत का एक बड़ा नाम, जिनकी मृत्यु 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में बुधवार को हुई, उनके निधन ने पूरे देश में शोक और सम्मान की बाढ़ ला दी है। उनके निधन के साथ ही भारतीय उद्योग के एक युग का अंत हो गया। रतन टाटा ने अपनी दूरदर्शिता, सादगी और नैतिक नेतृत्व के माध्यम से भारतीय उद्योग जगत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाई।

2010 में एनडीटीवी के साथ एक साक्षात्कार के दौरान, रतन टाटा ने एक रोचक घटना का जिक्र किया जो उन्होंने एक साथी उद्योगपति के साथ साझा की थी। उस समय रतन टाटा से उनके व्यवसाय में भ्रष्टाचार से बचने के बारे में पूछा गया था। इस संदर्भ में, टाटा ने बताया कि कैसे एक उद्योगपति ने उनसे 15 करोड़ रुपये एक मंत्री को देने का सुझाव दिया था, ताकि किसी अज्ञात व्यावसायिक सौदे को आगे बढ़ाया जा सके।

रतन टाटा ने स्वाभाविक रूप से इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उद्योगपति ने उनसे पूछा, “आप भ्रष्टाचार से कैसे बचते हैं?” इस पर टाटा ने जवाब दिया, “यह आत्म-नियमन पर निर्भर करता है। आप कभी इसे नहीं समझ पाएंगे।” टाटा के इस बयान से उनकी नैतिकता और सिद्धांतों की स्पष्ट झलक मिलती है। उन्होंने यह भी कहा, “मैं रात को सोने से पहले यही सोचना चाहता हूं कि मैंने गलत नहीं किया।”

रतन टाटा का निधन: उद्योग जगत में एक युग का अंत

रतन टाटा का निधन, भारतीय उद्योग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक उद्योग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी। टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और टाटा पावर जैसी कंपनियों ने भारत को औद्योगिक शक्ति में बदलने में अहम योगदान दिया।

रतन टाटा की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे अपने काम में नैतिकता और पारदर्शिता को सर्वोपरि मानते थे। उनके लिए मुनाफा कमाना ही सब कुछ नहीं था, बल्कि सही तरीके से काम करना और समाज को कुछ वापस देना उनकी प्राथमिकता थी। इसी वजह से वे भ्रष्टाचार से दूर रहे और उन्होंने कभी गलत तरीके से पैसा कमाने या किसी भी अनुचित व्यापारिक सौदे का समर्थन नहीं किया।

उनका निधन न केवल उद्योग जगत के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “रतन टाटा ने अपने नेतृत्व और समाजसेवा के माध्यम से भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।”

रतन टाटा का अंतिम संस्कार और सम्मान

Ratan Tata Death आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रतन टाटा के सम्मान में एक दिन का शोक घोषित किया है। महाराष्ट्र में सभी सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। गुरुवार को होने वाले कई कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है ताकि देश के लोग इस महान उद्योगपति को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें।

रतन टाटा का पार्थिव शरीर मुंबई के नरिमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में आज सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रखा जाएगा, जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। उनकी अंतिम यात्रा में देश के कई प्रमुख उद्योगपतियों, राजनीतिज्ञों और समाजसेवियों के शामिल होने की उम्मीद है।

Ratan Tata Death: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

रतन टाटा का जीवन और उनके सिद्धांत हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो नैतिकता और पारदर्शिता के साथ व्यापार करना चाहते हैं। उन्होंने हमेशा अपने कर्मचारियों और देशवासियों के कल्याण को प्राथमिकता दी। वे केवल एक उद्योगपति नहीं थे, बल्कि एक समाजसेवी भी थे जिन्होंने कई जनहितकारी कार्य किए। उनकी परोपकारी गतिविधियों में टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है।

रतन टाटा की कहानी यह सिखाती है कि व्यापार में सफलता पाने के लिए सिर्फ पैसा कमाना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सही तरीके से काम करना और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना भी उतना ही आवश्यक है। वे एक ऐसे उद्योगपति थे जिन्होंने कभी भी नैतिकता से समझौता नहीं किया और हमेशा अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। उनके नेतृत्व ने टाटा समूह को एक नैतिक और समर्पित संगठन के रूप में स्थापित किया, जिसे देश और दुनिया भर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

उनका योगदान केवल व्यापार जगत तक सीमित नहीं था। उन्होंने भारत के विकास के हर पहलू में भाग लिया और समाज के लिए बहुत कुछ किया। रतन टाटा की सरलता, दृढ़ निश्चय और कर्तव्यनिष्ठा उन्हें एक असाधारण व्यक्तित्व बनाती है। उनके विचार, उनके सिद्धांत, और उनकी जीवनशैली हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। रतन टाटा का जीवन भारतीय उद्योग जगत और समाज के लिए एक आदर्श था। उनका निधन एक युग का अंत है, लेकिन उनकी विरासत सदैव जीवित रहेगी। उनके योगदान को हमेशा सम्मान और गर्व के साथ याद किया जाएगा

रतन नवल टाटा, टाटा संस के मानद चेयरमैन, का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार देर रात करीब 11 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती थे। रतन टाटा के निधन ने पूरे देश में शोक की लहर पैदा कर दी है। वे न केवल भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक के प्रमुख थे, बल्कि उनकी विनम्रता, नैतिकता और दूरदर्शिता ने उन्हें लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बना दिया।

रतन टाटा का अंतिम संस्कार:

रतन टाटा का पार्थिव शरीर नरीमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में रखा गया है। यहां लोग आज शाम 4 बजे तक उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए पहुंच सकते हैं। शाम को उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। रतन टाटा के निधन पर न केवल टाटा समूह बल्कि पूरा देश गहरे शोक में है। उनके योगदान को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने उनके सम्मान में एक दिन का शोक घोषित किया है, और राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

Ratan Tata Death की अंतिम यात्रा और श्रद्धांजलि:

Ratan Tata अंतिम संस्कार में कई प्रमुख हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, “हम अत्यंत दुख के साथ रतन टाटा को विदाई दे रहे हैं। वे हमारे लिए एक मार्गदर्शक, गुरु और प्रेरणास्त्रोत थे। उनका योगदान न केवल व्यापार जगत में बल्कि समाज सेवा में भी अमूल्य था।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “रतन टाटा एक दूरदर्शी नेता, एक करुणामयी आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उनका जीवन और कार्यभार भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।”

राहुल गांधी ने कहा, “रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय उद्योग और परोपकार के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी।”

इसके अलावा, उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों ने भी रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी। मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, और आनंद महिंद्रा ने कहा कि रतन टाटा का जाना न केवल टाटा समूह बल्कि पूरे भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

रतन टाटा का नेतृत्व और योगदान:

रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह की बागडोर संभाली थी और 2012 तक टाटा संस के चेयरमैन रहे। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी धाक जमाई। टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, और टाटा पावर जैसी कंपनियों ने भारतीय उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जिसमें जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियों का अधिग्रहण शामिल था।

रतन टाटा का व्यापारिक दृष्टिकोण सिर्फ मुनाफा कमाने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने हमेशा समाज सेवा और नैतिक व्यापार पर जोर दिया। उन्होंने टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके इस योगदान के कारण उन्हें पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

Ratan Tata Death और राजकीय सम्मान:

Ratan Tata Death के बाद उनके पार्थिव शरीर को मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित NCPA में रखा गया, जहां बड़ी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। उनके अंतिम संस्कार के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में एक दिन का शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कई कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है ताकि लोग रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें।

Ratan Tata Death आज शाम राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनका निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी विरासत सदैव जीवित रहेगी।

रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक:

Ratan Tata Death के पर देशभर से शोक संदेश आ रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रतन टाटा सही मायनों में एक दूरदर्शी नेता थे। उन्होंने कॉर्पोरेट गवर्नेंस में नैतिकता और पारदर्शिता को हमेशा प्राथमिकता दी। जब आधुनिक भारत की अर्थव्यवस्था का इतिहास लिखा जाएगा, तो रतन टाटा के योगदान को विशेष रूप से उल्लेखित किया जाएगा।

सुंदर पिचाई ने भी रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “उनका नेतृत्व और दूरदृष्टि मुझे हमेशा प्रेरित करती रही है। वे एक असाधारण बिजनेस लीडर थे जिन्होंने भारतीय उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।”

निष्कर्ष:

Ratan Tata Death के भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। वे न केवल एक सफल उद्योगपति थे, बल्कि एक सच्चे मानवतावादी भी थे जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया। उनका जीवन और उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी। उनका अंतिम संस्कार Ratan Tata Death के रूप में भारतीय इतिहास का हिस्सा बन गया है, और उनकी विरासत सदैव जीवित रहेगी।

आज, रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जा रही है, लेकिन उनका नाम और उनके कार्य हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

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