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Pope Francis के प्रिय कूवक्कड़ बने कार्डिनल, बड़ी जिम्मेदारी

Pope Francis

मोनसिन्योर जॉर्ज जैकब कूवक्कड़ बने कार्डिनल

मोनसिन्योर जॉर्ज जैकब कूवक्कड़, जो 2021 से Pope Francis के विदेश दौरे आयोजित कर रहे हैं, को कार्डिनल के प्रतिष्ठित पद पर पदोन्नत किया गया है। कूवक्कड़ का संबंध केरल के कोट्टायम जिले के चंगनाशेरी के पास मामूड से है और उन्हें 20 अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ इस पद के लिए चुना गया है। इस पदवी से वे सीधे Pope Francis के नीचे के स्तर पर आते हैं।

‘मुस्कुराते तानाशाह’ की विशेष भूमिका

Pope Francis और उनके द्वारा चुने गए अन्य 20 लोग 8 दिसंबर को वैटिकन में “फीस्ट ऑफ इम्मैक्युलेट कंसेप्शन” के अवसर पर औपचारिक रूप से कार्डिनल के रूप में नियुक्त होंगे। मोनसिन्योर कूवक्कड़, जो सायरो-मलाबार चर्च के सदस्य हैं, पिछले तीन वर्षों से Pope Francis के अंतर्राष्ट्रीय दौरों का हिस्सा रहे हैं। उनकी कार्यकुशलता और व्यावहारिक दृष्टिकोण के कारण, Pope Francis ने उन्हें एक बार मजाक में “मुस्कुराता हुआ तानाशाह” कहा था।

Pope Francis के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव

कूवक्कड़ के प्रति यह स्नेह केवल उनकी कार्यकुशलता तक सीमित नहीं रहा। पिछले साल सितंबर में, जब Pope Francis अपने दौरे पर थे, तो उन्होंने कूवक्कड़ की 95 वर्षीय दादी, सोसामा एंटनी, से वीडियो कॉल पर बात की। पोप ने सोसामा को प्यार से ‘मामा’ कहा और कूवक्कड़ ने इस बातचीत का अनुवाद किया। यह घटना न केवल कूवक्कड़ परिवार के लिए बल्कि चर्च के सभी अनुयायियों के लिए भी एक दिल छू लेने वाला पल था।

दयालुता और सादगी का प्रतीक

Pope Francis का यह हावभाव उनकी दयालुता और सरलता का उदाहरण है, जिसके कारण उन्हें दुनिया भर में बहुत प्यार और सम्मान मिलता है। कूवक्कड़ के इस प्रकार के व्यक्तिगत संबंध और उनके कार्य में अत्यधिक समर्पण ने उन्हें Pope Francis के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक बना दिया है। वे पोप की व्यस्त दिनचर्या को सुचारू रूप से सुनिश्चित करते हैं, चाहे वह विदेशी दौरे हों या अन्य महत्वपूर्ण कार्य।

कूवक्कड़ का कार्डिनल बनना: एक महत्वपूर्ण क्षण

कूवक्कड़ का कार्डिनल बनना न केवल सायरो-मलाबार चर्च के लिए बल्कि केरल के ईसाई समुदाय के लिए भी गर्व का विषय है। इस पदवी के साथ, वे न केवल एक उच्च धार्मिक पद प्राप्त करेंगे, बल्कि Pope Francis के करीबी सलाहकारों में से एक के रूप में भी कार्य करेंगे। कार्डिनल का चयन केवल पोप द्वारा किया जाता है, और यह चर्च के प्रमुख निर्णयों में भागीदारी का विशेषाधिकार प्रदान करता है।

Pope Francis के नेतृत्व में समर्पण

कूवक्कड़ का यह सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक है कि कैसे वे एक समर्पित धार्मिक सेवक के रूप में चर्च की सेवा कर रहे हैं। Pope Francis के नेतृत्व में काम करना उनके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी और सम्मान दोनों है। 8 दिसंबर को जब वे औपचारिक रूप से कार्डिनल के पद पर नियुक्त होंगे, तब यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण होगा।

Pope Francis का नेतृत्व और कूवक्कड़ का साथ

जिन्होंने दुनिया के कई हिस्सों में अपनी उदारता और समर्पण से लोगों का दिल जीता है, अपने साथियों और सहयोगियों के साथ भी इसी भावना से जुड़े रहते हैं। मोनसिन्योर कूवक्कड़ के साथ उनका यह करीबी रिश्ता इस बात का उदाहरण है कि पोप अपने साथियों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़े रहते हैं और उनकी देखभाल करते हैं।

कूवक्कड़ के कार्डिनल बनने का महत्व

इस प्रकार, मोनसिन्योर जॉर्ज जैकब कूवक्कड़ का Pope Francis के साथ जुड़ाव और उनके द्वारा किए जा रहे कार्य न केवल चर्च के लिए बल्कि उनके समुदाय और पूरे विश्व के ईसाई अनुयायियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके कार्डिनल बनने की यह घोषणा उनके समर्पण और कड़ी मेहनत का परिणाम है, और यह निश्चित रूप से चर्च और उनके अनुयायियों के लिए एक ऐतिहासिक पल होगा।

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