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buckwheat flour: मिलावटी कुट्टू आटे से सैंकड़ों लोग अस्पताल पहुंचे

buckwheat flour

Buckwheat flour में मिलावट से दिल्ली में बड़े पैमाने पर बीमारी: 370 मरीज अस्पताल में भर्ती

सोमवार रात दिल्ली के उत्तर और उत्तर-पश्चिमी इलाकों में नवरात्रि के जश्न में एक बड़ी चिंता का कारण बनी, जब करीब 400 लोग बबू जगजीवन राम मेमोरियल (BJRM) अस्पताल में भर्ती हुए। ये लोग कुट्टू के आटे (buckwheat flour) के सेवन के बाद बीमार हो गए थे, जो कथित रूप से मिलावटी था। यह घटना दिल्ली में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता पर सवाल उठाती है, और दिल्ली सरकार ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। इस घटना में AAP ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि मिलावट करने वालों को बचाया जा रहा है।

buckwheat flour: घटना का विवरण

बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने पुष्टि की कि लगभग 370 मरीज BJRM अस्पताल में भर्ती हुए थे। उन्होंने बताया कि “खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग मामले की जांच कर रहा है, ताकि इस मिलावटी (buckwheat flour) आटे के स्रोत का पता चल सके।” इसके बाद, भिशम सिंह, उप पुलिस आयुक्त (उत्तर पश्चिम), ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सूचित किया कि मरीजों को उल्टी, कमजोरी, कम रक्तचाप जैसे लक्षण हो रहे थे, और कुछ मरीजों को तो बार-बार उल्टियां भी हुईं। यह घटना दिल्ली के विभिन्न इलाकों जैसे जहांगीरपुरी, महेन्द्र पार्क, समायपुर, भलस्वा डेरी, लाल बाग और स्वरोप नगर से संबंधित थी।

लोगों का अनुभव

buckwheat flour: जहांगीरपुरी के निवासी विजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने और उनके परिवार के तीन सदस्यों ने सोमवार रात 7 बजे (buckwheat flour) की रोटियां खाई, जिसके बाद लगभग एक घंटे में उन्हें अस्वस्थ महसूस होने लगा। शर्मा ने कहा, “मेरे हाथ और पैर सुन्न हो गए थे और दिल की धड़कन तेज हो गई थी। मेरी पत्नी को उल्टी आई और मेरी बेटी को मतली महसूस हो रही थी।” वहीं, ममता देवी ने बताया कि उनकी रक्तचाप रात में बहुत घट गई थी, जबकि उनके पति और बेटी को उल्टियां हो रही थीं। ममता देवी ने बताया कि उनके परिवार के छह सदस्यों को BJRM अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें भोजन विषाक्तता का शिकार बताया गया।

केंद्र सरकार और AAP का रुख

buckwheat flour केंद्र सरकार ने इस घटना को लेकर तुरंत कार्रवाई करते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सरकार खाद्य मिलावट के खिलाफ शून्य सहनशीलता नीति अपनाती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) इस मामले की पूरी तरह से जांच करेगा। पासवान ने कहा, “नवरात्रि के दौरान buckwheat flour का व्यापक सेवन होता है, और इस मामले की गहरी जांच की जाएगी।”

दूसरी ओर, AAP विधायक संजीव झा, जो अस्पताल गए थे, ने आरोप लगाया कि मरीजों ने उन्हें बताया कि उन्होंने विभिन्न दुकानों से आटा खरीदा था, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह समस्या कहीं अधिक बड़ी हो सकती है। झा ने कहा, “मरीजों को पेट में जलन हो रही थी और उनमें से कई को बुखार भी आ गया था।” उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में मसाले और अनाजों में मिलावट का एक बड़ा मामला है और बीजेपी सरकार इन मिलावट करने वालों को बचा रही है।

AAP दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि जब सैकड़ों लोग बीमार हो गए, तब सरकार डांडिया खेलने में व्यस्त थी और मिलावट को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी।

मिलावट के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता

buckwheat flour: यह घटना दिल्ली में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को उजागर करती है, जहां लोग सस्ते और जल्दी उपलब्ध खाद्य सामग्री की ओर बढ़ते हैं, लेकिन उसकी गुणवत्ता की जांच नहीं की जाती। इस स्थिति ने न केवल उपभोक्ताओं को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि सरकार की अनदेखी से जनता का विश्वास भी डगमगाया है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच कड़ी हो, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके।

खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण का महत्व

खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण आज के समय में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। इससे जुड़ी कड़ी निगरानी, सरकारी तंत्र की सक्रियता और जनता की जागरूकता की आवश्यकता है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो ऐसे कई हादसे हो सकते हैं, जो न केवल जीवन को खतरे में डाल सकते हैं, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। AAP ने भी इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा है कि सरकार को इस विषय पर पूरी तरह से ध्यान देना चाहिए, और उपभोक्ताओं के हित में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

अंत में

दिल्ली में इस मामले की बढ़ती गंभीरता ने यह दिखा दिया है कि खाद्य सुरक्षा के नियमों को लागू करने में सरकार को तेजी से काम करना चाहिए। खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

निष्कर्ष: यह घटना न केवल उपभोक्ताओं के लिए एक चेतावनी है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता की गंभीरता को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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