Aap Ki Khabar

Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina: Bangladesh की पीएम शेख हसीना ने विरोध के बीच दिया इस्तीफा क्या वह भारत जाएंगी?

Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina

Prime Minister शेख़ हसीना ने इस्तीफ़ा दे दिया और देश छोड़ दिया है. बताया जा रहा है कि देश छोड़ते वक़्त उनके साथ उनकी बहन शेख़ रेहाना भी थीं। उनकी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन लगातार बढ़ते जा रहे थे, जिससे राजनीतिक स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई थी। हाल के चुनावों में व्यापक धांधली के आरोपों और विपक्षी दलों द्वारा चलाए गए विरोध प्रदर्शनों ने इस स्थिति को और भी गंभीर बना दिया।

Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina

शेख हसीना, जो 2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं, ने पिछले कुछ समय में देश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। लेकिन उनके शासन के खिलाफ आलोचना भी बढ़ी है, खासकर मानवाधिकारों और चुनावी प्रक्रियाओं के मामले में। विपक्षी दलों का आरोप है कि हसीना की सरकार ने चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष नहीं रखा और कई बार अपने राजनीतिक विरोधियों को सताने का प्रयास किया।

इस्तीफे के बाद, शेख हसीना ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और स्थिरता उनके लिए सर्वोपरि है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों का जिक्र किया और कहा कि उन्हें अपने निर्णय पर गर्व है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी था।

कई विश्लेषकों का मानना है कि शेख हसीना का यह निर्णय भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। बांग्लादेश और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, और हसीना का भारत जाना संभावित रूप से दोनों देशों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने का एक अवसर हो सकता है। भारत ने हमेशा बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता और विकास में रुचि दिखाई है, और इस तरह की घटनाओं के दौरान सहयोग को और मजबूत किया है।

bangladesh में राजनीतिक अस्थिरता के चलते, हसीना के नेतृत्व में बने रहे विरोध के बाद उनके इस्तीफे से स्थिति और भी जटिल हो गई है। कई राजनीतिक विश्लेषक अब यह अनुमान लगा रहे हैं कि क्या यह बदलाव बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा में एक नई शुरुआत का संकेत हो सकता है।

बांग्लादेश की Prime Minister शेख हसीना ने हाल ही में एक बड़े राजनीतिक संकट के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर जा चुकी हैं। बीबीसी बांग्ला सेवा के अनुसार, उनके साथ उनकी बहन शेख रेहाना भी थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना हेलीकॉप्टर से भारत के अगरतला की ओर रवाना हुई हैं। उनके इस्तीफे के बाद बांग्लादेश की सेना ने एक अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया है।

बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन ने हाल के दिनों में व्यापक रूप ले लिया है।


|सोमवार को छात्र नेताओं द्वारा ‘ढाका तक लॉंग मार्च’ का आह्वान किया गया था, जिसके तहत हजारों लोग ढाका के उपनगरीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं। बीबीसी बांग्ला के संवाददाताओं के अनुसार, प्रदर्शनकारियों की संख्या में महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या है, जो शाहबाग़ की ओर पैदल और रिक्शा से मार्च कर रहे हैं।

इस बीच, सेना को सड़कों पर तैनात किया गया है, लेकिन वह प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास नहीं कर रही है। आर्मी चीफ जनरल वकार-उज़-ज़मान ने कहा है कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी और उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन में जो लोग मारे गए हैं, उनके लिए इंसाफ़ होगा।

हाल ही में ढाका में Prime Minister  हसीना के आधिकारिक आवास पर प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया, जिसके वीडियो फुटेज सामने आए हैं। इन वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी उनके आवास में घुसकर लूटपाट कर रहे हैं। सरकारी विरोधी प्रदर्शनों में पिछले महीने करीब 300 लोग मारे गए थे। रविवार को फिर से हुई हिंसा में कम से कम 90 लोग मारे गए हैं।

bangladesh में छात्रों का आंदोलन जुलाई महीने से चल रहा है, जिसमें उनकी मांग है कि सरकारी नौकरी में आरक्षण को समाप्त किया जाए। सरकार ने कुछ आरक्षण को कम करने के प्रयास किए हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।

इस आंदोलन में अब तक लगभग 300 लोगों की जान जा चुकी है। छात्रों ने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन की अपील भी की थी, जिसमें लोगों से सरकारी टैक्स न देने की अपील की गई थी। खबरों के अनुसार, प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर पत्थरबाजी कर रहे हैं।

bangladesh सरकार ने पूरे देश में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया है, जिसके कारण ढाका ट्रिब्यून और बांग्ला ट्रिब्यून जैसी प्रमुख समाचार वेबसाइटें ऑफलाइन हो गई हैं। bangladesh में लगभग 17 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं, और यह दूसरी बार है जब इंटरनेट सेवाएं रोकी गई हैं।

प्रदर्शन के दौरान, कई लोग सरकारी इमारतों और पुलिस स्टेशनों में आग लगाने के मामलों में शामिल हुए हैं। Prime Minister हसीना ने हाल ही में छात्र नेताओं से बिना शर्त बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

भारत में बीबीसी संवाददाता सौतिक बिस्वास के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि bangladesh में बढ़ती हिंसा पर भारत की चुप्पी आश्चर्यजनक नहीं है। भारत आमतौर पर अपने करीबी संबंधों वाले देशों में आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से बचता है।

हसीना के समर्थकों ने उनके इस्तीफे की खबरों को नकारा है। उनके समर्थन में कई लोग खड़े हैं, जो उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को महत्व देते हैं। हालाँकि, बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अब बहुत अस्थिर है, और सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि आगे क्या होता है।

शेख हसीना का यह इस्तीफा बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। देश की स्थिति को देखते हुए, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नई अंतरिम सरकार क्या दिशा लेगी और प्रदर्शनकारी कैसे प्रतिक्रिया देंगे
bangladesh  की राजनीतिक स्थिति अब एक नई दिशा में बढ़ रही है, और सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ेगी। साथ ही, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि क्या शेख हसीना भारत में जाकर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत कर पाएंगी या नहीं।

ये भी देखें;

सेल्फी लेते समय महिला की खाई में गिरने की घटना बचाव का वीडियो बना इंटरनेट पर हिट!

 

Exit mobile version