Site icon

International Film Monkey: अनुराग कश्यप की ‘बंदर’ ने मचाया तहलका

International Film Monkey

International Film Monkey : टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में अनुराग कश्यप की ‘बंदर’ ने मचाई धूम

प्रस्तावना

सिनेमा जगत में हर साल कुछ ऐसी फ़िल्में आती हैं जो दर्शकों और आलोचकों दोनों को गहराई तक प्रभावित करती हैं। इस बार International Film Monkey के मंच पर भारतीय सिनेमा ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई। मशहूर निर्देशक अनुराग कश्यप की नई फिल्म बंदर (Bandar), जिसमें बॉबी देओल और सान्या मल्होत्रा मुख्य भूमिकाओं में हैं, ने 50वें टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर के बाद जबरदस्त चर्चा बटोरी।

अनुराग कश्यप की नई प्रस्तुति

अनुराग कश्यप हमेशा से अपने प्रयोगात्मक और यथार्थवादी सिनेमा के लिए जाने जाते हैं। बंदर को उनके करियर की सबसे raw और hard-hitting फिल्म माना जा रहा है। International Film Monkey के इस मंच पर फ़िल्म ने न केवल दर्शकों को झकझोर दिया बल्कि कई गंभीर सामाजिक सवाल भी उठाए।

कहानी और संदेश

फिल्म का मूल संदेश कानून के प्रति समाज में व्याप्त असमानताओं पर केंद्रित है, खासकर पुरुषों के प्रति न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर। इस संदेश को जिस तीव्रता से फिल्म ने प्रस्तुत किया, उसने दर्शकों को असहज कर दिया।

बॉबी देओल का नया अवतार

फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण बॉबी देओल का नया रूप रहा। उन्होंने अपने किरदार को इतनी गहराई से जिया कि आलोचक इसे उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मान रहे हैं। International Film Monkey में बॉबी की इस ट्रांसफॉर्मेशन को खूब सराहा गया। उनके अभिनय ने दर्शकों को स्तब्ध कर दिया और यह दिखाया कि वह अभी भी चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।

सान्या मल्होत्रा की भावुक प्रस्तुति

सान्या मल्होत्रा ने फिल्म में एक ऐसा किरदार निभाया है जिसने दर्शकों के दिल को छू लिया। उनकी अदाकारी को ‘heart-wrenching’ कहा गया। आलोचकों का मानना है कि उन्होंने अपने किरदार की हर बारीकी को इतनी खूबसूरती से निभाया कि उनकी उपस्थिति ने पूरी फिल्म को ऊँचाई पर पहुँचा दिया।

अन्य कलाकारों का योगदान

इन कलाकारों की एकजुट मेहनत ने फिल्म को International Film Monkey पर सबसे चर्चित भारतीय प्रविष्टियों में शामिल कर दिया।

निर्माता निखिल द्विवेदी का साहसिक कदम

इस फिल्म के पीछे निर्माता निखिल द्विवेदी का बड़ा योगदान है। ‘वीरे दी वेडिंग’ और ‘CTRL’ जैसी फिल्मों के बाद उन्होंने एक बार फिर असाधारण और अनोखी कहानी पर भरोसा जताया। उनका मानना है कि भारतीय सिनेमा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए साहसिक कदम उठाना ज़रूरी है। International Film Monkey जैसे मंच पर बंदर को प्रस्तुत कर उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे अनोखी कहानियों को समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार हैं।

टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रतिक्रिया

TIFF 2025 में जब बंदर की स्क्रीनिंग हुई, तो दर्शकगण फिल्म की गहराई और तीव्रता से प्रभावित हुए। हॉल में सन्नाटा छा गया और उसके बाद तालियों की गड़गड़ाहट गूँज उठी। आलोचकों ने इसे “सबसे विवादित लेकिन सबसे ज़रूरी फिल्म” बताया।

International Film Monkey पर यह फिल्म न केवल भारत बल्कि विश्वभर के दर्शकों के लिए चर्चा का विषय बन गई। कई विदेशी समीक्षकों ने भी इसे सामाजिक रूप से प्रासंगिक और कलात्मक रूप से साहसी फिल्म करार दिया।

विवाद और बहस

फिल्म ने कानूनी व्यवस्था और पुरुषों के साथ उसके व्यवहार पर सवाल खड़े किए हैं। यही कारण है कि इसकी चर्चा केवल कलात्मकता तक सीमित नहीं रही, बल्कि सामाजिक बहस का मुद्दा भी बन गई। International Film Monkey पर प्रदर्शित होने के बाद यह बहस और तेज हो गई कि सिनेमा किस तरह समाज के गहरे सवालों को सामने ला सकता है।

बॉबी और सान्या की जोड़ी

फिल्म में बॉबी देओल और सान्या मल्होत्रा की जोड़ी ने दर्शकों को चौंका दिया। उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री और गहन संवाद अदायगी ने फिल्म को और प्रभावशाली बना दिया। यह जोड़ी आने वाले समय में और भी चर्चाओं का हिस्सा बनेगी।

भारतीय सिनेमा की जीत

बंदर का International Film Monkey पर प्रीमियर होना भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे यह साफ है कि भारतीय फिल्में अब केवल घरेलू दर्शकों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।

निष्कर्ष

अनुराग कश्यप की बंदर सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि एक अनुभव है जिसने हर दर्शक को गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया। बॉबी देओल का अद्भुत परिवर्तन, सान्या मल्होत्रा की भावुक अदाकारी और निखिल द्विवेदी का साहसिक प्रोडक्शन मिलकर इस फिल्म को अविस्मरणीय बनाते हैं।

International Film Monkey पर इस फिल्म की सफलता से यह साबित हो गया है कि भारतीय सिनेमा नए दौर में प्रवेश कर चुका है, जहाँ कहानियाँ और कलाकार दोनों ही सीमाओं से परे जाकर विश्व मंच पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

Read More:

Manoj Bajpayee Inspector Zende Review: परिवार वाले जादू का अहसास

Exit mobile version