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Kisaan Bill पर कंगना का बयान, चिराग और केसी त्यागी की प्रतिक्रिया

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अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लोकसभा सांसद Kangana Ranaut एक बार फिर से अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने Kisaan Bill से संबंधित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी की मांग की है। कंगना के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है, और विभिन्न दलों के नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जबकि बीजेपी ने साफ किया है कि कंगना का यह बयान पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं है।

कंगना का बयान और विवाद की शुरुआत

कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग की। कंगना ने कहा, “मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए।” उन्होंने यह भी तर्क दिया कि  किसान बिल किसानों के लिए फायदेमंद थे, लेकिन कुछ राज्यों में Kisaan Bill संगठनों के विरोध के चलते सरकार ने इन्हें वापस ले लिया था।

कंगना के इस बयान ने देशभर में बहस छेड़ दी है, खासकर जब सरकार ने पहले ही 2021 में तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। कंगना का कहना था कि ये कानून किसानों के हित में थे और उन्हें पुनः लागू किया जाना चाहिए।

बीजेपी ने कंगना के बयान से दूरी बनाई

कंगना रनौत के इस बयान के बाद बीजेपी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और साफ किया कि यह बयान कंगना का निजी विचार है, न कि पार्टी का आधिकारिक रुख। बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने कहा, “कंगना रनौत का Kisaan Bill पर दिया गया बयान पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं दर्शाता है। यह उनका निजी बयान है और इसे बीजेपी के दृष्टिकोण के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।”

इससे यह स्पष्ट हो गया कि बीजेपी कंगना के बयान से खुद को अलग कर रही है और इसका समर्थन नहीं कर रही है। गौरव भाटिया ने यह भी कहा कि कंगना को पार्टी की ओर से इस तरह का बयान देने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कंगना के बयान पर विपक्षी पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस के दिल्ली प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा, “कंगना रनौत को कौन बढ़ावा दे रहा है? क्यों बीजेपी उन्हें रोक नहीं रही है? उन्होंने पहले भी किसानों को ‘आतंकवादी’ कहा था, और अब फिर से Kisaan Bill के लिए अपमानजनक बयान दे रही हैं।”

कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कंगना के बयान का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “750 से अधिक किसानों की शहादत के बाद मोदी सरकार ने Kisaan Bill वापस लिया था। अब बीजेपी सांसद कंगना रनौत फिर से इन कानूनों की वापसी की बात कर रही हैं।”

जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कंगना के बयान की आलोचना की और इसे किसानों का अपमान बताया। उन्होंने कहा, “कंगना रनौत का बयान किसानों के संघर्ष और प्रधानमंत्री के फैसले का अपमान है। हम इस बयान का कड़ा विरोध करते हैं।”

कंगना की सफाई

कंगना रनौत ने विवाद बढ़ने के बाद सोशल मीडिया पर सफाई दी। उन्होंने कहा, “मेरे विचार Kisaan Bill पर व्यक्तिगत हैं और वे पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।” कंगना ने बीजेपी नेता गौरव भाटिया के बयान को भी रीपोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कंगना का बयान पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं है।

कंगना ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मैं किसानों के हित में बात कर रही थी, न कि किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत। मैं किसानों से अपील करती हूं कि वे अपने भले के लिए इन कानूनों पर पुनर्विचार करें।”

कृषि कानूनों का विवाद

2020 में केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून पारित किए थे, जिनका उद्देश्य किसानों को उनके उत्पाद सीधे बाजार में बेचने की अनुमति देना और बिचौलियों की भूमिका को कम करना था। हालांकि, इन कानूनों का कई Kisaan Bill  संगठनों द्वारा विरोध किया गया था, खासकर पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इसका कड़ा विरोध किया था। इन कानूनों के खिलाफ किसानों ने लंबे समय तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन किया। अंततः, 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया।

विपक्ष के आरोप

विपक्षी दलों का कहना है कि कंगना का बयान बीजेपी के असली मंसूबों को उजागर करता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि बीजेपी अब फिर से इन कानूनों को लागू करने की योजना बना रही है, जो कि Kisaan Bill के लिए हानिकारक होगा। कांग्रेस ने कहा, “हम किसानों के साथ खड़े हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि  किसान बिलअब कभी वापस न आए।

निष्कर्ष

कंगना रनौत के Kisaan Bill पर दिए गए बयान ने देशभर में राजनीतिक बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर बीजेपी ने कंगना के बयान से दूरी बना ली है, वहीं विपक्षी दल इसे सरकार के असली इरादों के रूप में देख रहे हैं। कंगना का यह बयान भारतीय राजनीति में एक और विवाद का कारण बन गया है, और अब यह देखना होगा कि आगे इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है।कंगना का बयान चाहे व्यक्तिगत हो, लेकिन इसने एक बार फिर से Kisaan Bill के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है, और इस पर राजनीति तेज होती जा रही है।

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