बिहार सरकार भूमि दस्तावेज़ महा-अभियान: कर्मचारियों के तबादले पर रोक, सेवाओं में सुधार की दिशा में कदम
बिहार राज्य सरकार ने राजस्व महा-अभियान के तहत राजस्व कर्मचारियों के तबादले और अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने का फैसला लिया है। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है जो जमाबंदी सुधार, नामांतरण, बंटवारा आदि जैसे कार्यों में संलिप्त हैं। राज्य सरकार ने इसे प्राथमिकता की कार्रवाई बताया है और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने इस पर जोर दिया है कि इस अभियान के दौरान किसी भी प्रकार की कोई बाधा नहीं आनी चाहिए, ताकि भूमि संबंधित दस्तावेजों के वितरण में कोई रुकावट न हो।
भूमि दस्तावेज़ महा-अभियान का महत्व:
यह महा-अभियान 20 सितंबर तक चलेगा और इस दौरान आम जनता को उनकी भूमि से संबंधित दस्तावेज़ प्रदान किए जाएंगे। राज्य सरकार की योजना है कि इस अभियान के माध्यम से पंचायत स्तर तक पारदर्शी व सरल तरीके से दस्तावेज़ मुहैया किए जाएं। इस अभियान की अवधि में विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि रैयतों को समय पर और बिना किसी कठिनाई के भूमि दस्तावेज़ मिल सकें।
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है कि 20 सितंबर तक कोई भी राजस्व कर्मचारी निलंबित न किया जाए और किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई न हो। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि जमाबंदी सुधार, नामांतरण और अन्य संबंधित कार्य बिना किसी रुकावट के चल सकें। इस आदेश से यह भी स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता इस समय राजस्व सुधार और भूमि दस्तावेज़ का वितरण है।
राजस्व महा-अभियान की प्रक्रिया:
भूमि दस्तावेज़ राजस्व महा-अभियान के दौरान, विशेष रूप से उन रैयतों को ध्यान में रखते हुए जो भूमि से संबंधित दस्तावेज़ों के लिए कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, पंचायतों में शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों के माध्यम से आवेदन लिए जाएंगे और लोगों को उनके कागजात बिना किसी समस्या के दिए जाएंगे। इस अभियान में बंटवारा नामांतरण, उत्तराधिकार नामांतरण और ऑफलाइन जमाबंदियों को ऑनलाइन करने के उद्देश्य से कार्य किए जाएंगे।
राजस्व महा-अभियान के तहत भूमि दस्तावेज़ों की पारदर्शिता और सरलता को बढ़ाया जा रहा है, जिससे रैयतों को उनकी भूमि के संबंध में कोई कठिनाई न हो और वह अपना कार्य सही तरीके से कर सकें।
कर्मचारियों के तबादले पर रोक का महत्व:
भूमि दस्तावेज़ इस फैसले का एक और उद्देश्य यह है कि किसी भी राजस्व कर्मी के तबादले से अभियान में व्यवधान न आए। यह निर्णय इसलिए भी लिया गया है क्योंकि यह संभावना है कि इस दौरान कर्मचारियों को अपनी नई जिम्मेदारियों से पूरी तरह से अवगत होने में समय लग सकता है, जिससे कार्यों में रुकावट हो सकती थी। विभागीय मंत्री संजय सरावगी ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस निर्णय के माध्यम से उन्हें विश्वास है कि यह अभियान सफलतापूर्वक चल सकेगा।
निष्कर्ष:
बिहार सरकार का यह कदम राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिससे न केवल रैयतों के लिए भूमि संबंधित दस्तावेज़ों का वितरण आसान होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि कर्मचारियों को बिना किसी बाधा के अपना कार्य करने का पूरा अवसर मिले। इस कदम के परिणामस्वरूप राज्य सरकार का यह अभियान, राज्य में राजस्व सुधार के दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
भूमि दस्तावेज़ राजस्व महा-अभियान में कर्मचारियों के तबादलों पर रोक और अनुशासनात्मक कार्रवाई की रोक के फैसले से यह संकेत मिलता है कि बिहार सरकार अपनी भूमि व्यवस्था में सुधार करने के लिए गंभीर है और इस सुधार को लागू करने में किसी भी प्रकार की रुकावट को स्वीकार नहीं करेगी।
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