Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा। यह क्षेत्र भाजपा के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठान का भव्य समारोह आयोजित किया गया था और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन भी हुआ था। अयोध्या में किए गए सभी विकास कार्यों के बावजूद, भाजपा इस चुनाव में यह सीट नहीं जीत पाई। एनबीटी ऑनलाइन ने अयोध्या के नौजवानों से पूछा कि आखिर भाजपा के इस हार के पीछे मुख्य कारण क्या है। अयोध्या के नौजवानों ने बताया कि भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह इस हार के लिए जिम्मेदार हैं।
अयोध्या के निवासी आशीष मिश्रा का कहना है कि अयोध्या में विकास के कार्य तो हुए हैं, परंतु यहां के प्रत्याशी लल्लू सिंह के कारण भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि लल्लू सिंह ने जमीनी स्तर पर जनता से संवाद नहीं साधा। वे लगातार जीतते आए हैं, किन्तु सिर्फ विकास ही पर्याप्त नहीं होता। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए चिकित्सा सुविधाएं जैसे कि डॉक्टर और एम्बुलेंस की सेवाएं, और अन्य आवश्यक सहायता की व्यवस्था न हो पाना भी बड़ा मुद्दा रहा।
सोशल मीडिया पर अयोध्या के निवासियों के खिलाफ किए गए पोस्ट्स पर अपनी नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पोस्टें अनुचित हैं। अयोध्या के लोगों के बारे में लिखा जा रहा है कि वे सनातनी नहीं बल्कि विधर्मी हैं। असलियत यह है कि अयोध्या विधानसभा में भाजपा के लल्लू सिंह विजयी हुए हैं। उन्हें अयोध्या विधानसभा से 1 लाख 4 हजार वोट मिले हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद को कम वोट मिले हैं। फैजाबाद की अन्य विधानसभा सीटों पर उनकी हार के कारणों पर गहराई से विचार करना आवश्यक है।
अयोध्या के निवासी अखिलेश कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में परीक्षा पेपर का लीक होना भी मुख्य कारणों में से एक था। सोनू निगम के ट्वीट के उत्तर में उन्होंने कहा कि राम मंदिर हर किसी के हृदय में स्थान रखता है और इसका कोई विरोध नहीं हो रहा है। यहां के युवा बेरोजगार हैं, जिनके माता-पिता अज्ञात स्रोतों से पैसा जुटाते हैं। अब उन्हें और अधिक सावधानी बरतनी होगी क्योंकि यदि 2027 के चुनाव में रोजगार की घोषणाएँ नहीं की जातीं तो योगी जी की भी हार हो सकती है। स्थिरता रोजगार प्रदान करने से ही संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि लल्लू सिंह ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बहुमत से आती है, तो हम संविधान में परिवर्तन करेंगे। यह उनकी हार का भी एक प्रमुख कारण रहा।
अयोध्या के निवासी सचिन यादव ने बताया कि यहां अग्निवीर कार्यक्रम से समस्याएँ उत्पन्न हो गईं, और युवाओं के लिए नौकरियाँ नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा, “हमेशा केवल मंदिर की बातें नहीं होनी चाहिए। हालांकि मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है, लेकिन अन्य मुद्दों पर भी चर्चा आवश्यक है।”
4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद से अयोध्या के लोगों में दुविधा की स्थिति है। देश के विभिन्न भागों में बसे उनके परिजन, मित्र और परिचित लगातार फोन करके विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछ रहे हैं। सभी का मुख्य प्रश्न यह है कि यह सब कैसे हुआ, विशेषकर जब 500 वर्षों के इंतजार के बाद भाजपा के शासनकाल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नवनिर्मित और भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई हो।