Monkey Pox WHO Beware
Mpox Virus जिसे पहले मंकीपॉक्स Virus के नाम से जाना जाता था, हाल ही में पाकिस्तान में अपना पहला मामला दर्ज कराया है। यह वायरस पहले अफ्रीका और स्वीडन जैसे देशों में पाया गया था, लेकिन अब यह पाकिस्तान तक भी पहुंच गया है। यह मामला स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है क्योंकि यह वायरस तेजी से फैल सकता है और इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं।
Mpox Virus
Mpox Virus एक दुर्लभ लेकिन गंभीर वायरस संक्रमण है जो मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है। इसे पहली बार 1958 में मंकीपॉक्स के रूप में पहचाना गया था, जब यह बंदरों में देखा गया था। यह वायरस अब तक मुख्य रूप से अफ्रीकी देशों में पाया गया है, लेकिन हाल के वर्षों में यह अन्य देशों में भी फैल गया है।
पाकिस्तान में पहला मामला
पाकिस्तान में Mpox Virus का पहला मामला सामने आने के बाद सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। यह मामला एक व्यक्ति में पाया गया है जो हाल ही में अफ्रीका से लौटा था। मरीज को तुरंत आइसोलेट कर दिया गया है और उसका इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।
Mpox Virus के लक्षण
Mpox Virus के लक्षण चेचक के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ में दर्द, ठंड लगना, और थकान शामिल हैं। बुखार के 1 से 3 दिनों के बाद, रोगी के चेहरे पर दाने निकल सकते हैं, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाते हैं। यह दाने चेचक के दानों की तरह होते हैं और उनमें पस भी भर सकता है। कुछ मामलों में, यह संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है और जानलेवा भी साबित हो सकता है।
Mpox Virus का इलाज
Mpox Virus का कोई खास इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा सहायता उपलब्ध है। इसके लिए मरीज को तुरंत आइसोलेट करना जरूरी होता है ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके। इसके अलावा, एंटीवायरल दवाएं और वैक्सीन भी कुछ हद तक प्रभावी साबित हो सकती हैं। जो लोग संक्रमित होते हैं, उन्हें आराम, पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन और स्वस्थ भोजन का पालन करना चाहिए। गंभीर मामलों में, अस्पताल में भर्ती और आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है।
रोकथाम के उपाय
Mpox Virus से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। संक्रमित जानवरों से दूर रहना, उनके संपर्क में आने से बचना, और संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से भी बचना चाहिए। इसके अलावा, हाथों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए और भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना चाहिए। यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र से लौटे हैं जहां Mpox Virus का प्रकोप है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपनी जांच करानी चाहिए।
Mpox Virus, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, ने हाल ही में स्वीडन में अपना पहला मामला दर्ज कराया है, जिससे यह अफ्रीका के बाहर भी फैल चुका है। यह वायरस मुख्य रूप से अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाता था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे दुनिया के अन्य हिस्सों में भी फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वायरस को लेकर ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है, जिसका मतलब है कि इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।
mpox क्या है?
एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है। इस वायरस की पहचान पहली बार 1958 में की गई थी जब बंदरों में चेचक जैसी बीमारी देखी गई थी। यह वायरस इंसानों में भी फैल सकता है और इसके लक्षण चेचक से मिलते-जुलते हैं।
वायरस के लक्षण
एमपॉक्स वायरस से संक्रमित लोगों में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और शरीर पर दाने निकलना शामिल हैं। ये दाने शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे हाथ, पैर, चेहरे और जननांगों के आसपास हो सकते हैं। दाने पहले फुंसियों में बदलते हैं और फिर पपड़ी बनाकर सूख जाते हैं।
वायरस का प्रसार और इलाज
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इसके लिए कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए दर्द निवारक और बुखार कम करने की दवाइयां दी जा सकती हैं। यदि रोगी की इम्यूनिटी मजबूत है, तो वह बिना किसी खास उपचार के भी ठीक हो सकता है।
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल, डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने इसे एक गंभीर स्वास्थ्य संकट के रूप में देखा है और इसे रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्शन लेने की आवश्यकता बताई है। महामारी विज्ञानी मैग्नस गिसलेन ने बताया कि मरीज अफ्रीका के एक ऐसे क्षेत्र से यात्रा के दौरान इस वायरस से संक्रमित हुआ, जहां इसका प्रकोप अधिक है।
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