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CV Raman Science Day: हैदराबाद में दिखेगी भारत की रक्षा शक्ति!

CV Raman Science Day

CV Raman Science Day: ‘विज्ञान वैभव’ में पहली बार DRDO की भव्य प्रदर्शनी

भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है, जिसे CV Raman Science Day के रूप में भी जाना जाता है। इस अवसर पर Defence Research and Development Organisation (DRDO) ने पहली बार ‘विज्ञान वैभव’ नामक एक बड़े विज्ञान उत्सव का आयोजन किया है। यह प्रदर्शनी हैदराबाद के गाचीबोवली स्टेडियम में 28 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजित की जा रही है, जिसमें भारत की रक्षा ताकत और वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रदर्शन किया जाएगा।


‘विज्ञान वैभव’ में DRDO की भव्य प्रदर्शनी

‘विज्ञान वैभव’ एक तीन दिवसीय कार्यक्रम है, जिसमें DRDO अपनी नवीनतम रक्षा तकनीकों, मिसाइल सिस्टम, युद्धक टैंकों, रडार, ड्रोन और भविष्य की युद्ध प्रणालियों को प्रदर्शित करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे, जो DRDO, एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ यूथ एक्सीलेंस के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

इसमें 200 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जहां छात्रों और आम जनता को भारत की रक्षा और एयरोस्पेस तकनीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा।


प्रदर्शनी में क्या-क्या देखने को मिलेगा?

‘विज्ञान वैभव’ में कई अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों और मिसाइल सिस्टम को पेश किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:


छात्रों के लिए खास आयोजन

DRDO का उद्देश्य इस प्रदर्शनी के माध्यम से युवाओं को रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना है।

GA श्रीनिवास मूर्ति, निदेशक, DRDL ने कहा:
“इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को रक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति आकर्षित करना है। पहली बार, लोग टीवी पर देखने की बजाय असली मिसाइलों को करीब से देख सकेंगे।”

DRDO DG मिसाइल्स, यू राजा बाबू ने बताया कि इस कार्यक्रम में 25,000 से 30,000 छात्रों को आमंत्रित किया गया है। उनके लिए इंटरएक्टिव सेशन और टेक्नोलॉजी अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे।

पहला दिन पंजीकृत छात्रों के लिए रहेगा, जबकि 1 और 2 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आम जनता के लिए कार्यक्रम खुला रहेगा।


CV Raman Science Day और ‘रमन प्रभाव’ की महत्ता

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भारत के महान वैज्ञानिक सी.वी. रमन और उनके द्वारा खोजे गए रमन प्रभाव को विशेष रूप से याद किया जाता है।

CV Raman Science Day के अवसर पर MIT-World Peace University के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. मिलिंद पांडे ने कहा:
“रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी किसी भी पदार्थ की संरचना को उसके मूल रूप में पहचाने में सक्षम होती है, जिससे यह मंगल ग्रह के कठोर वातावरण के लिए अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होती है।”

आज रमन प्रभाव का उपयोग मंगल ग्रह पर जीवन के संकेतों की खोज में किया जा रहा है।

रमन प्रभाव और अंतरिक्ष में उसकी भूमिका:


CV Raman Science Day का महत्व

सीवी रमन को उनकी खोज के लिए 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी खोज विज्ञान के क्षेत्र में भारत के योगदान का प्रमाण है।

CV Raman Science Day राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य:

  1. युवाओं को विज्ञान और अनुसंधान में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना।
  2. भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों का जश्न मनाना।
  3. रमन प्रभाव और अन्य वैज्ञानिक नवाचारों की महत्ता को उजागर करना।

इस साल का राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत की रक्षा, अंतरिक्ष और अनुसंधान क्षेत्रों में हो रही नई खोजों को समर्पित है।


CV Raman Science Day: भारत की रक्षा शक्ति और वैज्ञानिक विकास

भारत में विज्ञान और रक्षा अनुसंधान तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। DRDO, ISRO और अन्य वैज्ञानिक संस्थान नई तकनीकों का विकास कर रहे हैं, जो भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूत वैज्ञानिक और रक्षा शक्ति बनाने में मदद कर रहे हैं।

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