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Noida Flood News 2023:1978 की बाढ़ में यमुना-हिंडन हो गई थीं एक

जब 1978 की बाढ़ में यमुना-हिंडन हो गई थीं एक, खाने तक को तरस गए थे लोग:  ज्यादा बारिश में अगर तटबंधों ने साथ नहीं दिया तो नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में होंगे। हिंडन का बैक फ्लो तो परेशान करेगा ही, नालों का ओवरफ्लो शहरी इलाकों में जलभराव का कारण बन जाएगा। यही नहीं, मानसून में हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी पर अगर नियंत्रण नहीं रहा तो यह भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

नोएडा में भले ही अधिक बारिश न हुई हो, लेकिन यमुना का जलस्तर अभी भी रिकॉर्ड स्तर पर बना हुआ है। डूब एरिया के इलाकों में यमुना का जलस्तर खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। जिस तरह से यमुना का जलस्तर बढ़ा है, उसने साल 1978 की बाढ़ की यादों को ताजा कर दिया है। उस वक्त यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक जा पहुंचा था। हिंडन और यमुना नदी एक हो गई थी। दादरी एरिया तक पानी भर गया था। टेलीफोन लाइन बंद थीं और बिजली पूरी तरह से काट दी गई थी। खाने तक के लिए लोग तरस गए थे। हालात इस कदर खराब थे कि लोग अपने पशुओं को लेकर ऊंचे स्थानों की तरह पलायन कर गए थे। सुरजपुर, साकीपुर से लेकर यमुना के डूब एरिया तक गावों के लोग दादरी के मिहिर भोज इंटर कॉलेज में कैंप में रहे थे।

1978 में नहीं था बांध: काफी संख्या में लोगों के मवेशी भी बाढ़ में बह गए थे। फसल चौपट हो गई थी। गांवों से कुछ दिन में पानी निकल गया था, लेकिन खेतों में पानी निकलने में काफी समय लगा था। इससे पूरे वर्ष भर खेती प्रभावित रही थी। वर्ष 1978 में यमुना से लेकर गांवों तक खेती होती थी। काफी मात्रा में यहां भूमि खाली पड़ी रहती थी। यमुना व गांवों में बीच में जो बांध आज दिखाई देता है, वह तब नहीं था।

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