Bihar Teacher Attendance विवाद: गाड़ी में बैठकर ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज करने पर शिक्षिका पर कार्रवाई
हाल ही में बिहार के गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर प्रखंड में एक शिक्षिका पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई, जब उसने स्कूल में उपस्थित न रहते हुए अपनी Bihar Teacher Attendance दर्ज की। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया और दो दिनों के भीतर जवाब मांगा। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो आगे की कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घटना का विवरण
यह मामला बिहार के गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर ब्लॉक में सामने आया, जहां रेणु कुमारी नाम की एक शिक्षिका पर आरोप है कि उन्होंने कई मौकों पर अपनी Bihar Teacher Attendance दर्ज करने के लिए स्कूल परिसर में सेल्फी लेने के बजाए, कार में बैठकर अपनी अटेंडेंस ऑनलाइन दर्ज की। इस घटना की जांच के बाद यह सच पाया गया कि उन्होंने 9, 10, 13, 14, 23, 24, 27 सितंबर और 2 अक्टूबर को अपनी उपस्थिति कार में बैठे हुए ही दर्ज की थी।
शिक्षा विभाग द्वारा यह घटना तब प्रकाश में आई जब Bihar Teacher Attendance दर्ज करने के लिए ई-शिक्षाकोष एप्लिकेशन के नए दिशानिर्देशों के तहत शिक्षकों की सेल्फियों की जांच की गई। नियमों के अनुसार, प्रत्येक शिक्षक को अपनी उपस्थिति के समय स्कूल परिसर में मौजूद रहकर सेल्फी लेना आवश्यक है। लेकिन रेणु कुमारी ने बार-बार इस प्रक्रिया का उल्लंघन किया, जिससे विभाग को जांच करनी पड़ी।
ई-शिक्षाकोष प्रणाली और शिक्षक उपस्थिति का मामला
बिहार में Bihar Teacher Attendance को सुनिश्चित करने के लिए मई 2024 में एक नई प्रणाली लागू की गई थी, जिसके तहत सभी शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष एप्लिकेशन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होती है। इस प्रणाली का उद्देश्य यह था कि शिक्षक स्कूल में उपस्थित होकर ही अपनी अटेंडेंस दर्ज करें। इसके लिए उन्हें स्कूल परिसर में अपनी सेल्फी लेकर उसे एप्लिकेशन पर अपलोड करना होता है।
हालांकि, इस घटना ने शिक्षा विभाग के इस नए प्रणाली के तहत शिक्षकों के अनुशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। रेणु कुमारी का मामला सिर्फ एक उदाहरण नहीं है, बल्कि रिपोर्टों के अनुसार, इस तरह के कई अन्य मामले भी सामने आए हैं, जिनमें शिक्षक स्कूल में उपस्थित न रहते हुए अपनी अटेंडेंस ऑनलाइन दर्ज करते पाए गए हैं।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई
जांच के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) योगेश कुमार ने स्कूल के प्रधानाध्यापक को निर्देश दिया कि वे शिक्षिका से स्पष्ट स्पष्टीकरण मांगें और इसे दो दिनों के भीतर DEO कार्यालय में जमा करें। अगर शिक्षिका द्वारा दी गई प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं होती है, तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। DEO कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में उन तारीखों की तस्वीरें भी संलग्न की, जब रेणु कुमारी ने अपनी उपस्थिति कार में बैठकर दर्ज की थी।
इस मामले के उजागर होने के बाद, शिक्षा विभाग के अन्य शिक्षकों के बीच भी हलचल मच गई है। अन्य शिक्षकों को भी इस बात का डर सता रहा है कि अगर वे भी इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो उनके खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई हो सकती है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई हो। जबसे Bihar Teacher Attendance प्रणाली लागू की गई है, तबसे कई शिक्षक इस प्रणाली का दुरुपयोग करते पाए गए हैं। मई 2024 में इस प्रणाली के लागू होने के बाद, अब तक 700 से अधिक शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा जा चुका है। इसका मुख्य कारण यह है कि शिक्षक अपने निर्धारित स्थान पर उपस्थित नहीं रहते और फिर भी अपनी अटेंडेंस दर्ज कर देते हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही इस कार्रवाई का उद्देश्य यह है कि सभी शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को समझें और समय पर स्कूल में उपस्थित रहें। यह कदम उन शिक्षकों के खिलाफ सख्ती से उठाया गया है, जो अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतते हैं।
Bihar Teacher Attendance शिक्षकों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद शिक्षकों के बीच तनाव का माहौल है। कई शिक्षक इस नई उपस्थिति प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं और मानते हैं कि यह प्रणाली उनके कामकाज को और भी जटिल बना रही है। हालांकि, शिक्षा विभाग इस प्रणाली को इसलिए लागू कर रहा है ताकि शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी की जा सके और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
कई शिक्षक इस प्रणाली को अनुचित मानते हैं, क्योंकि इसमें तकनीकी समस्याएं भी आती हैं, जैसे नेटवर्क की कमी या एप्लिकेशन में बग्स। कुछ शिक्षकों का यह भी कहना है कि कभी-कभी तकनीकी कारणों से उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती है, जिससे उनकी सैलरी भी कट जाती है।
शिक्षा में सुधार के प्रयास
Bihar Teacher Attendance बिहार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। Bihar Teacher Attendance प्रणाली का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी शिक्षक अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन करें और छात्रों को समय पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। सरकार ने इस दिशा में कई और प्रयास किए हैं, जैसे कि शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का विकास और डिजिटल शिक्षा का प्रसार।
इस नई प्रणाली के लागू होने से सरकार उम्मीद कर रही है कि शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेंगे और अपने समय का सही उपयोग करेंगे।
निष्कर्ष
Bihar Teacher Attendance विवाद ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल शिक्षकों के अनुशासन पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि शिक्षा विभाग किस हद तक सुधार लाने के लिए प्रयासरत है। रेणु कुमारी की इस घटना के बाद अन्य शिक्षकों के लिए एक चेतावनी है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को हल्के में न लें और पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और अन्य शिक्षकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
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