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Kanwar Yatra 2024: हरिद्वार में आशिक अली बने देवदूत, गंगा में डूब रहे कांवड़िया मोनू सिंह की बचाई जान

Haridwar Kanwar Yatra

उत्तर प्रदेश के हरिद्वार में गंगा नदी में एक दर्दनाक घटना घटी जब एक कांवड़िया, मोनू सिंह, डूबने लगा। इस संकट के समय में, आशिक अली नामक एक युवक ने देवदूत की भूमिका निभाई और अपनी जान जोखिम में डालकर मोनू सिंह को उफनती लहरों से बचाया।

यह घटना तब हुई जब मोनू सिंह, जो Kanwar Yatra पर थे, गंगा नदी में स्नान कर रहे थे। अचानक वह गहरे पानी में चले गए और लहरों की चपेट में आ गए। वहां मौजूद अन्य कांवड़ियों ने शोर मचाया और मदद के लिए पुकारने लगे। इस समय पर, पास में ही मौजूद आशिक अली ने बिना किसी संकोच के नदी में छलांग लगा दी।

Kanwad Yatra

आशिक अली ने अपनी जान की परवाह किए बिना मोनू सिंह तक पहुँचने के लिए उफनती लहरों से जूझते हुए गहरे पानी में तैरकर पहुंचे। उन्होंने मोनू को पकड़कर किनारे तक लाने की कोशिश की। आशिक की बहादुरी और तेज प्रतिक्रिया के कारण मोनू की जान बच गई। जब वे सुरक्षित किनारे पर पहुंचे, तो सभी ने राहत की सांस ली और आशिक की बहादुरी की सराहना की।

आशिक अली की इस बहादुरी भरे कृत्य ने सभी का दिल जीत लिया और वह इस घटना के बाद स्थानीय हीरो बन गए। लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं और उन्हें एक सच्चा देवदूत मान रहे हैं। यह घटना न केवल आशिक अली की बहादुरी को दर्शाती है, बल्कि इंसानियत और भाईचारे की भी एक मिसाल पेश करती है।

इस घटना ने यह साबित कर दिया कि चाहे किसी भी धर्म या समुदाय से हों, संकट के समय में इंसानियत सबसे ऊपर होती है। आशिक अली का यह कार्य सभी के लिए प्रेरणादायक है और उनके इस साहसिक कदम की जितनी भी तारीफ की जाए, वह कम है।

इस समय पर, पास में ही मौजूद आशिक अली, जो एक स्थानीय युवक हैं, ने बिना किसी संकोच के नदी में छलांग लगा दी। आशिक अली ने बिना अपनी जान की परवाह किए हुए तेज लहरों में तैरकर मोनू सिंह तक पहुँचने की कोशिश की। उन्होंने बड़ी मुश्किल से मोनू को पकड़ा और उन्हें किनारे की ओर खींचने लगे।

आशिक अली ने अपनी पूरी ताकत और हिम्मत का प्रदर्शन किया और आखिरकार, मोनू सिंह को सुरक्षित किनारे पर ले आए। वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली और आशिक अली की बहादुरी की भरपूर सराहना की। मोनू सिंह के परिवार और अन्य कांवड़ियों ने आशिक अली का धन्यवाद किया और उन्हें एक सच्चा देवदूत मानते हुए उनकी तारीफ की।

आशिक अली की इस बहादुरी भरे कृत्य ने सभी का दिल जीत लिया और वह इस घटना के बाद स्थानीय हीरो बन गए। लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं और उनके इस साहसिक कदम को सराह रहे हैं। यह घटना न केवल आशिक अली की बहादुरी को दर्शाती है, बल्कि इंसानियत और भाईचारे की भी एक मिसाल पेश करती है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि चाहे किसी भी धर्म या समुदाय से हों, संकट के समय में इंसानियत सबसे ऊपर होती है।

आशिक अली का यह कार्य सभी के लिए प्रेरणादायक है और उनके इस साहसिक कदम की जितनी भी तारीफ की जाए, वह कम है। उनकी बहादुरी और इंसानियत की भावना ने एक नई मिसाल कायम की है, जो हमें यह सिखाती है कि असली हीरो वह होते हैं जो दूसरों की मदद के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते

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