Chittorgarh के श्री सांवलिया सेठ मंदिर में 10.25 करोड़ की दानराशि
राजस्थान के Chittorgarh जिले में स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर, जो कि एक प्रमुख कृष्ण धाम के रूप में प्रसिद्ध है, में मंगलवार को मासिक दान पात्र खोला गया। इस दौरान पहले दिन की गिनती में 10.25 करोड़ रुपये की दानराशि मिली। भक्तों द्वारा अर्पित की गई यह राशि मंदिर के लिए एक महत्वपूर्ण आय स्रोत है और इसका उपयोग मंदिर की धार्मिक गतिविधियों और विकास कार्यों में किया जाता है।
दान की गिनती में 80 से अधिक कार्मिकों का योगदान
दान राशि की गिनती के लिए 80 से अधिक मंदिर मंडल के कार्मिकों को नियुक्त किया गया। इन कार्मिकों ने कड़ी मेहनत करते हुए पहले दिन के दान पात्र से निकली राशि की गिनती की। पांच सौ-पांच सौ रुपये के नोटों के बंडल बनाए गए और उन्हें मैनुअल और इलेक्ट्रॉनिक कैमरों की निगरानी में गिना गया। इस प्रक्रिया को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत किया गया ताकि कोई भी गड़बड़ी न हो। दान राशि की गिनती के दौरान सीसीटीवी कैमरे और मैनुअल कैमरे का इस्तेमाल किया गया था।
Chittorgarh मन्नत पूरी होने पर भक्त अर्पण करते हैं दान
श्री सांवलिया सेठ मंदिर के बारे में यह खास बात है कि भक्त अपने व्यापार में श्री सांवलिया सेठ को अपने पार्टनर के रूप में मानते हैं और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है, तो वे इस प्रकार का दान अर्पित करते हैं। यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है और प्रतिदिन यहां हजारों Chittorgarh श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मंदिर में श्रद्धालु अपने कारोबार में सफलता पाने की मन्नत मांगते हैं और जब उनकी कामना पूरी होती है, तो वे दान अर्पित करके अपनी आस्था और धन्यवाद अदा करते हैं।
पिछले महीने 26 करोड़ रुपये की दान राशि मिली थी
पिछले महीने श्री सांवलिया सेठ मंदिर में मासिक भंडार से 26 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई थी। यह राशि भी मंदिर की धार्मिक गतिविधियों और विकास कार्यों में योगदान देती है। इस प्रकार की दान राशि की गिनती में Chittorgarh ओं की भागीदारी का एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो मंदिर की समृद्धि और धार्मिक कार्यों को बढ़ावा देती है।
दूसरे चरण की गिनती की तारीख
अब दूसरे चरण की गिनती गुरुवार, 26 जून से शुरू होगी। पहले चरण की गिनती के बाद भक्तों और प्रशासनिक अधिकारियों की नजरें अब दूसरे चरण की गिनती पर होंगी। इसके बाद कुल दान राशि की कुल राशि का खुलासा होगा। इस दौरान मंदिर प्रशासन ने भक्तों से अनुरोध किया है कि वे अपने दान अर्पित करते समय सावधानी बरतें और पूरे साल भर अपने दान का हिसाब रखें।
दान राशि का उपयोग मंदिर की गतिविधियों में
इस दान राशि का उपयोग मंदिर की धार्मिक गतिविधियों में किया जाएगा, जिसमें मंदिर के भव्य आयोजन, पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, और अन्य विकास कार्य शामिल हैं। मंदिर की आय से होने वाली इन गतिविधियों से न केवल Chittorgarh श्रद्धालुओं की आस्था को बल मिलता है, बल्कि मंदिर की सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभाया जाता है।
अगला कदम: दान राशि का उपयोग
दान राशि की गिनती के बाद प्रशासन और मंदिर के अधिकारी इस राशि का उपयोग मंदिर के विभिन्न कार्यों के लिए करेंगे। इसके साथ ही, भक्तों के योगदान को सराहा जाएगा और उनकी आस्था को और भी मजबूत किया जाएगा।
उपसंहार
श्री सांवलिया सेठ मंदिर में होने वाली इस प्रकार की धार्मिक गतिविधियां न केवल भक्तों की आस्था को मजबूत करती हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होती हैं। Chittorgarh के इस मंदिर की प्रसिद्धि दिन-ब-दिन बढ़ रही है और इसकी धार्मिक गतिविधियां पूरे राज्य के Chittorgarh श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं।
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